बेरोजगारों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का किया समर्थन

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लखनऊ में धरना देने वाले बेरोजगारों को भाजपा का दलाल बताने वाले 4 दिसंबर 2018 में हुई कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो सुने।इन्हीं बेरोजगारों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था।

एस0 पी0 मित्तल

03 दिसंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर के बाहर राजस्थान के सैकड़ों बेरोजगारों युवका का धरना लगातार सातवें दिन भी जारी रहा। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले दिए जा रहे धरने में शामिल युवक-युवतियां कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मिलना चाहते हैं। लखनऊ धरने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया दी है। इस प्रति क्रिया के बाद धरना देने वालों को भाजपा का दलाल बताया जा रहा है। कांग्रेस के इन आरोपों से बेरोजगार युवाओं में गुस्सा है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने 3 दिसंबर को एक वीडियो जारी किया है, यह वीडियो 4 दिसंबर 2018 को जयपुर में हुई कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस का है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेरोजगारों के प्रतिनिधि उपेन यादव के साथ साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, यूपी कांग्रेस वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी आदि मौजूद है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन खेड़ा बेरोजगारों की मांग पत्र को पढ़ कर सुना रहे हैं। खेड़ा का कहना रहा कि इन सभी मांगों से कांग्रेस सहमत है और सरकार बनने पर इन मांगों को पूरा किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपेन यादव का भी कहना रहा कि जब हमारे मांग पत्र पर कांग्रेस की सहमति हो गई है तो विधानसभा चुनाव में हम कांग्रेस को समर्थन देते हैं। बेरोजगारों की मांगों में विद्यार्थी मित्र सहित सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग भी थी। उपेन यादव का कहना है कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बने तीन वर्ष गुजर गए हैं, लेकिन अभी तक भी बेरोजगारों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।

कांग्रेस के घोषणा पत्र को बताने के लिए ही वे प्रियंका गांधी से मिलने के लिए लखनऊ आए हैं। यादव ने सवाल उठाया कि जब बेरोजगारों के समर्थन से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी है, तब हम लखनऊ आने पर भाजपा के दलाल कैसे हो सकते हैं? यादव ने कहा कि बेरोजगारों की समस्याओं को लेकर उन्होंने भाजपा शासन में भी आंदोलन किए और अब कांग्रेस शासन में भी आंदोलन कर रहे हैं। उनका मकसद राजस्थान के बेरोजगारों को राहत दिलवाना है। प्रदेश में सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। चूंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेरोजगारों की सुध नहीं ले रहे हैं, इसलिए उन्हें लखनऊ आना पड़ा है। बेरोजगारों का धरना राजस्थान में भी पिछले दो माह से लगातार चल रहा है।