उत्तर प्रदेश में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना हो रही साकार

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प्रदेश में अल्पसंख्यक आबादी 19 से 20 प्रतिशत, सभी लाभार्थीपरकयोजनाओं में अल्पसंख्यक आबादी को 35 फीसदी तक लाभ मिला।वर्ष 2016-17 में प्रदेश से निर्यात लगभग 88 हजार करोड़ रु0 था, ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू होने से प्रदेश का निर्यात बढ़कर वर्तमान में 1.56 लाख करोड़ रु0 नगरीय क्षेत्रों में पाइप पेयजल की उपलब्धता के लिएअमृत 2.0 योजना सभी 734 नगर निकायों में लागू की जाएगी।वर्ष 2016-17 के बजट में राज्य कर से आमदनी 29 प्रतिशत,वर्तमान बजट में यह बढ़कर 36 प्रतिशत, यह वृद्धि राज्य सरकारके बेहतर वित्तीय प्रबन्धन, राजस्व चोरी रोकने से सम्भव हुई।कोरोना की चुनौतियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभूतपूर्व कार्यों, लोककल्याण कीअनेक योजनाओं के बाद भी प्रदेश सरकार राजकोषीय घाटे को एफ0आर0बी0एम0एक्ट की तय सीमा 4.5 प्रतिशत के सापेक्ष 3.96 प्रतिशत तक रखने में सफल।

राजू यादव

मुख्यमंत्री योगी यहां विधान सभा में वर्ष 2022-23 के बजट पर चर्चा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 26 मई, 2022 को वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित 124 सदस्यों ने अपने अमूल्य विचारों को रखा है। सत्ता पक्ष के 77 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने के सम्बन्ध में चर्चा की और सुझाव दिए। कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हुई है। इससे आमजन के मन में सदन की गरिमा और लोकतंत्र तथा जनप्रतिनिधियों के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास होगा को सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू किया जाए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य का वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश के सर्व-समावेशी एवं समग्र विकास के लिए है। यह राज्य के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश के समग्र विकास, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, श्रमिक और समाज के सभी वर्गाें के उत्थान का माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अन्नदाता किसानों को पी0एम0 किसान योजना अंतर्गत 11वीं किस्त भेजने के एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के 2.55 करोड़ किसान लाभान्वित हुए।  इस योजना में किसानों प्रतिवर्ष 06 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, सौभाग्य योजना के तहत निःशुल्क बिजली कनेक्शन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्राप्त करने वाले लाभार्थियों से संवाद स्थापित किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि इन जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन समाजवाद है। नेता प्रतिपक्ष ने समाजवाद के बहाने प्रधानमंत्री के प्रयासों को स्वीकार किया जाना अच्छा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं पं0 दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय की भावना से प्रेरित हैं। पण्डित जी कहा करते थे कि समाज की आर्थिक प्रगति की माप समाज की ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे व्यक्तियों से नहीं, बल्कि समाज के सबसे नीचे पायदान के व्यक्ति से होगा। एसे व्यक्ति के जीवन में सुधार करने की दिशा में ही स्वावलम्बन और आत्मनिर्भर भारत के प्रक्रिया के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। यह समाज के हर गरीब व्यक्ति को सशक्त बनाने और उनके उन्नयन का प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम सभी विगत 08 वर्षाें में एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए देख पा रहे हैं।


उत्तर प्रदेश आज एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। भारतीय संस्कृति की संकल्पना है कि ‘शब्द ब्रह्म’ है। हम जो बोलते हैं, वह नष्ट नहीं होता। सदन में जो कुछ भी कहा गया है, वह यहां की कार्यवृत्त का हिस्सा होगा। इसलिए हमें सोच समझकर बोलना चाहिए। जिससे सदन में कहा गया हर एक शब्द वर्तमान और भावी पीढ़ी की मार्गदर्शिका के रूप में काम आ सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो हो रहा है, वह हमने ही नहीं किया है। कोई भी दल जब सत्ता में रहा है, तो कुछ नया करने का प्रयास किया है। लेकिन परिणाम वही ला सकता है, जो समस्या पर कम और समाधान पर ज्यादा ध्यान देता है। कोरोना महामारी के दौरान इससे मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी की। लोग आशंकित थे कि कमजोर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का उत्तर प्रदेश इस महामारी से कैसे बचेगा। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए मजबूती से खड़ी हुई, तो कोरोना को भागना पड़ा। सरकार की मंशा सही हो तो परिणाम प्राप्त होता है। समस्या के बारे में सोचने पर दस बहाने मिल जाते हैं। समाधान के विषय में सोचने पर दस रास्ते मिलते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तम समय कभी नहीं आता। समय को उत्तम बनाना पड़ता है।


वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। 1947 में प्रदेश का जो पहला बजट आया था वो कुल 103 करोड़ रुपये का था। उस समय भारत की प्रति व्यक्ति आय थी 267 रुपये और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 259 रुपये थी। इस समय देश की जी0डी0पी0 9,530 करोड़ रुपये थी। प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 1,628 करोड़ रुपये थी। 1947 में राष्ट्रीय औसत के बराबर ही प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय थी। लेकिन पिछले 70-75 वर्षाें में प्रदेश की राह कहीं खो गयी। 2015-16 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रतिव्यक्ति आय की एक तिहाई रह गयी। उ0प्र0 में विकास की प्रभूत क्षमता है। हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद 25 करोड़ जनता के उत्थान के लिए कार्य हुआ है। जब तक हमारे लक्ष्य ऊंचे नहीं होंगे, तब तक हमारी उपलब्धियां बड़ी नहीं होंगी। वर्तमान बजट का दायरा बढ़ा है। 2015-16 का बजट 03 लाख करोड़ रुपये का था, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 06 लाख 15 हजार करोड़ रुपये का है। पिछले लगभग 05 वर्षाें में बजट के दायरे में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 05 वर्षाें में जो कुछ किया है, उसी को आगे बढ़ाने के लिए यह बजट प्रस्तुत किया गया है। वर्ष 2012-17 के मध्य 12,48,102.75 करोड़ रुपये का व्यय किया गया। वर्ष 2017-22 के मध्य हमारी सरकार द्वारा 19,10,459.97 करोड़ रुपये व्यय किये गये। इस प्रकार पूर्ववर्ती सरकार के 05 वर्षाें के सापेक्ष हमारी सरकार ने 05 वर्ष में 6,62,357 करोड़ रुपये अधिक व्यय किये। यह धनराशि विकास कार्याें, गरीब कल्याण, जन कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय की गयी। हमने सदी की सबसे बड़ी महामारी का कुशल प्रबन्धन किया, जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। साथ ही, औद्योगिक विकास को भी नयी गति दी। वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 की वृद्धि दर 19.6 प्रतिशत थी।


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 के बजट में राज्य कर से आमदनी 29 प्रतिशत थी। वर्तमान बजट में यह बढ़कर 36 प्रतिशत हो गयी है। आमदनी में यह वृद्धि राज्य सरकार के बेहतर वित्तीय प्रबन्धन, राजस्व चोरी रोकने के प्रयासों के फलस्वरूप सम्भव हुई है। वर्ष 2016-17 में बजट का 15.80 प्रतिशत वित्त पोषण ऋण के माध्यम से होता था। वर्ष 2022-23 के बजट में यह 13 प्रतिशत है। बजट के आकार में बड़ी वृद्धि के बावजूद ऋण से होने वाले वित्त पोषण में कमी राजकोष की बेहतर स्थिति दर्शाती है। वर्ष 2016-17 में बजट का एक बड़ा हिस्सा लगभग 08 प्रतिशत पुराने ऋणों के ब्याज को चुकाने में जा रहा था, वर्तमान में बेहतर वित्तीय प्रबन्धन से यह घटकर बजट का कुल 7.6 प्रतिशत रह गया है। उत्तर प्रदेश की प्रतिव्यक्ति की आय को दोगुना करने में सफलता मिली है। वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 की औसत वृद्धि दर 12.28 प्रतिशत रही। जबकि वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में औसत वृद्धि दर 13.71 प्रतिशत रही। वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश की जी0एस0डी0पी0, 20 लाख 48 हजार 234 करोड़ रुपये अनुमानित की गयी है। इस प्रकार वर्ष 2022-23 में जी0एस0डी0पी0 में 17.08 प्रतिशत वृद्धि की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बैंकों का ऋण जमा अनुपात मार्च, 2017 में 46.21 प्रतिशत था जो मार्च, 2022 में बढ़कर 52.38 प्रतिशत हो गया है। यह दर्शाता है कि आमजन स्वावलम्बन की ओर अग्रसर हुआ है। वर्ष 2012 से 2017 की अवधि में कुल 5.20 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया, जबकि 2017 से 2022 की अवधि में कुल 9.52 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।


प्रदेश का बजट प्रबन्धन बहुत महत्वपूर्ण रहा है। कोरोना की चुनौतियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभूतपूर्व कार्यों, लोककल्याण की अनेक योजनाओं के बाद भी प्रदेश सरकार राजकोषीय घाटे को एफ0आर0बी0एम0 एक्ट की तय सीमा 4.5 प्रतिशत के सापेक्ष 3.96 प्रतिशत तक रखने में सफलता हासिल की है। यह प्रदेश सरकार की राजकोषीय अनुशासन के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह बजट हमारी सरकार का छठवां बजट है। हमने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व लोक कल्याण पत्र-2022 जारी किया था। इस संकल्प पत्र में कुल 130 घोषणाएं थीं, जिसमें 97 संकल्पों को हमारी सरकार ने अपने पहले ही बजट में स्थान दिया है। इसके लिए 54,883 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित है। लोक संकल्प पत्र को 05 वर्षाें में लागू किया जाना है। वर्तमान बजट में शेष रह गये 33 संकल्पों को आगामी वर्षाें में धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संकल्प का विकल्प और बहाना हम नहीं ढूंढते। हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के प्रधानमंत्री जी के मंत्र के अनुरूप प्रदेश की जनता के जीवन में व्यापक परिवर्तन के लिए कार्य कर रही है।राज्य सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में एक थीम को लेकर योजनाबद्ध ढंग से प्रयास किया है। वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017-18 में अपना पहला बजट किसानों को समर्पित किया था। वर्ष 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के लिए था। वर्ष 2019-20 का बजट महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था। वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समर्पित था। वर्ष 2021-22 के बजट का केन्द्र बिन्दु राज्य के विभिन्न वर्गों का ‘स्वावलम्बन से सशक्तिकरण’ का था। राज्य सरकार के इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि अब उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। वर्ष 2022-23 का बजट ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ एवं ‘अंत्योदय’ की संकल्पना की सिद्धि’ को समर्पित है। राज्य सरकार के इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि जनता जनार्दन दोबारा हमारी सरकार को सेवा का अवसर दिया है। वर्ष 2022-23 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं ‘अंत्योदय’ की संकल्पना को समर्पित है।

वर्ष 2021-22 में अवस्थापना विकास पर व्यय 93,075 करोड़ 71 लाख रु0,जो वर्ष 2016-17 के अवस्थापना व्यय से 37 प्रतिशत अधिक।राष्ट्रपति जी 05 जून, 2022 को मगहर में स्थापित कबीर शोध एकेडमी का लोकार्पण करेंगे।प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 03 जून, 2022 को 80 हजार करोड़ रु0के निवेशों की ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरेमनी होने जा रही।अप्रैल, 2022 में सम्पन्न स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव में उ0प्र0 को प्रथम स्थान, अयोध्या कोस्टेट स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत चयनित कर विभिन्न कार्यक्रम आगे बढ़ाए जा रहे।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को होली व दीपावली पर02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर प्रदान करने के लिए बजट प्रस्तावित।युवाओं और बच्चों की शिक्षा का बजट 87 हजार करोड़ रु0,अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए बजट में 58 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि।विगत 05 वर्षाें में गन्ना किसानों को 1,74,388.81 करोड़ रु0 केगन्ना मूल्य का भुगतान, अभी भी 04 चीनी मिलें चल रही, जब तक किसान केखेत में गन्ने का एक भी डंठल रहेगा, चीनी मिलों का संचालन कराया जाएगा।विधान मण्डल के सदस्यों की निधि को 5 करोड़ रु0 करने की घोषणा।


वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश के बजट का आकार 03 लाख 02 हजार 687 करोड़ रुपये का था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 06 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपये का हो गया। 05 वर्षों में प्रदेश के बजट के आकार में 02 गुने से अधिक की वृद्धि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 की औसत वृद्धि दर 12.28 प्रतिशत रही। जबकि वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में औसत वृद्धि दर 13.71 प्रतिशत रही। कोविड संक्रमण के प्रभाव स्वरूप आर्थिक गतिविधियों की दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 सामान्य नहीं रहे। इसके बावजूद वर्ष 2021-22 के प्रथम त्रैमास में प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 में 19.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश एक नई दिशा में बढ़ चुका है। हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं के लिए हर वर्ग के लिए बिना भेदभाव के कार्य किया है। गरीब, दलित, अतिपिछड़े आदि वर्गाें के लिए योजनाएं बनाकर उनका क्रियान्वयन किया है। कोरोना महामारी के दौरान देश की अनेक सरकारों ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की। हमारी सरकार जनता-जनार्दन के साथ पूरी संवेदना के साथ खड़ी रही। कोरोना काल खण्ड में भी प्रदेश वासियों पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया गया। स्ट्रेट वेण्डर्स श्रमिक के भरण-पोषण की व्यवस्था की गयी। उज्ज्वला योजना में गरीब परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं प्रदेश सरकार के अपने संसाधनों से जरूरतमन्दों के लिए राशन की व्यवस्था की। वृद्धजन, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन को पेंशन धनराशि उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार गरीब कल्याणकारी योजनाओं के प्रति वैराग्य का भाव था।


राज्य सरकार ने बजट के दायरे को बढ़ाने के लिए राजस्व संग्रह को बढ़ाया। वर्ष 2016-17 में राज्य का कर राजस्व लगभग 86 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में 80 प्रतिशत बढ़कर 01 लाख 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वर्ष 2016-17 में सेल्स टैक्स और वैट से लगभग 51,800 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई, जो कोविड के बावजूद में बढ़कर लगभग 90,000 करोड़ रुपये हो गयी है। वर्ष 2016-17 में एक्साइज से 14,273 करोड़ रुपये के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में 36,231 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। वर्ष 2016-17 में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में 11,564 करोड़ रुपये के राजस्व को वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 20,045 करें लाख रुपये किया। परिवहन में वर्ष 2016-17 में प्राप्त 5,148 करोड़ रुपये के राजस्व को वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 7,159 करोड़ रुपये किया गया। प्रदेश का यह बढ़ा हुआ राजस्व, राज्य के विकास का आधार बन रहा है। राज्य सरकार ने पारदर्शिता के साथ निरन्तर प्रयास से प्रदेश के सम्बन्ध में पर्सेप्शन को बदला है। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप राज्य की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर नेता प्रतिपक्ष किसान की बात करते हैं, दूसरी ओर उन्हें गोबर में बदबू नजर आती है। भारत कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला देश है। गाय और गोबर के बिना खेती नहीं हो सकती। अब अगरबत्ती भी गोबर से बन रही है। हमारी सरकार नेचुरल फार्मिंग की व्यवस्था लेकर आ रही है। नेचुरल फार्मिंग, केमिकल, फर्टिलाइजर, पेस्टीसाइड के साइड इफेक्ट से मुक्त करती है। इसके माध्यम से जनता को ऑर्गेनिक उत्पाद उपलब्ध कराया जा सकता है। यह गोमाता के बगैर सम्भव नहीं है। प्राकृतिक खेती के प्रधानमंत्री जी के विजन को धरातल पर उतारने के लिए अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्राकृतिक खेती को गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ाया जा रहा है। बुंदेलखंड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के लिए बजट व्यवस्था की गयी है। प्राकृतिक खेती के लिए गोरक्षा आवश्यक है।


योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने हर समुदाय के लिए योजनाएं बनायी। राज्य सरकार द्वारा 43.5 लाख आवास बनाये गये हैं। यह बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गाें के लाभार्थियों को उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यक आबादी 19 से 20 प्रतिशत है। सभी लाभार्थीपरक योजनाओं में अल्पसंख्यक आबादी को 35 फीसदी तक लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व प्रदेश के नागरिकों के हितों के प्रति है। हमने पहले ही कहा था कि विकास सबका लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं। राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को बिना भेदभाव के दिया जा रहा है। लोकतंत्र सेनानी की पेंशन 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये की गयी है। राज्य सरकार ने उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी पारदर्शित व ईमानदारी से कार्य किया है। जनपद कन्नौज में इत्र उद्योग को ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जोड़ा गया है। वर्तमान में कन्नौज से 800 करोड़ रुपये के इत्र का व्यापार हो रहा है। विगत 05 वर्षाें में कन्नौज में 55 इत्र की इकाइयां लगी हैं। कोरोना काल में भी 2.7 मिलियन डॉलर का इत्र का निर्यात किया गया। वर्तमान में कन्नौज के इत्र की खुशबू विश्वस्तर पर दमक रही है। जनपद कन्नौज में इत्र पार्क की परियोजना के लिए वर्ष 2017 में प्रथम चरण में भूमि 30 एकड़ के स्थान पर 50 एकड़ की गयी। मानचित्र स्वीकृत कराया गया। ‘इत्र पार्क एवं संग्रहालय, कन्नौज’ का नाम दिया। इत्र पार्क एवं संग्रहालय के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान ऋण के रूप में किया गया है। वर्तमान में 30 एकड़ भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य 265 लाख रुपये एवं सड़क, नाली, पुलिया के विकास कार्य भी 800 लाख रुपये से प्रगति पर है, जिसकी भौतिक प्रगति लगभग 50 प्रतिशत है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु आई0आई0टी0, कानपुर को ज्ीपतक च्ंतजल ब्ीमबापदह हेतु अनुबन्धित किया गया है। यहां व्यवस्थित ढंग से काम हो रहा है।


योगी ने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ हमारी विरासत की प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक प्रोडक्ट्स को जी0आई0 प्राप्त हुआ है। इन उत्पादों को फिर से वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। प्रधानमंत्री जी ने जापान में मथुरा के ओ0डी0ओ0पी0 से जुड़े प्रोडक्ट को उपहार के रूप में दिया। हम आत्मनिर्भर भारत और परम्परागत उद्यम को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2017 तक मुरादाबाद का ब्रास उद्योग लड़खड़ा गया था। भदोही के कालीन उद्योग के सामने चुनौतियां थीं। वर्तमान में मुरादाबाद से 06 हजार करोड़ रुपये के ब्रास का सामान, भदोही से 4,000 करोड़ रुपये के कालीन का निर्यात हो रहा है। फिरोजाबाद का कांच उद्योग नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के साथ आत्मनिर्भर भारत के लिए भी आधार बन रही है। केन्द्रीय बजट में भी इसे स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश से होने वाला निर्यात लगभग 88 हजार करोड़ रुपये था। वर्ष 2018 में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू की गयी। इससे प्रदेश का निर्यात बढ़कर वर्तमान में 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है। हमारी सरकार ने पिछले 05 वर्षाें में सिविल एयरपोर्ट की स्थापना और विकास पर 5,694.98 करोड़ रुपये खर्च किये। इसमें जेवर, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज के एयरपोर्ट पर कार्य हुआ। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2012-17 के मध्य एयरपोर्ट के विकास के लिए कुल 694 करोड़ रुपये निर्गत किये, उसे भी अन्यत्र डायवर्ट कर दिया गया। मेरठ के एयरपोर्ट के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने जो धनराशि निर्गत की थी, उसे बाद में डायवर्ट कर दिया गया। अन्य एयरपोर्ट के लिए कोई धनराशि नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में लखनऊ एवं वाराणसी के 02 एयरपोर्ट क्रियाशील थे। गोरखपुर और आगरा के एयरपार्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे। हमारी सरकार ने 05 वर्ष में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील किये। पूर्ववर्ती सरकार में 25 गंतव्य हवाई मार्ग से जुड़े थे, वर्तमान में 77 गंतव्य हवाई मार्ग से जुड़े हुए हैं। हमारी सरकार एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।


उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा फरवरी, 2018 में प्रधानमंत्री जी द्वारा की गयी थी। इस कॉरिडोर में 06 नोड हैं। डिफेंस कॉरिडोर के लिए 1598.84 हेक्टेयर भूमि प्राप्त की जा चुकी है। कॉरिडोर में निवेश के लिए 8,640 करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 भी हो चुके हैं। इस कॉरिडोर में डी0आर0डी0ओ0 द्वारा लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण की इकाई तथा झांसी में भारत डायनमिक्स लि0 की इकाई स्थापित की जा रही है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए अलग से बजट नहीं, बल्कि कन्वर्जन के माध्यम से कार्य किया जा रहा है।योगी सरकार ने इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य किया। इसके लिए इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (आई0टी0सी0), पीकू, मिनी पीकू आदि चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की गयीं। कोरोना संक्रमण के प्रारम्भ में प्रदेश में एक भी आर0टी0पी0सी0आर0 लैब नहीं थी। वर्तमान में 209 आर0टी0पी0सी0आर0 लैब क्रियाशील हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन 02 लाख से अधिक आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्ट किये जा सकते हैं।


कोरोना संक्रमण के प्रारम्भ में प्रदेश के 36 जनपदों में एक भी आई0सी0यू0 बेड नहीं था। आज हर जनपद में आई0सी0यू0 बेड और ट्रेण्ड स्टाफ उपलब्ध है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा 05 साल में मेडिकल कॉलेजों में अण्डर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या में वृद्धि की गयी है। 16 असेवित जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के नतीजों के मुताबिक मैटरनल एनीमिया, संस्थागत प्रसव, शिशु मृत्यु दर सहित स्वास्थ्य के सभी मानकों पर प्रदेश में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।एन0एफ0एच0एस0-4 की तुलना में एन0एफ0एच0एस0-5 में संस्थागत प्रसव की संख्या 67.80 प्रतिशत से बढ़कर 83.4 प्रतिशत हो गई है। 70 प्रतिशत बच्चों का पूरा टीकाकरण हुआ है। लिंगानुपात में सुधार हुआ है। यह प्रदेश की सभी क्षेत्रों में प्रगति को प्रदर्शित कर रहा है।

वर्ष 2016-17 में बजट का 15.80 प्रतिशत वित्त पोषण ऋण के माध्यम से, वर्ष 2022-23 के बजट में यह 13 प्रतिशत,वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 की औसत वृद्धि दर,12.28 प्रतिशत, वर्ष 2017-19 में जी0एस0डी0पी0 की औसत वृद्धि दर 13.71 प्रतिशत।‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ हमारी विरासत की प्रतीक, उ0प्र0 के सर्वाधिक प्रोडक्ट्स को जी0आई0 प्राप्त हुआ,वर्ष 2016-17 में राज्य का कर राजस्व लगभग 86 हजार करोड़ रु0 था, जो वर्ष 2021-22 में 80 प्रतिशत बढ़कर 01 लाख 55 हजार करोड़ रु0 से अधिक हो गया।प्रत्येक मण्डल में श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों के लिए अटल आवासीयविद्यालय स्थापित किये जा रहे, आगामी समय में इन विद्यालयों को जनपद,विकास खण्ड तथा ग्राम पंचायत स्तर पर भी स्थापित किया जाएगा।


योगी सरकार द्वारा निवेश के जो एम0ओ0यू0 हुए थे, उनमें से लगभग सभी पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर और रिलायंस जियो इन्फोकॉम द्वारा 10-10 हजार करोड़ रुपये के ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, सैमसंग द्वारा 05 हजार करोड़ रुपये की डिस्प्ले यूनिट, हीरानंदानी समूह द्वारा 09 हजार करोड़ रुपये का डेटा सेण्टर पार्क, वीवो और ओप्पो मोबाइल द्वारा क्रमशः 07 हजार 429 करोड़ रुपये और 02 हजार करोड़ रुपये की मोबाइल निर्माण इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। अल्ट्राटेक सीमेण्ट की सीमेण्ट ग्राइंडिंग इकाई, पेप्सिको की खाद्य प्रसंस्करण इकाई के साथ-साथ मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गारमेण्ट पार्क, अपैरल पार्क, ट्वॉय पार्क आदि की कार्यवाहियां प्रचलित हैं। 03 जून, 2022 को प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 80 हजार करोड़ रुपये के निवेशों की ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरेमनी होने जा रही है। स्मार्ट सिटी मिशन में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। भारत सरकार द्वारा मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 10 शहरों का चयन किया गया है। प्रदेश सरकार शेष 07 नगर निगमों को अपने संसाधनों से राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम से विकसित कर रही है। स्मार्ट सिटी के विकास के लिए कन्वर्जन्स के मॉडल को भी लागू किया गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश में आई0सी0सी0सी0 ने उल्लेखनीय कार्य किया। इन शहरों में स्मार्ट सिटी में इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर, इन्टेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम, स्मार्ट रोड, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, स्मार्ट क्लासेस, स्मार्ट हेल्थ ए0टी0एम0, वाटर रीयूज प्रोजेक्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट आदि परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। अप्रैल, 2022 में सम्पन्न स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। 100 स्मार्ट सिटी में आगरा चौथे, वाराणसी 5वें, प्रयागराज 13वें और लखनऊ 15वें स्थान पर है। अयोध्या को स्टेट स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत चयनित कर विभिन्न कार्यक्रम आगे बढ़ाए जा रहे हैं।


प्रदेश की पावर ट्रांसमिशन कैपेसिटी 2016-17 में 16,348 मेगावॉट थी, जो 2021-22 में बढ़ाकर 28,000 मेगावॉट की गयी है। वर्ष 2017-22 की अवधि में उत्पादन क्षमता में 1,980 मेगावाट की वृद्धि की गयी है। आगामी दो वर्षों में ओबरा (सोनभद्र) में 1,320 मेगावॉट, जवाहरपुर (एटा) में 1,320 मेगावॉट, घाटमपुर (कानपुर देहात) में 1,980 मेगावॉट और पनकी (कानपुर नगर) में 660 मेगावॉट कुल 5,280 मेगावॉट की परियोजनाओं को पूर्ण किया जाना है। प्रदेश में विद्युत वितरण व्यवस्था में अब कोई वी0आई0पी0 जनपद नहीं है। प्रत्येक जनपद को बिना भेदभाव के समान रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत गंगा जी के साथ-साथ सहायक नदियां भी सम्मिलित हैं। इस परियोजना में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री जी फरवरी, 2020 में कानपुर गये थे। कानपुर में सीसामऊ नाले को टैप करके गिरने वाले अशोधित जल को रोका गया है। यह स्थान अब सीवर प्वाइंट से सेल्फी प्वाइंट बन गया है। जाजमऊ के नाले के कारण गंगाजी के जलीय जीव नष्ट हो गये थे। वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने प्रयागराज में अविरल, निर्मल कुम्भ का आयोजन कराया। इस आयोजन में 24 करोड़ श्रद्धालु आये और उन्होंने भव्य, दिव्य एवं स्वच्छ कुम्भ देखा।


वर्ष 2012-17 के मध्य पूर्ववर्ती सरकार ने सैनिक स्कूलों के लिए 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की। हमारी सरकार ने 2017-22 के बीच सैनिक स्कूलों को 216.56 करोड़ रुपये का धनावंटन किया। वर्तमान में प्रदेश में 05 सैनिक स्कूलों में से 04 क्रियाशील हैं। एक सैनिक स्कूल निर्माणाधीन है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 सम्पूर्णानन्द ने वर्ष 1960 में प्रदेश की राजधानी में देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना करायी थी। हमारी सरकार ने इस स्कूल की क्षमता को बढ़ाकर दोगुना किया है। साथ ही, इसमें बालिकाओं के प्रवेश का प्राविधान किया है। इसके अलावा, प्रदेश में 16 नये सैनिक स्कूलों की स्थापना का प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया है। सैनिक स्कूलों को पी0पी0पी0 मॉडल पर स्थापित करने की कार्यवाही आगे बढ़ रही है। प्रदेश सरकार द्वारा ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से परिषदीय स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। प्रत्येक मण्डल में श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। आगामी समय में इन विद्यालयों को जनपद, विकासखण्ड तथा ग्राम पंचायत स्तर पर भी स्थापित किया जाएगा।


वर्ष 2017 में प्रदेश ‘ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस’ में 14वें-15वें स्थान पर था। राज्य सरकार के प्रयासों से यह अब दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने व्यापक पैमाने पर पुलिस में सुधार किये हैं। पुलिस व्यवस्था को तकनीकी से जोड़ा गया है। उन्होंने एन0सी0आर0बी0 के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2021 में डकैती के मामलों में 73.94 प्रतिशत, लूट में 65.88 प्रतिशत, हत्या में 34 प्रतिशत, बलात्कार में 50.66 प्रतिशत की कमी आयी है। प्रदेश सरकार द्वारा माफियाओं और अपराधियों के प्रति बिना भेदभाव के सख्त कार्रवाई की गयी है। अब तक माफिया व अपराधियों से 02 हजार 81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गयी है। एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से 64 हजार 398 हेक्टेयर भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के युवा के सामने पहचान का संकट नहीं है।


योगी सरकार ने विगत 05 वर्षाें में गन्ना किसानों को 1,74,388.81 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। इस पेराई सत्र में 120 चीनी मिलें संचालित करायी गयीं। अभी भी 04 चीनी मिलें चल रही हैं। जब तक किसान के खेत में गन्ने का एक भी डंठल रहेगा, चीनी मिलों का संचालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को घटतौली और पर्ची की ब्लैकमेलिंग आदि से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश एथेनॉल उत्पादन तथा गन्ना उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2022-23 के बजट में फेडरेशन और कारपोरेशन से जुड़ी चीनी मिलों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2012 से 2017 के मध्य पूर्ववर्ती सरकार ने धान खरीद के लिए 17,190 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि हमारी सरकार ने वर्ष 2017 से 2022 के मध्य किसानों से धान खरीद कर 47,244 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसी प्रकार, गेहूं की खरीद करके भुगतान कराया गया। इसके साथ ही, अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आगे बढ़ाए गए।


योगी सरकार कर्मचारियों के हितों के संरक्षण के लिए पूर्णता संवेदनशील है। कर्मचारियों के हित में ई-पेंशन योजना को लागू किया गया है। इस योजना में तकनीकी का प्रयोग किया गया है। ई-पेंशन योजना लागू होने से कर्मचारियों को पेंशन प्राप्त करने के लिए अनावश्यक भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम के खाते खोलने में तथा कर्मचारियों को प्रदान किये जाने वाले स्टेट शेयर को देने में कोई रुचि नहीं ली। हमारी सरकार ने कर्मचारियों के नई पेंशन स्कीम के खाते खुलवाये। साथ ही, स्टेट कंट्रीब्यूशन के रूप में 10 हजार करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की। हमारी सरकार ने नई पेंशन स्कीम के तहत स्टेट शेयर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया।वर्ष 2022-23 में ऊर्जा क्षेत्र के लिए बजट में 48,345 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, जो पिछले बजट से 26 प्रतिशत अधिक है। पुलिस विभाग के लिए 32,811.42 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। पिछले 05 वर्षों में पुलिस के बजट में करीब दोगुने तथा पुलिस के आवासीय/अनावासीय भवनों तथा निर्माण कार्यों के बजट में 07 गुने से अधिक की वृद्धि हुई है। कृषि, उद्यान एवं सहकारिता में पिछले वित्तीय वर्ष से 17 प्रतिशत अधिक बजट का प्राविधान किया गया है, जबकि पशुधन, दुग्ध एवं मत्स्य में यह वृद्धि 18 प्रतिशत तक है। ग्राम्य विकास, पंचायतीराज एवं नगर विकास में यह वृद्धि 11 प्रतिशत की है, जबकि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के बजट में 34 प्रतिशत, आयुष में 27 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की गयी है।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भावी राष्ट्र निर्माता युवाओं और बच्चों की शिक्षा का बजट 87 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए बजट में 58 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है। महिला एवं बाल कल्याण के लिए इस बजट में 28 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। विगत 05 वर्ष में इस मद में दोगुनी वृद्धि हुई है। वर्ष 2021-22 में अवस्थापना विकास पर व्यय 93,075 करोड़ 71 लाख रुपये रहा, जो वर्ष 2016-17 के अवस्थापना व्यय से 37 प्रतिशत अधिक है।


प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को होली व दीपावली पर 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर प्रदान करने के लिए बजट प्रस्तावित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए 10,127 करोड़ 61 लाख रुपये प्रस्तावित किये गये हैं। दिव्यांगजन पेेंशन योजना में 01 हजार करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित है। बजट में 3,953 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए प्रस्तावित की गयी है। अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। बजट में अन्नदाता किसानों के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना का प्रस्ताव है। भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना से अब आलू, टमाटर, प्याज आदि फसलों को भी एम0एस0पी0 से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए की धनराशि प्रस्तावित है। इस योजना में पहली बार बटाईदार को भी शामिल किया गया है।


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जायेगी। मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में गो आधारित प्राकृतिक खेती की योजना का प्रस्ताव किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान की खरीद को मजबूत करने के लिए 17,500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। बेसिक शिक्षा के अन्तर्गत समग्र शिक्षा अभियान के लिए 18,670 करोड़ 72 लाख रुपये, छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा के लिए 370 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत संस्कृत पाठशालाओं को अनुदान हेतु 324 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज हेतु 103 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना हेतु बजट प्रस्तावित है।


प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के अन्तर्गत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं हेतु 897 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण को पूर्ण करने के लिए 201 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। नगरीय क्षेत्रों में पाइप पेयजल की उपलब्धता के लिए अमृत 2.0 के अन्तर्गत 02 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि यह योजना सभी 734 नगर निकायों में लागू की जाएगी। नगर विकास विभाग इस योजना के साथ जनप्रतिनिधिगण को भी जोड़े। केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में चयनित 10 शहरों के लिए 02 हजार करोड़ रुपये तथा राज्य स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत चयनित 07 शहरों हेतु 210 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं। कानपुर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज तथा अन्य शहरों में मेट्रो रेल और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आर0आर0टी0एस0 परियोजनाओं के लिए लगभग 2,750 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। वाराणसी में रोप-वे के लिए बजट प्रस्तावित किया गया है। बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु 2751 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 19,500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे एवं जल संसाधन विभाग, जल जीवन मिशन के साथ जनप्रतिनिधिगण को जोड़कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाएं। एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लिए धनराशि प्रस्तावित है। वर्तमान में यह योजना सभी मण्डलों में संचालित है। आगामी समय में इसे सभी 75 जनपदों में लागू किया जाएगा।

वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश के सर्व-समावेशी एवं समग्र विकास के लिए,यह राज्य के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा।कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हुई, इससे आमजन के मन में सदन की गरिमा और लोकतंत्र तथा जनप्रतिनिधियों के प्रति विश्वास बढ़ेगा।केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाएं पं0 दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय की भावना से प्रेरित।प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम सभी विगत 08 वर्षाें में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए देख पा रहे हैं।2015-16 का बजट 03 लाख करोड़ रु0 का था, वर्ष 2022-23 का बजट 06 लाख15 हजार करोड़ रु0 का, 05 वर्षाें में बजट के दायरे में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई।पूर्ववर्ती सरकार के 05 वर्षाें के सापेक्ष हमारी सरकार ने 05 वर्ष में6,62,357 करोड़ रु0 अधिक व्यय किये, यह धनराशि विकास कार्याें,गरीब कल्याण, जन कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय की गयी।


योगी ने कहा कि सेफ सिटी योजना लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, आगरा, गोरखपुर, प्रयागराज हेतु 523 करोड़ 34 लाख रुपये प्रस्तावित है। महाकुम्भ मेला प्रयागराज 2025 के भव्य आयोजन की तैयारी हेतु एकमुश्त अनुदान हेतु 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। बुजुर्ग पुजारियों, संतों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बोर्ड के गठन का प्रस्ताव है। केशवदास बुन्देली अकादमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी एवं सूरदास ब्रज भाषा अकादमी की स्थापना के लिए बजट प्रस्तावित है। महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र चित्रकूट, निषादराज गुह्य सांस्कृतिक केन्द्र श्रंग्वेरपुर, संत रविदास संग्रहालय एवं सांस्कृतिक केन्द्र वाराणसी की स्थापना के लिए बजट प्रस्तावित है। चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि, वाराणसी में संत रविदास तथा श्रंग्वेरपुर में निषादराज गुह्य से सम्बन्धित स्थलों के पर्यटन विकास हेतु बजट में धनराशि प्रस्तावित की गयी है। संत तुलसीदास राजापुर तथा नैमिष तीर्थ के पर्यटन विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 05 जून, 2022 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी मगहर में स्थापित कबीर शोध एकेडमी का लोकार्पण करेंगे।


भारत रत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ की स्थापना तथा संचालन हेतु बजट में धनराशि प्रस्तावित है। बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी गांवों की सड़कों पर सोलर स्ट्रीट लाइट की स्थापना हेतु यूपीनेडा को अनुदान प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 7,373.71 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। ग्रामों एवं बसावटों को सर्वऋतु सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु विभिन्न योजनाओं के लिये 01 हजार 965 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। निषादराज बोट सब्सिडी योजना लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।सरकार योगी योजनाओं को लागू करने में जाति, मत, मजहब नहीं देखती। 25 करोड़ जनता के विकास के लिए बिना भेदभाव के हम सभी को काम करना होगा। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के साथ इस सदन की कार्यवाही गरिमा के साथ चल रही  है। इसके लिए सदस्यों का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार चुनकर आये सदस्यों का कार्यवाही का हिस्सा बने। वरिष्ठ सदस्य भी लगातार कार्यवाही का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी मजबूती के साथ 25 करोड़ की जनता के हित के लिए कार्य करेगी। उन्होंने सदस्यों की इच्छा के अनुरूप विधान मण्डल के सदस्यों की निधि को 5 करोड़ रुपये करने की घोषणा की।

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