यूपीआई से लेन-देन भी महंगा…?

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यूपीआई से लेन-देन भी महंगा...?
यूपीआई से लेन-देन भी महंगा...?

अजय सिंह

यूपीआई से लेन-देन भी महंगा होने वाला है? पर यूपीआई की आ गई सफाई, कहा है कि यूपीआई फ्री है. कुछ दिन बाद यानी 1 अप्रैल 2023 से नया वित्त वर्ष (New Financial Year) शुरू होने जा रहा है. इसकी शुरुआत के साथ ही क्या यूपीआई से लेन-देन (UPI Transaction) भी महंगा होने वाला है? मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 2000 रुपये से अधिक के मर्चेंट पेमेंट पर PPI चार्ज लगाने की सिफारिश की है. इन खबरों पर NPCI ने एक प्रेस रिलीज जारी कर अपना रुख साफ किया है और कहा है कि यूपीआई फ्री है.

एनपीसीआई ने कहा कि यूपीआई पेमेंट किए जाने पर बैंक या कस्टमर किसी को भी कोई चार्ज नहीं देना होगा. साथ ही एक बैंक से दूसरे बैंक में यूपीआई ट्रांजैक्शन किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा. एनपीसीआई ने कहा कि रेग्युलेटरी गाइडलाइंस के मुताबिक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI Wallets) अब इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा है. इसे देखते हुए एनपीसीआई ने पीपीआई वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा होने की इजाजत दे दी है. इंटरचेंज चार्ज केवल पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन (Prepaid Payment Instruments Merchant Transactions) पर ही लागू होगा. और कस्टमर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा.

मंगलवार को जारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि NPCI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की तैयारी की है. ये चार्ज 0.5-1.1 फीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है. सर्कुलर में UPI के जरिए 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने का सुझाव दिए जाने का जिक्र किया गया था, जो मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने पर देय होगा.

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एनपीसीआई ने बुधवार को जारी रिलीज में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) फ्री… फास्ट… सुरक्षित और निर्बाध है. हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब रुपये से अधिक लेन-देन बिल्कुल फ्री संसाधित किए जाते हैं. NPCI की ओर से ये रिलीज उन खबरों के बाद जारी की गई है, जिनमें बताया गया था कि UPI से 2000 रुपये से ज्यादा मर्चेंट पेमेंट पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट PPI चार्ज वसूले जाने की आशंका जताई गई थी.

एनपीसीआई ने बयान जारी कर कहा है कि यूपीआई के तहत 99.9% लेन-देन एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते के लिए होते हैं। ऐसे लेन-देन प्रस्तावित शुल्क से प्रभावित नहीं होंगे। आम ग्राहकों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

बता दें, रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि PPI में वॉलेट या कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन आता है. आम तौर पर इंटरचेंज फीस कार्ड भुगतान से जुड़ी हुई होती है और इसे लेन-देन को स्वीकार करने और लागत को कवर करने के लिए लागू किया जाता है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसकी समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले की जाएगी.

बता दें नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित की है. फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूला जाता है. दरअसल, इंटरचेंज फीस मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले पर देनी होती है. रिपोर्ट में जहा 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर एक्स्ट्रा चार्ज की बात कही गई थी, तो वहीं दावा किया गया था कि बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा.