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  • मुख्यमंत्री ने वॉर मेमोरियल पर पुष्पचक्र तथा शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।मुख्यमंत्री ने सब एरिया सेन्ट्रल कमाण्ड में वीरता पुरस्कारों से अलंकृत विजेताओं एवं वीर नारियों को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर सम्मानित किया।
  • भारत के बहादुर जवानों ने देश की एकता व अखण्डता को बनाए रखते हुए स्वाधीनता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • भारत की आन, बान और शान के प्रतीक तिरंगे के सम्मान में आज से आगामी 15 अगस्त तक आयोजित हर घर तिरंगा कार्यक्रम के माध्यम से, देशवासियों को एकजुट रहने की प्रेरणा प्रदान की जा रही है।
  • पिछले 75 वर्षों की यात्रा हम सबको आत्ममंथन के साथ आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना से जोड़ने का अवसर प्रदान कर रही है।
  • भारत आज खाद्यान्न के साथ ही, रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नये कदम बढ़ा रहा।
  • शान्तिकाल में देश में विभिन्न आपदाओं के समय सेना द्वारा किये जाने वाले रचनात्मक कार्यों के माध्यम से जवानों ने देश के जनविश्वास को मजबूती प्रदान की।
  • अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रत्येक जनपद में आयोजित होने वाले सम्मान कार्यक्रमों में राज्य सरकार ने शहीदों के परिवारों को सम्मान दिए जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
  • देश की सीमाओं की रक्षा करने तथा आन्तरिक सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले शहीद के परिवार को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रु0 की अहेतुक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गयी।
  • शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी व्यवस्था,जनपद में एक स्मारक का निर्माण, शहीद के गांव की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की व्यवस्था की गई।
  • उ0प्र0 में अपार सम्भावनाएं, इन्हें वास्तविक धरातल पर उतारने के लिए सामूहिक रूप से किये जा रहे प्रयासों के परिणाम सामने आ रहे है।
  • सरकार का प्रयास है कि प्रति वर्ष सिविल-सैन्य सम्पर्क सम्मेलन के माध्यम से सेना से जुड़ी समस्याओं का समाधान शासन के प्रत्येक स्तर पर संवेदनशीलता तथा समयबद्धता के साथ हो।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम देश की आजादी के अमृत महोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। आज से 75 वर्ष पूर्व यह देश पराधीन था। अनगिनत बलिदानों के फलस्वरूप 15 अगस्त सन् 1947 को हमारे देश को स्वाधीनता प्राप्त हुई थी। आजादी के बाद भी भारत की सुरक्षा, एकता व अखण्डता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए 1947-48, 1962, 1971 तथा 1999 में हुए युद्धों से देश को जूझना पड़ा था। अनेक अन्य अवसरों पर भी भारत के बहादुर जवानों ने देश की एकता व अखण्डता को बनाए रखते हुए देश की स्वाधीनता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।आज यहां सब एरिया सेन्ट्रल कमाण्ड में वीरता पुरस्कारों से अलंकृत विजेताओं एवं वीर नारियों को मुख्यमंत्री ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ पर सम्मानित करने के पश्चात, इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।


मुख्यमंत्री ने परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय के पिता गोपी चन्द पाण्डेय, कीर्ति चक्र से सम्मानित मेजर अशोक कुमार सिंह, वीर चक्र से सम्मानित कर्नल विमल किशनदास बैजल, मेजर विष्णु स्वरूप शर्मा, शहीद हवलदार कुंवर सिंह चौधरी की पत्नी वीर नारी लक्ष्मी देवी, शहीद नायक राजा सिंह की पत्नी वीर नारी चन्द्रा देवी, मेजर धीरेन्द्र नाथ सिंह, ब्रिगेडियर नवीन सिंह, शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद मेजर कमल कालिया की पत्नी वीर नारी अर्चना कालिया, शहीद मेजर समीर उल इस्लाम की पत्नी फौजिया इस्लाम, शहीद ले0 हरि सिंह बिष्ट की माता शान्ति बिष्ट, ऑनरेरी कैप्टन चंचल सिंह तथा शहीद कर्नल मुनींद्र नाथ राय की पत्नी वीर नारी प्रियंका राय को सम्मानित किया।


मुख्यमंत्री ने विगत 01 वर्ष के दौरान कर्तव्य पालन में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के शूर वीर शहीद विंग कमाण्डर पृथ्वी सिंह चौहान की पत्नी वीर नारी कामिनी सिंह, शहीद सिपाही सरज सिंह की पत्नी वीर नारी रंजीत कौर तथा शहीद सिपाही संतोष यादव की पत्नी वीर नारी धर्मशिला देवी को भी सम्मानित किया। वीर माताओं, वीर जवानों, वीर सपूतों तथा उनके परिजनांे का अभिनन्दन करते हुए कहा कि आजादी का यह अमृत महोत्सव 75 वर्षों की हमारी यात्रा के आत्मावलोकन का अवसर प्रस्तुत कर रहा है। आजादी की लड़ाई के दौरान भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा क्रान्तिकारियों ने देश की आजादी के लिए स्वयं को बलिदान करने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं किया था। एक लम्बी लड़ाई के बाद यह देश 1947 में आजाद हुआ। आज वहीं प्रेरणा और प्रकाश स्वतंत्र भारत में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए अमृत महोत्सव के रूप मंे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हम सबके सामने प्रस्तुत किया है। यह आयोजन केवल सरकारी आयोजन नहीं है। गांव, शहर, विद्यार्थी, किसान, श्रमिक सहित सामाजिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के व्यक्ति आजादी के इस महोत्सव के साथ जुड़कर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इसके अन्तर्गत तिरंगा यात्राएं, प्रभात फेरियों के आयोजन सहित शहीद स्मारकों पर राष्ट्र भक्ति के गीत एवं धुन बजाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के अनेक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आन, बान और शान के प्रतीक तिरंगे के सम्मान में आज से आगामी 15 अगस्त तक आयोजित हर घर तिरंगा कार्यक्रम के माध्यम से, देशवासियों को एकजुट रहने की प्रेरणा प्रदान की जा रही है। पिछले 75 वर्षों की यात्रा हम सबको आत्ममंथन के साथ आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना से जोड़ने का अवसर भी प्रदान कर रही है। जब यह देश अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, उस समय हमें कैसा भारत चाहिए। उस भारत के निर्माण को व्यवहारिक धरातल पर उतारने के लिए प्रत्येक क्षेत्र का व्यक्ति अगर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है, तो उसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।


आज भारत एक नये भारत के रूप में बढ़ रहा है। वैश्विक मंच पर भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी के साथ उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई दे रहा है। दुनिया में एक विश्वास के रूप में भारत को देखा जा रहा है। वैश्विक मंच पर भारत नये ओज व तेज के साथ अपनी आभा को बिखेरने के लिए तैयार दिखाई देता है। यह भारत की सामूहिक ताकत है, जिसे देश का यशस्वी नेतृत्व दुनिया में प्रस्तुत कर रहा है। भारत आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति के नये आयाम गढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।


भारत आज खाद्यान्न के क्षेत्र के साथ ही, रक्षा क्षेत्र में भी अन्य देशों पर निर्भरता के बजाए, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नये कदम बढ़ा रहा है। यह नया भारत दुनिया में नये विश्वास का प्रतीक है। इसके बहादुर जवान भारत की सुरक्षा, सम्प्रभुता, एकता व अखण्डता को सुरक्षित और अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए तत्पर हैं। वैश्विक मंच पर भी भारत के जवान शान्ति व सुरक्षा की स्थापना के लिए अपने शौर्य व पराक्रम का परिचय देते हुए राहत प्रदान करने का कार्य करते हैं। हमारे जवान हमेशा देश के बारे में सोचते हैं। ‘राष्ट्र प्रथम’ के भाव के साथ जब भी उन्हें अपने सर्वोच्च बलिदान देने की आवश्यकता पड़ी है, तो जवानों ने कभी संकोच नहीं किया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि शान्तिकाल में देश में विभिन्न आपदाओं के समय सेना द्वारा किये जाने वाले रचनात्मक कार्यों के माध्यम से हमारा जवान देश के जनविश्वास को मजबूती प्रदान करता है। दुश्मन के लिए आप जितने सख्त हैं, अपने देश पर आने वाली किसी भी आपदा के दौरान आप उतने ही, संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि वीर जवानों, उनके परिवारों तथा वीर माताओं को सम्मानित करने के इस कार्यक्रम से जुड़कर उन्हें अत्यन्त गौरव की अनुभूति हुई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रत्येक जनपद में आयोजित होने वाले सम्मान कार्यक्रमों में राज्य सरकार ने शहीदों के परिवारों को सम्मान दिए जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वर्ष 2017 में सरकार के गठन के साथ ही, हमने व्यवस्था बनाई कि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए तथा देश की आन्तरिक सुरक्षा में बलिदान होने पर शहीद के परिवार को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की अहेतुक सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था भी की गई। साथ ही, जनपद में एक स्मारक का निर्माण, शहीद के गांव की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।


प्रदेश सरकार द्वारा जनपद मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल का नामकरण सी0डी0एस0 जनरल विपिन रावत के नाम पर किया गया है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित देश के पहले सैनिक स्कूल का नामकरण कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय के नाम पर किया गया है। अपने सैनिकों को सम्मान तथा वर्तमान पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करते हुए उनके सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करने का प्रयास केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा निरन्तर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने आज सम्मानित हुए वीर योद्धाओं तथा उनके परिजनों को केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग के लिए आश्वस्त किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 09 अगस्त को लखनऊ के काकोरी स्थित शहीद स्मारक पर जाने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ था। 09 अगस्त सन् 1925 को काकोरी में ट्रेन एक्शन की घटना को क्रान्तिकारियों द्वारा अंजाम दिया गया था। पं0 राम प्रसाद बिस्मिल इसका नेतृत्व कर रहे थे। ठा0 रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चन्द्र शेखर आजाद, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी सहित अनेक क्रान्तिकारी इसके साथ जुड़े हुए थे। पं0 राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर की जेल में रखा गया था। अशफाक उल्ला खां, ठा0 रोशन सिंह, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को क्रमशः गोण्डा, फैजाबाद और नैनी जेल में अलग-अलग स्थानों पर रखा गया। बाद में अधूरी सुनवाई के साथ ही, इन्हें फांसी के फन्दे पर लटकाया गया, लेकिन इन क्रान्तिकारियों ने देश की आजादी के लिए किसी भी मुहिम से अपने आपको अलग करना स्वीकार नहीं किया।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चन्द्रशेखर आजाद ने प्रयागराज में अपना बलिदान दिया। गोरखपुर जेल में पं0 राम प्रसाद बिस्मिल सेे फांसी की सजा दिये जाने के पूर्व उनकी अन्तिम इच्छा पूछी गईं। पं0 राम प्रसाद बिस्मिल ने कहा ‘इस भारत में सौ बार मेरा जन्म हो, लेकिन कारण सदा ही मृत्यु का देशोपकारक धर्म हो’। यह हर भारतीय जवान की भी इच्छा होती है। पं0 राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा कहीं गई यह पंक्तियां आज भी उतनी प्रासंगिक बनी हुई है। इन्हीं की प्रेरणा से आज देश अपनी आजादी को सम-विषम परिस्थितियों में अक्षुण्ण रखते हुए मजबूती के साथ दुनिया में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है। प्रदेश के बारे में लोगों की सोच बदली है। राज्य विकास की नई यात्रा के साथ आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं है। इन्हें वास्तविक धरातल पर उतारने के लिए सामूहिक रूप से किये जा रहे प्रयासों के परिणाम सामने आ रहे हैं। विगत 05 वर्षाें में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग दो गुना करने में सफलता प्राप्त हुई है। इसी अवधि में राज्य में प्रति व्यक्ति आय को भी दोगुना करने का प्रयास किया गया है। राज्य में आधारभूत संरचना का व्यापक संजाल स्थापित किया गया है। सरकार ने प्रयास किया है कि प्रति वर्ष सिविल-सैन्य सम्पर्क सम्मेलन के माध्यम से सेना से जुड़ी समस्याओं का समाधान शासन के प्रत्येक स्तर पर संवेदनशीलता तथा समयबद्धता के साथ हो सके।


भारत सरकार द्वारा देश में स्थापित किये जा रहे दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक की स्थापना उत्तर प्रदेश में की जा रही है। प्रदेश में इसके 06 नोड विकसित हो रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र भी यहां निवेश करने को उत्सुक है। यह नये भारत की नयी तस्वीर को हमारे सामने प्रस्तुत करता है।कार्यक्रम को सेन्ट्रल कमाण्ड के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ लेफ्टिनेन्ट जनरल योगेन्द्र डिमरी ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने सब एरिया सेन्ट्रल कमाण्ड स्थित वॉर मेमोरियल पर पुष्पचक्र तथा शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री जी ने वॉर मेमोरियल की विजिटर्स बुक में अपने विचार भी व्यक्त किये।इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई एवं सूचना नवनीत सहगल, एस0डी0एम0ए0 के वाइस चेयरपर्सन ले0 जनरल रविन्द्र प्रताप शाही तथा सेना के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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