UP के डॉक्टरों ने किया ब्लैक फंगस के सफल ऑपरेशन का दावा

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ब्लैक फंगस को लेकर उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों ने बड़ी सफलता हासिल की है. यहां तीन मरीज़ों का सफल ऑपरेशन करने का दावा किया गया है. मेरठ के निजी अस्पताल के सीनियर डॉक्टर पुनीत भार्गव का कहना है कि कोरोना के 3 मरीज ठीक होकर अस्पताल से घर चले गए थे, लेकिन 3 दिन बाद तीनों ही मरीज की एक-एक आंख की रोशनी चली गई थी. डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने नाक की जांच की तो उसमें नाक के टिश्यूज काले रंग के पड़े मिले. ब्रेन का कंट्रॉस्ट एमआरआई कराया फिर एक इंजेक्शन इन मरीजों को दिया. डॉक्टर का दावा है कि उन्होंने इन मरीजों का ढाई से तीन घंटे तक दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया. जिससे ब्रेन की तरफ बढ़ रही बीमारी को रोका जा सका.

डॉक्टर का कहना है कि ये एक तरह का फंगस है जो ब्लैक कलर का आता है. सामान्य रुप से ये हवा में मौजूद रहता है लेकिन आम आदमी की इम्यूनिटी होती है इसलिए अटैक नहीं करता, जबकि कोरोना के पेशेंट में इम्यूनिटी कम हो जाती है जिससे ये फंगस ऐसे मरीजों को प्रभावित करता है. डॉक्टर का कहना है कि कोविड के मरीज में शुगर कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है. डॉक्टर का कहना है कि ये बीमारी बहुत तेजी से आंख की रोशनी को खा जाती है और ब्रेन तक पहुंच जाती है.

डॉक्टर पुनीत भार्गव का कहना है कि इस फंगस के बढऩे की गति कितनी तेज है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक शख्स के अंदर एक आंख में ही तकलीफ थी, लेकिन अड़तालीस घंटे के अंदर दूसरी आंख में भी इन्फेक्शन फैल गया. डॉक्टर ने दोनों साइड का ऑपरेशन किया. डॉक्टर का दावा है कि तीनों मरीजों का ऑपरेशन सफल रहा है. आंखों की रोशनी भी ठीक हुई है. इन मरीजों की आंखों की पुतली भी अब चल रही है और उम्मीद की जाती है कि जल्दी ही ये रिकवर हो जाएंगे. डॉक्टर ने बताया कि इन 3 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है. लेकिन ब्लैक फंगस के 2 और मरीज उनके अस्पताल में भर्ती हो गए हैं. अब उनका इलाज किया जा रहा है.

वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. पुनीत भार्गव की टीम ने तीनों का ऑपरेशन किया है. डॉक्टरों के अनुसार, यह कोबलेटर, माइक्रोडेब्राइडर और माइक्रोडिल की आधुनिक मशीनों द्वारा एंडोस्कोपिक विधि से संभव हो सका. डॉ. पुनीत भार्गव ने बताया, यह संक्रमण त्वचा से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों तक फैल सकता है. कई बार जबड़ा या आंख तक निकालनी पड़ सकती है. गौरतलब है कि मेरठ में म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के मामले बढक़र 16 हो गए हैं. इनमें तीन मरीजों का सफल ऑपरेशन हो गया है. वहीं मेरठ के अन्य निजी अस्पताल में 5 और एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में 3 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं. ब्लैक फंगस से यहां 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है.