योगी के योग से आईसीयू में उत्तर प्रदेश-पी0एल0 पुनिया

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योगी आदित्यनाथ ने आईसीयू में पहुंचाई प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था।ऑक्सीजन की कमी से मौतों का जख्म अभी तक भरा नहीं।डिब्बा बंद वेंटिलेटर हैं पीएम केयर्स फंड और योगी सरकार की हकीकत।


लखनऊ।
कोरोना की दूसरी लहर से मची तबाही के बाद अब तीसरी लहर की भी शुरुआत हो गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन कमिटी के चेयरमैन पी0एल0 पुनिया ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीते साल ही कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। अस्पतालों में बेड के लिए मारामारी, ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों और गंगा किनारे दबाई गई और तैरती लाशों का खौफनाक मंजर अभी भी प्रदेश के लोगों की जेहन में ताजा है। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट तक ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था के हर मोर्चे पर योगी सरकार नाकाम रही है, फिर भी विज्ञापनजीवी योगी आदित्यनाथ को थोड़ी भी लज्जा नहीं आई।

श्री पुनिया ने कहा, दूसरी लहर से मची तबाही के बावजूद भी योगी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। रिपोर्ट्स बताती हैं कि उत्तर प्रदेश में पीएम केयर्स फंड से मिले 230 से अधिक वेंटिलेटर का डिब्बा तक नहीं खोला गया है। विज्ञापनों, पोस्टरों के जरिये अपना भ्रष्टाचार छुपाने वाली योगी सरकार ने आधे अधूरे बने कुछ जीनोम सिक्वेंसिंग लैब का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों करवा दिया, पर सच यह है कि यह सब शोपीस बनकर रह गए हैं।अभी कुछ ही दिन बीते हैं जब नीति आयोग की एक रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को निचला स्थान मिला। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देश में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की मानें, तो प्रति एक हजार आबादी पर एक डॉक्टर का होना अनिवार्य है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2015 के मुताबिक, प्रदेश में कुल 65,343 डॉक्टर पंजीकृत हैं, जिनमें से 52,274 राज्य में प्रैक्टिस करते हैं। डॉक्टरों की कमी के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था गर्त में जा चुकी है और प्रदेश में एक डॉक्टर पर साढ़े तीन हजार से अधिक मरीजों को देखने की जिम्मेदारी है।

पी0एल0 पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज के नाम पर भी इस सरकार ने सिर्फ धोखेबाजी की है। जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित तो कर दिया है लेकिन यह काम सिर्फ कागजी तौर पर हुआ। हालात यह है कि प्रदेश के अस्पतालों में न तो डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या मौजूद है और न ही दवाओं के साथ लोगों को अन्य सुविधाएं मिल पा रही हैं। इसके बावजूद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में पहुंचाने वाली योगी सरकार ने बीते पांच वर्षों से विज्ञापनों के सहारे लोगों को बरगलाया और   लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों पर झूठ बोलती रही है। कांग्रेस के पास स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव के लिए पूरी योजना है, हमने उसपर काम किया है। कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों के खाली पद भरे जायेंगे, दवाओं की उपलब्धता आसान की जाएगी और पूरे प्रदेश में अस्पतालों में बुनियादी सुधार किए जाएंगे। इसके अलावा किसी भी बीमारी का दस लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त होगा। इससे उत्तर प्रदेश के चिकित्सा-स्वास्थ्य व्यवस्था का पूरा परिदृश्य बदल जायेगा। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जिस तरह से उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास का एजेंडा लेकर संघर्ष कर रही है उसका असर चुनाव पर व्यापक रूप से पड़ेगा। धर्म और जाति की गोलबंदी से सत्ता हड़पने का सपना देखने वाले परास्त होंगे और कांग्रेस की जीत से यूपी एक नये युग में प्रवेश करेगा।