UP संघर्ष की हुई जीत DCM और मंत्री बूथ हारे

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देश में पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस मोदी की देन-योगी
देश में पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस मोदी की देन-योगी

यूपी निकाय चुनाव में 17 नगर निगम पर भाजपा के मेयर चुनाव जीत गए। सपा और बसपा को एक भी सीट नहीं मिली। आइए इसके पीछे की वजह बताते हैं। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में भाजपा की इस प्रचंड जीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत और काम का नतीजा है। योगी ने नगर निकाय चुनाव में 50 रैलियां कीं। उन्होंने 10 नगर निगम में रैली की। रोड शो भी किए। UP संघर्ष की हुई जीत DCM और मंत्री बूथ हारे

निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, DCM ब्रजेश पाठक, DCM केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने खूब पसीना बहाया। योगी ने नगर निकाय चुनाव में 50 रैलियां कीं। उन्होंने 10 नगर निगम में रैली की। रोड शो भी किए। सबसे ज्यादा गोरखपुर में 4 सभाएं की। लखनऊ में 3, वाराणसी और अयोध्या में दो-दो सभाएं की। सीएम योगी ने योगी ने सिर्फ 17 नगर निगम में ही नहीं बल्कि, सभी 18 मंडल में मेयर के साथ-साथ नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए भी वोट मांगे।

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के वार्ड में ही भाजपा चुनाव हार गई है। यहां भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर चली गई है। तो वहीं कौशाम्बी में भी जो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का गढ़ माना जाता है, वहां केशव के वार्ड से ही भाजपा पराजित हो गई है। प्रयागराज में जिस बूथ पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने वोट दिया था, उस वार्ड से भाजपा तीसरे नंबर पर जाकर बुरी तरह पराजित हो गई है। यूपी निकाय चुनाव में भले ही सीएम योगी का चमत्कार दिखाई दे रहा हो लेकिन उनके कद्दावर मंत्री अपने वार्ड में ही भाजपा को नहीं जीता पाए। यही हाल कमोबेश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विधान सभा सिराथू के वार्ड नंबर 9 शिवाला का है जहां भाजपा हार गई है। यहां पर निर्दल प्रत्याशी अंकित कुमार जीते हैं। जबकि यहां पर भाजपा प्रत्याशी विपिन कुमार यादव के लिए उपमुख्यमंत्री ने भी प्रचार किया था। हांलाकि सिराथू नगर पंचायत में भाजपा की लाज रखी राजेंद्र उर्फ भोला यादव ने वह अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज किए।

UP संघर्ष की हुई जीत DCM और मंत्री बूथ हारे

केशव के शिवाला वार्ड की स्थिति


सिराथू का शिवाला वार्ड नंबर 9 केशव प्रसाद मौर्य का गृह वार्ड है यहां पर कुल मतदाता 1105 हैं। जिसमें मतदान के दौरान कुल वोट पड़े 735 जबकि विजेता अंकित कुमार ने 449 वोट प्राप्त किया। अंकित कुमार निर्दल प्रत्याशी रहे जबकि भाजपा के विनीत कुमार को महज 77 वोट मिले।


नंदी का है वार्ड 80 मोहत्सिम वार्ड


मंत्री नंदी नगर निगम के वार्ड 80 मोहत्सिम में रहते हैं। इस वार्ड से भाजपा ने विजय को मैदान में उतारा था। यहां से निर्दल प्रत्याशी कुसुम लता को जीत मिली है। सपा के इशरत अली दूसरे नंबर पर रहे। भाजपा के विजय तीसरे नंबर पर चले गए हैं। इतना ही नहीं जिस बूथ पर नंदी ने वोट दिया था, उस पर भाजपा का केवल 150 वोट ही मिले हैं। भाजपा का नारा हमारा बूथ सबसे मजबूत यहां पर फेल हो गया।

नंदी के वार्ड में भाजपा की पराजय


प्रदेश में मेयर की 17 में से 17 सीटें तो भाजपा जीत गई। नगर पालिका, नगर पंचायत चेयरमैन और सभासदों की भी ज्यादातर सीटें भाजपा की झोली में आ रही हैं। लेकिन प्रयागराज में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के वार्ड में ही भाजपा चुनाव हार गई है। यहां भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर चली गई है। इतना ही नहीं, जिस बूथ पर नंदी ने वोट दिया था, उस बूथ पर भी भाजपा पिछड़ गई है। उल्लेखनीय है कि नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता प्रयागराज से लगातार दो बार मेयर रह चुकी है और उनका भी यह घरेलू वार्ड है, जहां से भाजपा को पराजय देखना पड़ा है।

पत्नी अभिलाषा की नहीं पूरी हुई अभिलाषा जिससे नाराज थे नंदी…..

नंद गोपाल गुप्ता की गिनती वैसे तो योगी सरकार में कद्दावर नेताओं में होती है। लेकिन इस बार टिकटों के बंटवारे में उनकी पत्नी का टिकट कट गया जिसके बाद नंदी खफा हो गए। हांलाकि वह सपा और बसपा में भी रहे हैं। वैश्य समाज का होने के कारण ही योगी की दोनों सरकारों में नंदी का जलवा दिखाई देता रहा है। इन्वेस्टर्स समिट में सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनके ही कंधे पर थी। उनके कद को देखते हुए माना जा रहा था कि उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता को ही एक बार फिर मेयर का टिकट मिलेगा। लेकिन अंतिम समय में ऐसा नहीं हो सका।


अतीक अहमद के वर्चस्व वाले चकिया इलाके के वार्ड 44


माफिया अतीक के वार्ड 44 में सपा ने भारी अंतर से जीत दर्ज किया है। सपा ने यहां भाजपा को हराया है, अतीक की हत्या के बाद भाजपा के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश को लेकर भी इलाके में नाराजगी की बातें कहीं जा रही थी। वार्ड के चुनाव परिणाम ने इस बात को नकार दिया है।


योगी ने सबसे अधिक गोरखपुर में की सभाएं,सबसे ज्यादा गोरखपुर में 4 सभाएं की। लखनऊ में 3, वाराणसी और अयोध्या में दो-दो सभाएं की। सीएम योगी ने योगी ने सिर्फ 17 नगर निगम में ही नहीं बल्कि, सभी 18 मंडल में मेयर के साथ-साथ नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए भी वोट मांगे।

प्रचार से दूर रहे अखिलेश यादव ने केवल चार रैलियां की


अखिलेश यादव की बात करें तो पहले चरण के चुनाव में अखिलेश ने केवल गोरखपुर और लखनऊ में प्रचार किया। दूसरे चरण की सीटों पर सक्रियता अपेक्षाकृत ज्यादा रही। इसके अलावा गाजियाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, मेरठ और कानपुर सहित पांच नगर निगमों में प्रचार के लिए गए। गाजियाबाद में हालांकि उनका दौरा प्रत्याशी के घर जाने तक ही सीमित रहा, जबकि बाकी 4 नगर निगमों में उन्होंने रोड शो और सभाएं कीं। UP संघर्ष की हुई जीत DCM और मंत्री बूथ हारे