देश के सबसे तीन गरीब राज्यों में उत्तर प्रदेश

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 [responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”]  भाजपा के राज में नीति आयोग में प्रथम बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एम.पी.आई.) में उत्तर प्रदेश को देश के सबसे तीन गरीब राज्यों में शामिल बताया गया है। बिहार और झारखण्ड के बाद उत्तर प्रदेश तीसरे नम्बर पर है। यहां के 37.79 प्रतिशत लोग निर्धन है। इसी तरह कुपोषण में भी उत्तर प्रदेश तीसरे दर्जे पर है। बाल एवं शिशु मृत्यु दर श्रेणी में भी पूरे देश में उत्तर प्रदेश सबसे खराब स्थिति में है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ जनता को राहत पहुंचाने वाले तमाम वादे भी किए थे। सुशासन और गरीबों की भलाई के फर्जी आंकड़े पेश किए गए, लेकिन चुनाव खत्म होते ही भाजपा के झूठ की कलई अब उतर गयी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा विकास के किये गये झूठे दावों को खुद भारत सरकार का नीति आयोग ही झुठला रहा है।


   सबका साथ सबका विकास का झूठ मंत्रजाप करने वाले भाजपा नेतृत्व की मंशा असल में उत्तर प्रदेश को विकास के बजाय विनाश के रास्ते पर ले जाने की है। भाजपा सरकार में प्रदेश में विकास पूरी तरह अवरुद्ध रहा है जिससे विकास दर में गिरावट आती जा रही है।भाजपा सरकार जहां प्रदेश को गरीबी के गर्त में ढकेला जा रहा है। वहीं महंगाई की मार से आम आदमी की कमर तोड़ने का भी काम सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। भाजपा सरकार में महंगाई चरम पर है। रोजमर्रा की चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से घरेलू उत्पादों की कीमतों में भारी उछाल होगा। दूध, चाय, काफी, मैगी, के दाम तो पहले से ही बढ़ गए हैं अब अन्य उपभोक्ता उत्पादों के ग्राहकों पर आर्थिक भार पड़ेगा।
भाजपा ने जिन्हें अच्छे दिनों का सपना दिखाया था वे भी अब अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। झूठ का सुनहरा मुलम्मा चढ़ा कर भाजपा ने सबके खातों में 15-15 लाख और किसान की आय दुगनी करने तथा लाखों रोजगार देने का झांसा दिया जिसका अब पर्दाफाश हो गया है। चुनाव के खत्म होने के साथ ही जनता का विश्वास इस छल-छद्म वाली भाजपा से उठ गया है।[/Responsivevoice]