उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव

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उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव

उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 543 नगर पंचायत चुनावों के लिए मतदान कराए जाएंगे। इसके अलावा तकरीबन 4 हजार पार्षद इस प्रक्रिया के तहत चुने जाएंगे। बीते दिनो उत्तर प्रदेश सरकार ने निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत महिलाओं के लिए 288 सीटें आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा ओबीसी के लिए 205 सीटें, एसस के लिए 110, एसटी के लिए 2 सीटें आरक्षित की गई हैं। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव

निकाय चुनाव–कार्यक्रम की घोषणा

प्रदेश में दो चरणों में होंगे चुनाव।

-4 मई व 11 मई को होगा मतदान-

-13 मई मतगणना होगी।

पहले चरण में इन जिलों में होगा चुनावः-4 मई 2023

शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुरखीरी, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली व जौनपुर।

दूसरा चरणः-11 मई 2023

मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, हाथरस, कासगंज, एटा, अलीगढ़, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज औरैया, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, बांदा, अयोध्या, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, अममेठी, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र, भदोही व मीरजापुर।

  • 14684 पदों पर निर्वाचन कराया जाएगा।
  • 17 नगर निगम में जो चुनाव कराया जाएगा, वहां ईवीएम से कराया जाएगा। नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव मतपेटिका से जरिए किया जाएगा।
  • साल 2017 के मुकाबले इस चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। करीब 96 लाख 35 हजार 832 वोटर्स इस बार बढ़े हैं।
  • 2017 के सापेक्ष इस बार सात निकाय बढ़े हैं। 760 निकाय इस बार हैं। 653 साल 2017 में थे।
  • 2 हजार 361 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं।
  • साल 2017 के मुकाबले साल 2023 में 2024 पदों (अध्यक्ष महापौर और पार्षद) की बढ़ोतरी हुई है।
  • साल 2023 में 2 लाख मतदानकर्मियों की जरूरत पड़ेगी।
  • महापौर के लिए 80 वार्ड से कम 35 लाख रुपये, 80 से ज्यादा 40 लाख रुपये। नगर पालिका के लिए 9 लाख और 12 लाख। पार्षद नगर निगम के लिए 3 लाख खर्च सीमा होगी।
  • अतिसंवेदनशील केंद्रों का चिह्नीकरण किया जा रहा है। जिलाधिकारियों को कहा है कि संवेदनशीलता का आकलन करके सूचित करें।

सपा ने नगर निगमों के लिए विधायकों को प्रभारी बनाया है। इसमें एक इलाके के विधायक को दूसरे इलाके के क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। आरक्षण सूची जारी होने के बाद सभी प्रभारी अपने-अपने इलाके का दौरा कर संभावित उम्मीदवारों का पैनल बना चुके हैं। इसी तरह नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एवं नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए जिले स्तर पर प्रभारी बनाए गए हैं।पार्षद एवं सभासदों के नाम स्थानीय स्तर पर तय किए जाएंगे। सभी प्रभारियों से उम्मीदवारों के नाम का पैनल मांगा गया है। प्रदेश मुख्यालय से यह भी निर्देश दिया गया है कि इस चुनाव में आपसी समन्वय का ध्यान रखा जाए। जहां किसी तरह गुटबाजी नजर आए तो पार्टी के पूर्व सांसद, विधायक व पूर्व विधायक सहित अन्य वरिष्ठ नेता हस्तक्षेप करते हुए आपसी समन्वय बनाएं।  उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव