उत्तर प्रदेश के अफसरों ने की अदालत की अवमानना

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उत्तर प्रदेश योगी सरकार के दो बड़े अफसरों ने की अदालत की अवमानना,आई0ए0एस0 अपर मुख्य सचिव सूचना और सूचना निदेशक को हाईकोर्ट ने तलब किया, 29 जून को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश।

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अवमानना के एक मामले में सूचना व जनसम्पर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक को तलब किया है। पीठ ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत के आदेश की अवहेलना करने के इस मामले में कार्यवाही की जाए। अदालत ने दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को 29 जून को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।

जस्टिस अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने यह आदेश सैय्द अमजद हुसैन की ओर से दाखिल एक अवमानना याचिका पर दिया है। पीठ के समक्ष इस याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील एस0सी0 मिश्रा, कपिल मिश्रा व सुनील चौधरी पेश हुए। इनका कहना था कि सात दिसंबर, 2020 को हाईकोर्ट ने एक आदेश पारित कर याचिकाकर्ता को सूचना विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्य करते रहने की इजाजत दी थी। लेकिन इस आदेश का अनुपालन नहीं कराया जा रहा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपर मुख्य सचिव सूचना एवं जनसंपर्क और सूचना निदेशक को एक अवमानना मामले में 29 जून को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ जानबूझकर आदेश की नाफरमानी करने के कारण कार्रवाई की जाए। हाई कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से यह हलफनामा मांगा है कि सम्मन मिलने के बाद भी उन्होने मुख्य स्थायी अधिवक्ता के आफिस में अपने निर्देश क्यों नहीं दिये। यह आदेश जस्टिस अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सुनवायी करते हुए पारित किया।

अपर मुख्य सचिव सूचना और सूचना निदेशक ने नहीं दिया कोर्ट का जवाब एकल पीठ ने पाया कि आठ अप्रैल, 2021 को इस मामले की पहली सुनवाई के समय अपर मुख्य सचिव सूचना और सूचना निदेशक को नोटिस जारी किया गया था। जिसका तामीला इनके दफ्तर में कर दिया गया। बावजूद इसके दुबारा सुनवाई के समय इनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। पीठ ने इनसे इस बात का भी हलफनामा मांगा है कि उन्होंने समन मिलने के बाद भी मुख्य स्थाई अधिवक्ता के दफ्तर में अपना निर्देश क्यों नहीं दिया।अपर शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने बताया कि कोर्ट की नोटिस का संज्ञान न लेने पर इन्हें तलब किया गया है।