भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत के एक विशिष्ट विद्वान को हमने खो दिया-अखिलेश यादव

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने द्वारिकापीठ और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। अखिलेश यादव ने कहा कि स्वामी जी के निधन से भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत के एक विशिष्ट विद्वान को हमने खो दिया है। स्वामी जी धर्म के मर्म को समझते हुए भारतीय जनजीवन को नए मूल्यों से अनुप्राणित करने वालों में थे।

स्वामी स्वरूपानंद जी दो शंकराचार्य पीठों द्वारिका पीठ के अतिरिक्त बद्रीनाथ स्थित ज्योतिर्मठ के भी शंकराचार्य थे। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के गंगा आश्रम में आज उनका 99वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनका जन्म 2 सितम्बर 1924 को हुआ था। स्वामी स्वरूपानंद जी 1942 के भारत छोड़ों आंदोलन में 19 वर्ष की अवस्था में शामिल हुए थे और जेल यातना सही थी। अपनी विद्वता के कारण उनका देश विदेश में बहुत सम्मान था। उनकी लम्बी शिष्य परम्परा है।