उप मुख्यमंत्री के स्वागत में हड़कंप

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मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री
मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश में 300 सीटें जीतकर दोबारा सरकार बनाने का दावा करने वाली बीजेपी का प्रदेश में बुरा हाल है। जहां क्षेत्र में उसके विधायकों को जनता दौड़ रही है, वहीं सरकार के उपमुख्यमंत्री भी जनता के गुस्से का शिकार हो रहें हैं। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी ने  सिराथू की विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। सिराथू सीट से उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार अपने गृह नगर कौशांबी पहुंचे । वह शनिवार को अपने विधानसभा क्षेत्र सिराथू के गुलामीपुर पहुंचे ,  जहां महिलाओं ने उनका जमकर विरोध किया। इतना ही नहीं महिलाओं ने उनके मुंह पर दरवाजा तक बंद कर दिया।

अखिलेश यादव के यह दावा करने पर कि उनका इंद्रधनुष गठबंधन हर गुजरते दिन के साथ मजबूत होता जा रहा है, मौर्य ने मजाक में कहा, “इसी तरह के दावे साल 2019 के लोकसभा चुनाव में किए गए थे और अखिलेश ने दावों का पहाड़ बनाया था, लेकिन जब परिणाम आया तो वह ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ जैसा था, उनके दावों में कोई दम नहीं है।” अखिलेश पर अपने हमले को जारी रखते हुए मौर्य ने कहा कि जहां तक अखिलेश के सपने में भगवान कृष्ण के प्रकट होने का सवाल है, तो अगर भगवान कृष्ण उनके सपनों में आए होंगे तो मुझे लगता है कि उन्होंने उन्हें 2022 में प्रयास करना बंद करने और वर्ष 2027 की तैयारी करने के लिए कहा होगा।

जिला पंचायत सदस्य पूनम मौर्य के पति राजीव मौर्य के लापता होने के मामले में जब केशव प्रसाद मौर्य  परिवार के लोगों से मिलने पहुंचे तो उन्हे महिलाओं के तीखे शब्दों का सामना करना पड़ा। जबरदस्त विरोध और नारेबाजी के बीच उन्हें वहां से लौटना पड़ गया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में महिलाएं केशव मौर्य के खिलाफ नारेबाजी करती नजर आ रही हैं। एक स्थान पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य  डांटकर चुप कराते हुये भी दिखाई दे रहें है। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने अपनी जबर्दस्त प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया है।

भाजपा के प्रमुख पिछड़ा चेहरा केशव मौर्य ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीती थीं और तब ये लोग ( स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान व धर्म सिंह सैनी) भाजपा के साथ नहीं थे। साल 2014 की ऐतिहासिक जीत वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी दोहराई गई।स्वामी प्रसाद मौर्य, चौहान और सैनी बसपा छोड़कर वर्ष 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे और इस बार चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए। मौर्य ने कहा कि किसी के पार्टी में शामिल होने या पार्टी छोड़ने से शायद ही कोई फर्क पड़ता है, क्योंकि बूथ स्तर पर भाजपा बहुत मजबूत पार्टी है और मुझे नहीं लगता कि कोई मतदाता उनके साथ गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए दल छोड़कर गये हैं न कि किसी विचारधारा के लिए। केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार ने लोगों के लिए बहुत काम किया है, कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है और चौतरफा विकास कार्य हुए हैं।