अखिलेश क्या जाने लोकतांत्रिक प्रक्रिया…?

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हिमांशु दुबे

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अखिलेश यादव जी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी चलाते हैं, घर-घराना ही पार्टी है। ऐसे में लोकतांत्रिक प्रक्रिया वह क्या जाने? योगी जी के लिये पूरा प्रदेश ही परिवार हैं। अखिलेश यादव जी चार जिले के नेता हैं। अपनी हार से इतने डरे हैं कि चुनाव लड़ने तक हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसलिये रोज नए बहाने बना रहे हैं। अनर्गल प्रलाप कर वे जनता को गुमराह करने का हास्यास्पद प्रयास कर रहे हैं। हो सकता है 2019 के लोकसभा चुनावों में खुद कन्नौज में डटे रहने के बाद भी करारी हार का सदमा नहीं झेल पाए हैं, इसलिए बेतुकी बातें करके खुद का अवसाद दूर करने की कोशिश कर रहे हों। 


उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने वाली पार्टी है, इसलिए हमारे मुख्यमंत्री जी पार्टी के निर्देश पर कहीं से भी लड़ने की बात कहते हैं। वे पांच बार लोकसभा में भाजपा की ओर से गोरखपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हमारे लोकप्रिय और यशस्वी मुख्यमंत्री सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। अखिलेश जी अपनी ही पार्टी के भीतर आंतरिक गुटबाजी से इतने हताश और निराश हैं कि खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि कहां से उम्मीदवारी करें। हार का डर इस कदर उनके मन मष्तिस्क में बैठ गया है कि वह गंभीर अवसाद में चले गए हैं और अनर्गल प्रलाप करते घूम रहे हैं।

 
श्री सिंह ने कहा कि 2014, 2017 और 2019 की करारी हार के सदमें से अभी वह उबर नहीं पाए हैं जबकि वे लड़कों का साथ ले चुके हैं, बुआ के हाथी की सवारी भी कर चुके हैं। जनता उनके अलगाववादी, जातिवादी रवैये से ऊब चुकी है। 2017 से पहले उनके दंगाराज और गुण्डाराज की दहशत से मोदी जी और योगी जी की डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश की जनता को उबारा है। आज गरीब, वंचित, पिछड़े और दलित उत्थान के संकल्प को लेकर काम करने वाली भाजपा की सरकार के कामकाज ने फर्क साफ कर दिया है।


अब न जनता गुण्डाराज चाहती है, न दंगाराज चाहती है। वह भ्रष्टाचारी, बहन बेटियों के लिए अत्याचारी सरकार से मुक्ति पा चुकी है। उसे भाजपा की सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का ध्येय लेकर चलने वाली भाजपा की सेवा धर्मिता वाली सरकार पसंद है। वह फिर से भाजपा सरकार बनाने का मन बना चुकी है, 300 प्लस सीटों पर कमल खिलाकर अखिलेश जी को अबकी बार परमानेंट वर्क फ्रॉम होम पर भेजने जा रही है।