क्या होता है प्यार और लिव इन रिलेशनशिप….?

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लिव इन रिलेशनशिप का मतलब ही यही होता है, की लड़का और लड़की दोनों अविवाहित रूप से लम्बे समय तक पति पत्नी बनकर साथ रहे। ऐसे रिलेशनशिप में यह जरूरी नही होता की वह किसी भी रिश्ते को बोझ समझे। वह पूर्ण रूप से हर रिश्ते को आपनाने या अपनाने की आज़ादी में रहते है। प्यार वह होता है, जो माँ बाप बच्चे से करते है। पति-पत्नी एक दूसरे से करते है,लेकिन युवा पीढ़ी का प्यार भी गलत नही कहा जा सकता। कई रिलेशनशिप ऐसे भी देखे गये है, जो अपन प्यार और रिश्ते के बारे में अपने घर पर बताने की हिम्मत भी जुटते है, और घरवाले मान भी जाते है, और यह रिलेशनशिप शादी में बदल भी जाते है, जिसकी डोर जन्म-जन्म के लिए मजबूत हो जाती है। और पति-पत्नी के रिश्ते में बंधकर दोनों एक दुसरे के सुख दुःख अपनाते है और हमेशा एक दुसरे का साथ देते है। इसे सच्चा और सफल प्यार कहा जाता है, और साथ ही दोनों परिवारों की इज्ज़त भी समाज में बनी रहती है। इस प्यार के अलावा एक और भी प्यार होता है, जो कुछ हद तक दिल से भी होता है, लेकिन दो प्यार करने वाले लोगो की मजबूरियां उन्हें अपने रिश्ते को खत्म करने पर मजबूर कर देती है। तो कपल्स केवल लिव इन रिलेशनशिप में आने के लिए झूठे प्यार का दिखावा करते है।

कुछ दिन कपल्स एक दुसरे की हद से ज्यादा केयर करती है, और दिन रात एक दुसरे से प्यार की बाते करते है, मरने तक साथ रहने की बाते तक करते है, एक दुसरे के साथ समय व्यतीत करते है, और कुछ तो उपहार तक देना पसंद करते है, और लड़की को एहसास दिलवाते है की, वह उसके साथ हमेशा रहेगा, हर सुख दुःख में भी साथ निभायंगे, और कसम तक लेते है कि, शादी भी उसी लड़की से करंग। हर हाल में अपनी फॅमिली को उस लड़की के लिए मना लेंगे। लेकिन रिलेशनशिप के दौरान लडको को लड़की के पास आने की इच्छा होती है, जिसके लिए वह अपने पार्टनर को हग और किस के लिए अक्सर मना लेते है।

हालाँकि हग और किस आज के समय में कोई बड़ी बात नही रही है। हर युवा इसे आज नोर्मल ही मानते है। कुछ लड़के होते है जो इन्ही सबके चलते अपने पार्टनर का फायदा उठाने लगते है, हालाँकि उन्हें ट्रीट बिलकुल उनकी वाइफ की तरह ही करते है। अपनी पार्टनर को अच्छी तरह से यही एहसास करवाते है, की वह उनकी जान है, उनका प्यार और उनकी वाइफ है। यहाँ तक की केयर भी एक पति-पत्नी के रिश्ते वाली करते है।

लिव इन रिलेशनशिप सम्बन्ध के लाभ—

  • साथी को पूर्ण समय मौजूद होने के कारण जानने में आसानी होती है।
  • दोनो पक्ष आम तौर से आर्थिक रूप से स्वतंत्र और किसी पर निर्भर नहीं होते।
  • इस रिश्ते में सामाजिक और पारिवारिक नियम लागू नहीं होते।
  • वैवाहित जीवन की जवाबदारी इस रिश्ते पर लागू नहीं होती।
  • हर पक्ष दूसरे का सम्मान करता है।
  • सम्बन्ध के समाप्त होने पर तलाक जैसे झंजट-भरे मुकदमे कम ही देखे गए हैं।

इसी केयर और प्यार के आगे लड़कियां भी अपने पार्टनर से दिल से प्यार करने लगती है साथ ही उन्हें अपना पति मानने लगती है। रिसर्च के दौरान यही पता चलता है की, यही से 70 प्रतिशत लडकियों की बरबादी की शुरुआत होने लगती है। अपने पार्टनर को पति के रूप में स्वीकार करने के बाद लड़के उनसे फिजिकल टच में आने के लिए कहते है। लड़की के मना करने पर वह उसे प्यार का वास्ता देता है, और कहते है, की वह उसकी वाइफ है और उसका पूरा हक़ भी है। भारत देश में शादी से पहले ही फिजिकल टच में आना समाज में नही माना जाता।

लेकिन कई बार होर्मोनालं चेंजेस के दौरान यह स्वाभाविक भी हो जाता है और कभी-कभी कुछ प्रोब्लेम्स के कारण भी मजबूरी में फिजिकल टच में लड़की को आना पड़ता है। लेकिन इसका मतलब ये नही होता की लड़की अपनी मर्ज़ी है फिजिकल टच के लिए तैयार है। क्योकि उसे प्यार का वास्ता दिया गया ही, या फिर उसे मानसिक रूप से भी टॉर्चर किया जाता है। लेकिन कभी- कभी ऐसे सिचुएशन भी देखी गयी है कि, दोनों ही पार्टनर शादी से पहले दोनों ही पार्टनर फिजिकल टच में आना नही चाहते मगर कुछ फिजिकली इशू के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ता है। लेकीन इस केस में मानसिक रूप से भी टॉर्चर करना कहना सही नही होगा।

लिव-इन रिलेशनशिप-जज करना अदालत का काम नहीं- पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

एक बार टच में आने के बाद उनके पार्टनर द्वारा लड़की को काफी फ़ोर्स किया जाता है। तो कभी लड़की को ब्लैकमेल किया जाता है। अपनी पार्टनर को यूज करने बाद उनसे बदतमीजी से भी पेश आते है। असल में ऐसे लड़के आपनी पार्टनर को सेक्स करने के लिए केवल एक खिलौनासमझते है। तो कभी लड़की से तंग आकर उसे छोड़ दिया जाता है। इनके अलावा भी कपल्स ऐसे है, जो लिव इन रिलेशनशिप में तो जरुर है, लेकिन अपने पार्टनर्स को आपनी वाइफ मानकर ही ट्रीट करते है। साथ रहते है, साथ ही पढाई भी करते है, और साथ ही जॉब भी करते है। साइकोलोजी के अनुसार ऐसे कपल्स शादी बेशक नही करते लेकिन पति पत्नी के हक़ से रहते और इनके बच्चे भी होते है, तो ये कपल्स शादीशुदा ही माने जाते है। फिर चाहे समाज कुछ भी बोले। यह लिव इन रिलेशनशिप लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में बदल जाती है।

लिव इन रिलेशनशिप का अर्थ है कि, अपना सब कुछ छोड़ के अपने पार्टनर के साथ फिजिकल टच में रहना यानि के शादी के पहले ही अपने बॉयफ्रेंड के साथ फिजिकल टच में रहना| हालाँकि लिव इन रिलेशनशिप ज्यादा समय तक नही चलते। आये दिन की लड़ाई झाद्गे और लोगो की बात ऐसे कपल्स को नही साथ नही रहने देती। फ़ोर्स लड़की को उसका पार्टनर करता है, लेकिन ताने उसे ऐसे मिलते है, जैसे की लड़की ने अपने लिए अपनी लाइफ बर्बाद की है। और अगर गलती से भी लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है, तो दुःख सुख में साथ रहने की बात करने वाला उसका वही पार्टनर उस लड़की को गिरी हुई घटिया बातें सुनाता है, और उसे मरने के लिए छोड़ देता है।

मानसिक संतुलन खो बैठी उस लड़की के पास मरने के अलावा कोई चारा नही बचता। दुनिया की सुन्नी, माँ-बाप के ताने इन सबको झेलने की हिम्मत टूट जाती है। जब साथ देने वाला ही नही धोखा दे जाए तो जीने का क्या मतलब। लडकियों को इस सोच को बदल कर यह सोचना चाहिए की वह आगे से कभी यह गलती न करे और जल्दी से जल्दी इस सदमे से भर निकलने हालंकि एसा करना बेहद मुश्किल होता। लिव इन रिलेशनशिप जैसी घटना के बारे में फॅमिली को पता चलना किसी पहाड़ से कम नही है। जिन माँ – बाप ने अच्छा जीवन दिया उन्हें की इज्ज़त उनके बेटी की वजह से मिटटी में मिल जानी बेहद शर्म की बात है। यह तक की इस घटना के बाद भी अधिकतर पेरेंट्स भी अपनी बेटी का साथ छोड़ देते है।

लिव इन रिलेशनशिप कि असुविधाएँ —

  • समाज की अस्वीकृति और तिरस्कार।
  • सम्बंध का विवाह की तरह टिकाव न होना।
  • स्त्रियों की समस्याएँ, विशेष रूप से सम्बंध अचानक टूटने की स्थिति में पुरुषों से अधिक होती हैं।
  • इस सम्बंध से पैदा होने वाले बच्चे पारम्परिक पारिवारिक मर्यादाओं को समझने और अपनाने में असमर्थ होते हैं।
  • विवाह जैसे सम्बंध के आदर की कमी साफ़ दिखाई देती है।

लिव इन रिलेशनशिप में लड़की की गलती हमेशा निकाली जाती है, जबकी लड़की से ज्यादा इसमें लड़के की गलती होती है, जो लड़की की विर्जिनिटी को खिलौना समझकर अपनी हावस का शिकार बना लेती है। जबकी खुद की बहन किसी लड़के के साथ भी दिखाई दे जाए तो उसे घर की इज्ज़त और मर्यादा के बारे याद दिला दिया जाता है। लेकिन खुद यह भूल जाते हैं की खुद ने भी किसी की जिन्दगी अपनी गिरी हुई हवस के लिए बर्बाद कर दी है| खुद शादी से पहले किसी की विर्जिनिटी से खलने में शर्म नही आती, लेकिन शादी के लिए लड़की ऐसी चाहिए जो विर्जिन हो और बिना बॉयफ्रेंड की हो।

लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें दो लोग जिनका विवाह नहीं हुआ है, साथ रहते हैं और एक पति-पत्नी की तरह आपस में शारिरिक सम्बन्ध बनाते हैं। यह सम्बंध स्नेहात्मक होता है और रिश्ता गहरा होता है। सम्बन्ध कई बार लम्बे समय तक चल सकते हैं या फिर स्थाई भी हो सकते हैं।भारत के सर्वोच्च न्यायाल ने लिव-इन सम्बंधों के समर्थन में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए कहा है कि यदि दो लोग लंबे समय से एक दूसरे के साथ रह रहे हैं और उनमें संबंध हैं, तो उन्हें शादीशुदा ही माना जाएगा।

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आज हर कपल के लिए यह समझना जरूरी हो गया है, की प्यार वो नही जिसमे शादी का झांसा देकर अपनी पार्टनर को यूज कर लिया और फिर गाली गलोच करके छोड़ दिया जाये। यूज करने के बाद तो एक लड़की की जिंदगी खत्म ही है, लेकिन उसके साथ उसकी फॅमिली भी कही की नही रहे जाती। जब एक लड़का खुद विर्जिन वाइफ चाहता है, तो फिर किसी और के साथ घिनोनी हरकते क्यों? खुद के माँ-बाप की इज्ज़त की इतनी फिकर है, अपनी बहन की सुरक्षा की इतनी ही चिंता है, तो फ़िर दुसरे की लड़की को यूज करके फॅमिली एक्सेप्ट नही करेगी, मेरे भाई-बहन का क्या होगा तुमसे शादी करूंगा तो, दूसरा धर्म, या दूसरी कास्ट माँ बाप को खो देने का डर ये सब बाहने बनाकर छोड़ दिया जाता है, सिर्फ इसलिए की मन भर गया।

अब दूसरी मिल जयगी, या अब शादी करूंगा इसलिए। यही सब ड्रामे अगर पहले याद आ जाते या जब लड़की हज़ार बार टच में ना आने की भीख मांगती रही तब फ्यूचर की याद नही आई, तब सिर्फ याद रहा तो केवल अपना झूठा हक़, झूठा प्यार और हवस। सिर्फ इसलिए की मन भर गया।, अब दूसरी मिल जयगी, या अब शादी करूंगा इसलिए। अपनी बहन का हमेशा याद रहता है, की वह किसी की बेटी है, किसी की बहन है, इज्ज़त है परिवार है। और दुसरे की बेटी एक खिलौना जब मन में आया मन बहला लिया मन भर गया तो फेंक दिया।