ब्राह्मण जब जागा है तो दम्भी सत्ता छोड़ भागा है-प्रो0 अभिषेक मिश्रा

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आज आखिर प्रो0 अभिषेक मिश्रा ने इन दम्भी,अहंकारी सत्ता धारियों को याद दिला दिया कि भगवान परशुराम,महापुरुष नही बल्कि भगवान विष्णु के साक्षात अवतार हैं और मजबूर कर दिया ये मानने पर कि ब्राह्मण जब जागा है तो दम्भी राजा सत्ता छोड़ कर भागा है ।सुनने में आया है कि एक भी ब्राह्मण को न्याय ना दिला पाने वाले कानून मंत्री बृजेश पाठक ,और खुद को ब्राह्मण ना समझने वाले प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा कल भगवान परशुराम की मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं ?आज प्रो0 अभिषेक मिश्र की अगुआई में ब्राह्मण समाज को एकजुट देखकर इन बेशर्म सत्ताधारियों को सत्ता जाने के डर से भगवान परशुराम याद आ गए ।प्रो0 अभिषेक मिश्र को पूरे ब्राह्मण समाज की ओर से धन्यवाद और आभार प्रेषित करता हूँ ,कि आपने अपनी ताकत का एहसास दिलाना सीखा दिया पूरे समाज को ।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पिछड़ा,दलित,मुस्लिम के बाद सबसे ज्यादा राजनीतिक दलों का फोकस ब्राह्मण वोटों पर है। वह इसे किसी भी कीमत पर अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है।सपा के 2012 से 2017 के कार्यकाल को देख लें तो किसी से कुछ छिपा नहीं है। इनकी कथनी करनी में सामनता रही है।रणनीतिकार मानते हैं कि दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण वोट बैंक अगर मिला तो बड़ा गेमचेंज हो जाएगा।

उत्तर प्रदेश में भगवान परशुराम के नाम पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक दल भगवान परशुराम पर अपना-अपना हक जताने में लगे हैं। सपा और बसपा ने भगवान परशुराम की मूर्तियां लगाने का ऐलान किया है।सपा प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट 16 फीसदी है, यूपी में तबतक किसी का भी राज्यभिषेक नहीं हो सकता है जब तक ब्राह्मण राजतिलक न करे।अभिषेक ने कहा कि भगवान श्रीराम, भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री नरसिंह, परशुराम मेरे हैं। भगवान के सभी अवतार हमारे हैं। हम भगवान श्रीराम को किसी एक पार्टी को देने के लिए तैयार नहीं हैं। इनको बांटने की भी जरूरत नहीं है, मैं भारतीय जनता पार्टी वालों से अपील करना चाहूंगा कि उनको बख्श दीजिए। उनको जातियों में मत बांटिए। जहां धर्म, संस्कार, ईश्वर की प्रतिमा की बात आती है, बीजेपी को राजनीति दिखाई देने लगती है। यही उनका चाल चरित्र और चेहरा है।