वन्य जीव रेस्क्यू प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

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राजधानी के कुकरैल स्थित मौलश्री प्रेक्षाग्रह में दो दिवसीय वन्य जीव प्रशिक्षण कार्यशाला आज संपन्न हुई। उक्त कार्यशाला का समापन मुख्य अतिथि प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने किया। कार्यक्रम की जानकारी घड़ियाल पुनर्वास केंद्र कुकरैल व क्षेत्रीय वन अधिकारी सीएल गुप्ता ने दी।

धनंजय सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 23 वन प्रभागों से 60 फ्रंटलाइन स्टॉफ द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। रेस्क्यू प्रशिक्षण में डॉल्फिन , मगरमच्छ, कछुआ, घड़ियाल, सांप, तेंदुआ आदि वन्यजीवों के वन से भटक कर आबादी क्षेत्र में बाहर आ जाने की स्थिति में रेस्क्यू कर उन्हें प्राकृतवास में वापस रिलीज किए जाने संबंधी सभी प्रकार की प्रक्रिया के संबंध में व उसके समुचित निराकरण हेतु वन्य जीव विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की गई। वन्यजीवों के विभिन्न प्रजातियों की पहचान रेस्क्यू, उपकरण, रेस्क्यू करने के तरीके आदि की विस्तार से सैद्धांतिक और प्रयोगिक जानकारी के साथ-साथ समस्त प्रशिक्षणार्थियों से फील्ड एक्सरसाइज भी कराई गई । कार्यशाला के सफल समापन पर ममता संजीव दुबे ने कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा की इस प्रकार की कार्यशाला मंडल एवं जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन व स्थानीय नागरिकों को सम्मिलित कर आयोजित किए जाएं तो विभाग को काफी सहूलियत मिलेगी।प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया की कुशल वन्यजीव प्रबंधन के कारण वन्यजीवों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसके फलस्वरूप संभावित मानव वन्य जीव संघर्ष का शून्य लक्ष्य रखने के लिए सभी कर्मचारियों से आह्वान किया गया। इस दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए गए। प्रधान वन्य जीव संरक्षक वन्य जीव संजय सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों का मनोबल बढ़ाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन को सुनियोजित ढंग से धैर्य एवं संयम के साथ सफलतापूर्वक संपादित करने पर बल दिया । कार्यशाला में वन संरक्षक लुप्तप्राय परियोजना मनोज कुमार सोनकर, वन्य जीव प्रतिपालक अबू अरशद खां, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के उपनिदेशक डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला, टर्टल सर्वाइकल एलायंस के डॉक्टर शैलेंद्र सिंह, अरुणिमा सिंह, श्रीपर्णा दत्ता , पवन पारिक ने सहभागिता की।