क्या विधान सभा चुनाव में भाजपा की जमानत होगी ज़प्त..?

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   देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है किन्तु भाजपा राज में किसान और खेती सर्वाधिक उपेक्षित हैं। भाजपा के वादे के अनुसार उसे फसल का लाभप्रद मूल्य नहीं मिला। आय दोगुनी होने के कहीं आसार नहीं दिख रहे हैं। उल्टे लखीमपुर में किसानों को जीप से कुचल दिया गया। साल भर किसान तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते रहें।  इस दौरान सात सौ से ज्यादा किसानों की दर्दनाक मौत हो गई। जनता और किसानों के दबाव में केन्द्र की भाजपा सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े अन्यथा इनके लागू होने पर किसान की खेती भी चली जाती और वह स्वामी के बजाय खेतिहर मजदूर बन जाता। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बेलगाम है। संवैधानिक संस्थाएं लगातार कमजोर होती जा रही हैं। भाजपा लोकतंत्र को कैद करना चाहती है। समाजवादी पार्टी लोकतंत्र की बेड़ियों को तोड़ने की लड़ाई लड़ रही है। भाजपा ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।अब जनता को भाजपा से उत्तर प्रदेश को मुक्त कराकर ही चैन आएगा।

भाजपा सरकार ने इसका बर्बाद कर दिया। अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 समाजवादी सरकार में बना था। पुलिस मुख्यालय का शानदार भवन भी तभी बना था जिसकी प्रशंसा देश-विदेश के पुलिस अधिकारियों ने पिछले दिनों अपने सम्मेलन में की थी।भाजपा की नफरत और समाज को बांटने की राजनीति की सच्चाई जनता जान चुकी है। उसे अच्छी तरह मालूम है कि भाजपा के वादे केवल धोखा ही रहते हैं। भाजपा के नेता जुमलेबाजी में माहिर हैं और लोगों को झूठे सपने दिखाकर बहलाते है। जो पार्टी अपने संकल्प पत्र का सम्मान नहीं करती वह अपने वादों का क्यों पूरा करेगी? ऐसी झूठी और फरेबी भाजपा को अब सन् 2022 में जनता एक भी सीट जीतने नहीं देगी।

   भाजपा ने रोजगार का वायदा किया था लेकिन नौजवानों को रोजगार तो मिला नहीं तमाम औद्योगिक संस्थानों से उनकी बड़े पैमाने पर छुट्टी कर दी गई। मुख्यमंत्री जी प्रदेश में नौकरियों में भर्ती के अलग-अलग दावे करते हैं। किन्हें नौकरी मिली और किन्हें नहीं इसका स्पष्ट ब्यौरा राज्य सरकार देने को तैयार नहीं। इन्वेस्टमेंट मीट में करोड़ो के एम.ओ.यू. होने के दावे किए गए लेकिन कहीं कोई पूंजी निवेश नहीं हुआ। न नए उद्योग लगे न रोजगार बढ़ा।कानून व्यवस्था के हालात तो बद से बदतर होते जा रहे हैं। लूट, हत्याकांड, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं थम नहीं रही है। अपराधियों को सत्ता  का संरक्षण मिलने से पुलिस-प्रशासन भी कार्यवाही से मुंह चुरा लेता है। छेड़छाड़ से पीड़ित कई छात्राओं ने तंग आकर आत्महत्याएं कर ली। समाजवादी सरकार ने महिलाओं-लड़कियों के प्रति यौन अपराधों के नियंत्रण के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन स्थापित की थी।