क्या कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अपना राजनीतिक दल बनाएंगे….?

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एमबीसी बाहुल्य 72 विधानसभा क्षेत्रों में विजय बैंसला 15 अगस्त से दौरा शुरू करेंगे।आरएएस में एमबीसी के 38 युवाओं का चयन हुआ है।तो क्या कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अपना राजनीतिक दल बनाएंगे….?

एस0 पी0 मित्तल

  राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग खास कर गुर्जर समुदाय को 5 प्रतिशत विशेष आरक्षण का लाभ दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने एक वीडियो जारी कर एमबीसी वर्ग के लोगों से सक्रिय राजनीति में आने की अपील की है। हालांकि कर्नल बैंसला अभी भाजपा से जुड़े हैं, लेकिन इस वीडियो के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कर्नल बैंसला अब अपना राजनीतिक दल बना सकते हैं। वीडियो में कर्नल बैंसला ने सबसे पहले एमबीसी वर्ग के उन 38 युवाओं को बधाई दी, जिनका चयन हाल ही में राज्य प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में हुआ है। कर्नल ने कहा कि पांच प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण का ही नतीजा है कि 1051 भर्ती में से 38 एमबीसी वर्ग को मिली है। मैं चाहता हूं कि हमारे वर्ग के युवा अधीनस्थ सेवा के साथ साथ एसडीएम और डीएसपी जैसे पदों पर भी काम करें। इस सफलता के पीछे गुर्जर समुदाय के उन 72 लोगों की कुर्बानी है जिन्होंने आरक्षण आंदोलन में अपना बलिदान दिया। अब समय आ गया है जब एमबीसी वर्ग के लोगों को राजनीतिक क्षेत्र में भी सक्रिय होना पड़ेगा। राजस्थान में 25 में से 16 लोकसभा और 200 में से 72 विधानसभा क्षेत्रों में एमबीसी यानी मोस्ट बैकवर्ड कम्युनिटी (अति पिछड़ा वर्ग) का बाहुल्य हे, लेकिन इसके अनुपात में राजनीतिक क्षेत्र में हमारे वर्ग की ताकत नहीं है। मैं चाहता हूं कि हमारे वर्ग के लोग आगे आएं और राजनीति में छा जाएं। एमबीसी वर्ग का राजस्थान क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए मैं तैयार हंू। कर्नल बैंसला के इस वीडियो के बाद राजनीतिक क्षेत्रों में हलचल मच गई है।

15 अगस्त से दौरा शुरू:-

कर्नल बैंसला के पुत्र और गुर्जर आरक्षण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले विजय बैंसला ने कहा कि आगामी 15 अगस्त से प्रदेश के 72 विधानसभा क्षेत्रों में एमबीसी वर्ग के लोगों से संपर्क करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में एमबीसी वर्ग से कांग्रेस और भाजपा में जो नेता हैं, वे अपने अपने राजनीतिक स्वार्थ पूरा कर रहे हैं। जबकि आज जरुरत एमबीसी वर्ग के विकास की है। कर्नल साहब का सपना है कि राजस्थान में एमबीसी वर्ग मजबूत हो और उसकी अपनी राजनीतिक ताकत हो। एमबीसी बाहुल्य 72 विधानसभा क्षेत्रों में दो दो सभाएं करने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि कर्नल साहब की उम्र 85 वर्ष की हो गई है, लेकिन फिर भी हमारा प्रयास होगा कि अधिक से अधिक सभाओं में उनकी उपस्थिति रहे। कर्नल साहब एमबीसी वर्ग के सर्वमान्य नेता हैं।

राजस्थान में जिन विधानसभा क्षेत्रों को एमबीसी बहुल्य माना जा रहा है उनमें अजमेर के केकड़ी, किशनगढ़, मसूदा, नसीराबाद, पुष्कर, अलवर के बांनसूर, कटूमर, थानागाजी व तिजारा। बाड़मेर सीवाना, भरतपुर में बयाना, डीग, कामा, नदबई, नगर, बैर, भीलवाड़ा में आसीन, जहाजपुर, मांडल, मांडलगढ़ व सारा, बूंदी में हिंडोली, केशवराय पाटन, चित्तौड़ में बड़ी सादड़ी, बेगू व प्रतापगढ़, दौसा में बांदीकुई, दौसा, महुआ, सिकराय, धौलपुर में बारी, बासेरी, राजकेहरा, जयपुर में चाकूस, दूदू, जम्बारामगढ़, कोटपुतली व विराटनगर, सवाईमाधोपुर में बावनवास, गंगापुर, खंडर, सवाईमाधोपुर, जालौर में भीनमाल व जालोर, झालावाड़ में झालरा पाटन, खानपुर, झुंझुनूं में खेतड़ी व उदयपुरवाटी, करोली में हिंडौन, करोली, सपोटरा, टोडाभीम, कोटा में लाड़पुरा, पीपलादा, रामगंज मंडी, नागौर में परतबसर, पाली में बाली, जैताराण, मारवाड़ जंक्शन व सोजत, रामसमंद में कुंभलगढ़, राजसमंद, सिरोही में पिंडवाड़ा, सिरोही, टोंक में देवली, मालपुरा, निवाई व टोंक, उदयपुर में मावली तथा सीकर में नीमका थाना है। इसी प्रकार जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करोली, धौलपुर, दौसा, टोंक-सवाईमधोपुर, अजमेर, नागौर, पाली, उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, कोटा, झालावाड़, जालौर-सिरोही व बाड़मेर ऐसे संसदीय क्षेत्र हैं, जहां एमबीसी वर्ग का बहुल्य है।