गोमती में डुबकी लगाओगे क्या…?

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अरे हुक्मरानों गोमती में डुबकी लगाओगे क्या ? मैं गोमती नदी हूँ मुझे सुनों! स्वच्छता और विकास के दावों तले मेरा वजूद खतरे में है। सुनों मेरो लालों मेरी अंतिम चीख को सुनों….मुझे बचाओं इन पाखण्डियों से….गौर से देखिये इस तस्वीर को और सोचों क्या भक्त और उनके हुक्मरान लखनऊ की जीवनदायनी नदी में डुबकी लगा सकते हैं। नहीं! यह गृहमंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है। और महाराज जी दिन रात यहीं पर रामराज्य का बखान करते नजर आते हैं। आज सुबह की सैर में जब गोमती को देखा तो मन व्यथित हो उठा। उफ ये विकास और स्वच्छता के दावों तले उफ! ये फेंका फांकी। वहीं महराज जी की इस सरकार में गोमती मैया सिसक रही हैं क्यों की गंगा मैया का कथित बेटा दगाबाज निकला ?लेकिन आप गोरक्षनाथ की पीठाध्यक्ष से भी क्या यही उम्मीद किया जाये. ? गोमती मैंया पूंछ रही हैं कि समाजवादियों की सरकार में मुझे सवारने का जो बीड़ा उठाया था उसके विपरीत मेरा हश्र इस सरकार में हुआ…आप देखिये और समझिये और सवाल पूछिये इन हुक्मरानों से आखिर ऐसा क्यों?