योजनाओं के साथ कार्य करना अभ्युदय की सार्थकता-योगी

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सरकार की योजनाओं के साथ जुड़कर कार्य कर करना ही अभ्युदय की सार्थकता

– सीएम योगी ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह को किया संबोधित।

– सीएम ने कहा – आज पेंशन में कोई कटौती नहीं होती और ना ही कमीशन देना पड़ता है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की योजनाओं के साथ जुड़कर कार्य कर करना ही अभ्युदय की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि ‘‘अयोग्य: पुरुषो नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभ:’’। यानी कोई अयोग्य नहीं है केवल एक योग्य योजक का साथ चाहिए और प्रदेश के अभ्युदय कोचिंग संस्थान उस योजक के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस कोचिंग संस्थान में नवचयनित आईएएस, पीसीएस, पीपीएस, आईआईटी-जेईई और नीट में सफलता प्राप्त कर चुके अभ्यर्थी मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जुड़कर पढ़ा रहे हैं। सीएम योगी शुक्रवार को मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता को और बेहतर करना है


लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि कोविड कालखंड में बसंत पंचमी के दिन शुरू हुआ अभ्युदय कोचिंग संस्थान आज अच्छे परिणाम देता हुआ दिखाई दे रहा है। हमारी सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों को भी इस कोचिंग से जोड़ा है। फिजिकली और वर्चुअल दोनों तरह की कक्षाएं इस कोचिंग संस्थान में चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी 75 जनपदों में संचालित इन कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता को हमें और बेहतर करना है। सीएम योगी ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ चुकी है कि एक जगह बैठकर हम प्रदेश के सभी 75 जनपदों से जुड़ सकते हैं और उसके माध्यम से विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन अपने छात्रों दिला सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया और कार्यक्रम को संबोधित किया।

एकलव्य विद्यालयों से भी सफल हो रहे जनजातीय बच्चे


मुख्यमंत्री ने कहा कि 1998 से लेकर 2020 तक समाज कल्याण विभाग कोचिंग चलाता था। उनके माध्यम से केवल 3-4 बच्चों का ही चयन हो पाता था। पहली बार सरकार द्वारा चलाई जा रही इस नि: शुल्क कोचिंग सेवा से संघ लोक सेवा आयोग में 23 और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 95 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में संचालित हमारे एकलव्य विद्यालयों से भी जुड़े छात्रों का चयन आईआईटी-जेईई, नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहा है। अगर हम प्रदेश के सभी छात्रों को एक समान अवसर और मंच उपलब्ध कराएंगे तो ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के समानता सपने को साकार कर पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग ने पिछले छह वर्ष के अंदर अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। 2015-16 में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति अज्ञात कारणों से रोक दी गई थी। हमारी सरकार ने आते ही इसके लिए बजट निर्धारित किया और 2015-16 और 2016-17 की छात्रवृत्ति छात्रों भेजी गई। हमारी सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र एवं छात्राओं को वर्ष में दो बार (26 जनवरी और दो अक्टबूर) छात्रवृत्ति दे रही है। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा गरीब कन्याओं के विवाह के लिए पहले से कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही हमने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को भी चलाया है। दो लाख से अधिक गरीब कन्याओं का विवाह इसके माध्यम से हो चुका है।

योजनाओं के साथ कार्य करना अभ्युदय की सार्थकता-योगी

आज हर गरीब के पास है अपना राशन कार्ड


योगी ने कहा कि वर्तमान में एक करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार 12 हजार रुपये पेंशन का लाभ दे रही है। आज पेंशन में कोई कटौती नहीं होती और न ही कोई कमीशन नहीं देना पड़ता है। डीबीटी के माध्यम से सीधा लाभार्थी के खाते में पैसा भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के घोटाले को रोकना उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए सबसे बड़ा संकट था। गरीब का राशन कार्ड नहीं बन पाता था। उसके नाम पर कोई और राशन लेता था। आज हर गरीब के पास अपना राशन कार्ड है। 15 करोड़ गरीबों को तीन वर्ष से मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों को पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का कवर दे रही है। आज कोई गरीब धन के अभाव में दम नहीं तोड़ सकता। सरकार उसके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि 54 लाख से अधिक गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया। मुसहर और वनटांगिया जैसी कई जनजातीयों को हमने शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।