विश्व क्षयरोग दिवस 1885 क्षयरोगियों को पोषण आहार का वितरण

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अयोध्या। विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी नितीश कुमार की अध्यक्षता में आयुक्त कार्यालय स्थित गांधी सभागार, अयोध्या में जनपद के 1885 क्षयरोगियों को गोद लेकर पोषण आहार वितरण कार्यक्रम अयोजित किया गया। मण्डलायुक्त अयोध्या नवदीप रिणवा ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। विश्व क्षयरोग दिवस पर मण्डलायुक्त ने कहा कि मण्डल स्तर के सभी अधिकारी एवं प्रत्येक जनपद के सभी जनपदीय अधिकारी क्षयरोग के मरीजों को गोद लेंगे। उन्होंने बताया सरकार द्वारा दवाएं मुफ्त दी जा रही है तथा सरकार द्वारा उनके पोषण मुफ्त योजना हेतु 500 रूपये प्रतिमाह भी दिया जा रहा है। ऐसे रोगियों को पारिवारिक इमोशन सपोर्ट की आवश्यकता रहती है। यही कर्तव्य अधिकारियों को निभाना है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों को मरीज के रोग की गम्भीरता के बारे में बातें करना है उन्हें नियमित रूप से दवाएं लेने के लिए प्रेरित करना है तथा क्षयरोगियों व स्वास्थ्य विभाग के मध्य सेतु का काम करना है। यदि गोद लिए अधिकारी मरीज से नियमित बात करते रहेंगे तो मरीज को यह निरन्तर एहसास होगा उनके साथ कोई खड़ा है। सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मरीज नियमित रूप से दवा ले तथा गैप न होने पाये, गैप होने पर पहले ली हुई दवा का असर समाप्त हो जाता है जो क्षय रोगों के हित में नही होता है। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर अधिक से अधिक क्षयरोगियों को चिन्हित करें और उन्हें दवाओं पर ले आए। पोषण मुफ्त आहार लेने से क्षय रोग होने की संभावना बहुत कम रहती है। क्षय रोग मरीज के छीकने व खांसने से फैलता है। केेवल सरकार और स्वास्थ्य विभाग का रोकथाम का कार्य नही है हम सभी मिलकर समन्वित रूप से कार्य करना है। वर्ष 2030 तक विश्व को क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है जबकि हमारे देश भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत को क्षय रोग से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

जिलाधिकारी नितीश कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस पुनीत कार्य में लगे स्वयंसेवी संगठन एनजीओ सभी बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग के मरीज को 6 माह तक नियमित दवाईयां लेनी पड़ती है। गोद लेने वाले अधिकारियों को बस प्रतिदिन मरीज से उसका हाल चाल लेना है और पूछना है कि उसने आज की दवा ली है या नही यदि नही ली है तो उसे दवा लेने के लिए कहे साथ में पोषण डाइट लेने को कहे। उन्होंने चिकित्सा विभाग से यह सुनिश्चित करने को कहा कि क्षयरोगी को प्रतिमाह मिलने वाला पोषण भत्ता रूपया 500 समयबद्व रूप से मिले ताकि उस धनराशि से समय से पोषणयुक्त सामाग्री क्रय कर उसे लेता रहे। उन्होंने अधिकारियों से प्रण लेने को कहा कि वे टीवी मरीज का देखभाल करें आपके आसपास को क्षयरोग मरीज दिखे तो स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। साथ ही उसे जागरूक करें।

जिला क्षयरोग अधिकारी डा0 अजय मोहन द्वारा बताया गया कि 24 मार्च 1882 के दिन सर हेनरिक हरमैन रार्बट काक नाम के जर्मन माइक्रोबाइलोजिस्ट द्वारा टी0बी0 रोग संक्रमण करने वाले माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम के बैक्टीरिया की खोज की गई। उन्होने बताया कि विश्व में प्रतिवर्ष 100 लाख व्यक्ति क्षयरोग से ग्रसित होते है जिसमें लगभग 27 लाख भारत में क्षयरोग से ग्रसित होते हैं। भारत के 27 लाख में 06 लाख क्षयरोगी उत्तरप्रदेश में तथा लगभव 6000 क्षयरोगी जनपद अयोध्या में क्षयरोग से पीड़ित होने का अनुमान है। इस अवसर पर मण्डलायुक्त,जिलाधिकारी,अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मण्डल स्तरीय अधिकारीगण, जिला स्तरीय अधिकारीगण द्वारा 02-02 क्षयरोगियों को, जनपद के 74 इन्टर कालेज के प्रधानाचार्य, 1302 प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के प्रधानाचार्य तथा जनपद के 12 स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा 275 क्षयरोगियों को गोद लेकर पोषण आहार गांधी सभागार मंे वितरित किया गया। यह कार्यक्रम ब्लाक लेबल अधिकारियों, चिकित्सा अधीक्षकों द्वारा समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी आयोजित किया गया। इस प्रकार जनपद में कुल 1885 क्षयरोगी गोद लिये गये। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य रखा है किन्तु भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री से 2025 तक भारत को टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।


जिला क्षयरोग अधिकारी डा0 अजय मोहन द्वारा बताया गया कि  24 मार्च 1882 के दिन सर हेनरिक हरमैन रार्बट काक नाम के जर्मन माइक्रोबाइलोजिस्ट द्वारा टी0बी0 रोग संक्रमण करने वाले माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम के बैक्टीरिया की खोज की गई। उन्होने बताया कि विश्व में प्रतिवर्ष 100 लाख व्यक्ति क्षयरोग से ग्रसित होते है जिसमें लगभग 27 लाख भारत में क्षयरोग से ग्रसित होते हैं। भारत के 27 लाख में 06 लाख क्षयरोगी उत्तरप्रदेश में तथा लगभव 6000 क्षयरोगी जनपद अयोध्या में क्षयरोग से पीड़ित होने का अनुमान है।  उन्होंने बताया कि ऐसे क्षयरोगी जिनके बलगम में टी0बी0 का बैक्टीरिया जीवित पाया जाता है, वह स्मीयिर पाजिटिव क्षयरोगी 01 वर्ष में 10-15 स्वस्थ व्यक्तियों को क्षयरोग से संक्रमित कर सकता है। विश्व में क्षयरोग के कारण प्रतिवर्ष 14-15 लाख मृत्यु होती है जिसमें से 4.5 लाख मृत्यु भारत में होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य रखा है किन्तु भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2025 तक भारत से टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। क्षय नियंत्रण के लिये 1962 में राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। 1997 में कार्यक्रम का नाम बदलकर पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम किया गया। दिनांक 01 जनवरी 2020 से पुनः कार्यक्रम का नाम बदलकर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम कर दिया गया। इस कार्यक्रम के अन्र्तगत क्षयरोग के सम्भावित रोगियों की बलगम जांच,सीबी नाट जांच, ट्रूनाट जांच,एक्स-रे की सुविधा एवं इलाज निःशुल्क है। इस कार्यक्रम के अन्र्तगत जनपद के विभिन्न डी0एम0सी0 से सम्भावित क्षयरोगियों का बलगम सीबीनाट/ट्रूनाट केन्द्रांे पर निःशुल्क भेजा जाता हैं। सीबीनाट/ट्रूनाट जांच द्वारा क्षयरोगियों के ड्रग सेंसटिव रोग अथवा ड्रग रजिस्टेंट क्षयरोग से ग्रसित होने का पता चलता है। ड्रग रजिस्टेन्ट क्षयरोगियों का द्वितीय बलगम डाक विभाग द्वारा रेफरेंस लैब लखनऊ भेजा जाता है। उपरोक्त जांचो के आधार पर मरीजों की ड्रग रेजीम निर्धारित करके इलाज किया जाता है। मानीय प्रधानमंत्री द्वारा 01 अप्रैल 2018 से निःक्षय पोषण योजना का आरम्भ किया गया, जिसके अन्र्तगत प्रत्येक क्षयरोगी को इलाज के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह पोषण भत्ता के रूप में उनके खाते में डायरेक्ट वेनीफिट ट्रान्सफर किया जाता है। [/Responsivevoice]