दिवंगत पत्रकार आश्रितों के संकट मोचक योगी आदित्यनाथ

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मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 संक्रमण के कारण दिवंगत पत्रकारोंके आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि का वितरण । कोरोना के कारण दिवंगत प्रत्येक पत्रकार के आश्रितको 10 लाख रु0 की धनराशि प्रदान की गयी, 50 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि दी गयी । मीडिया समाज के सजग प्रहरी के रूप में सरकार का ध्यानज्वलन्त मुद्दों की ओर दिलाता है । मीडिया जगत द्वारा सही तथ्यों को रखने तथा सही समाचार देने से सरकारको समस्याओं के समाधान तथा रणनीति बनाने में मदद मिलती है । प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और मीडिया से प्राप्त होने वालेसमाचारों से राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम औरउपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाने में सहायता मिली । पीड़ित व्यक्ति के साथ जब सरकार और समाज खड़ा होता है, तो उसे चुनौतियोंका सामना करने के लिए एक सम्बल प्राप्त होता है, राज्य सरकार ने कोरोनासंक्रमण से पीड़ित परिवारों का सम्बल बनने का प्रयास किया । संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों के लिए ‘उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ लागूकी गयी, निराश्रित महिलाओं के लिए भी एक नयी योजना लायी जा रही । प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन तथा वैज्ञानिकों के निरन्तर प्रयास सेकोरोना के आने के 09 महीने में देश में 02 वैक्सीन तैयार हो गयी । नोएडा और लखनऊ में मीडिया कर्मियों के कोरोना वैक्सीनेशन के लिएस्थापित विशेष वैक्सीनेशन सेण्टर के माध्यम से 25 हजार मीडियाकर्मियों एवं उनके परिजनों को वैक्सीन की खुराक दी गयी । प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में लागू की गयी रणनीति सेप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में काफी सफलता मिली । वर्तमान में सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर,कोविड बेड, प्रशिक्षित चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी उपलब्ध राज्य में अब तक 6.5 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं इण्डिया टीवी के मुख्य सम्पादक रजत शर्मा ने कोविड संक्रमण के कारण दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया । प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उपायों की सराहना करते हुए । रजत शर्मा ने कहा कि इससे कोरोना संक्रमण से हो सकने वाला नुकसान कम हुआ । राज्य सरकार प्रत्येक कोरोना से दिवंगत पत्रकार के आश्रित को 10 लाख रु0 की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही,ऐसे नियम तैयार किये गये हैं, जिससे हर श्रेणी के पत्रकार को आर्थिक सहायता धनराशि प्राप्त हो रही ।

लखनऊ। मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन सभागार में कोविड-19 संक्रमण के कारण दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि के वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 संक्रमण के कारण दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि का वितरण किया गया। कोरोना के कारण दिवंगत प्रत्येक पत्रकार के आश्रित को 10 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गयी। कुल 50 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि दी गयी। कार्यक्रम के दौरान 02 मिनट का मौन रखकर दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी गयी।मीडिया समाज के सजग प्रहरी के रूप में सरकार का ध्यान ज्वलन्त मुद्दों की ओर दिलाता है। मीडिया जगत द्वारा सही तथ्यों को रखने तथा सही समाचार देने से सरकार को समस्याओं के समाधान तथा रणनीति बनाने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और मीडिया से प्राप्त होने वाले समाचारों से राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाने में सहायता मिली।

कोरोना संक्रमण के कारण देश को अनेक लोगों को खोना पड़ा। इनमें राजनेता, नौकरशाह, विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त लोग भी शामिल हैं। पीड़ित व्यक्ति के साथ जब सरकार और समाज खड़ा होता है, तो उसे चुनौतियों का सामना करने के लिए एक सम्बल प्राप्त होता है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से पीड़ित परिवारों का सम्बल बनने का प्रयास किया है। संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों के लिए ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ लागू की गयी है। निराश्रित महिलाओं के लिए भी एक नयी योजना लायी जा रही है। विगत 16-17 महीनों से पूरी दुनिया सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रही है। इस महामारी के सामने विश्व की बड़ी-बड़ी ताकतें पस्त हुईं हैं। हर तबका इससे प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान अधिसंख्य आबादी अपने घरों के अन्दर सुरक्षित थी। ऐसे में मीडिया कर्मी लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में कार्य कर रहे थे। इससे उनके कोरोना से संक्रमित होने की आशंका निरन्तर बनी रहती थी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन तथा वैज्ञानिकों के निरन्तर प्रयास से कोरोना के आने के 09 महीने में देश में 02 वैक्सीन तैयार हो गयी। हेल्थ वर्कर्स और कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन का सुरक्षा कवच दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं इण्डिया टीवी के मुख्य सम्पादक रजत शर्मा के मीडिया कर्मियों को भी वैक्सीन का सुरक्षा कवच दिलाने के लिए विशेष अभियान संचालित किये जाने के सुझाव के लिए आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नोएडा और लखनऊ में मीडिया कर्मियों के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए विशेष वैक्सीनेशन सेण्टर स्थापित किये गये। इनके माध्यम से 25 हजार मीडिया कर्मियों एवं उनके परिजनों को वैक्सीन की खुराक दी गयी।

पत्रकारों की मौतको भी सरकार ने इवेंट बना दिया !

अरे ये विधवाएं व माताएं हैं किसी ने पति तो किसी ने बेटे को खोया है और आप सहानुभूति के सहारे इवेंट बनाकर इनको भी भुनाने लगे ?कोरोना की लहर में जिन पत्रकारों की मौत हुई उनके परिवार को 10-10 लाख का मुआवज़ा दिए जाने की घोषणा की थी। बहुत अच्छा हुआ कम से कम एक अच्छा काम किये जिसे टाले नही, पर मुआवज़ा देने के लिये इवेंट बना दिया जाना कितना उचित था , तस्वीर को देखिये ऐसे लग रहा है जैसे कोई रियाल्टी शो हो, जिसमें बच्चों को बड़े बड़े पोस्टर पकड़ा दिए जाते हैं।अरे…. जिन महिलाओं ने हाल ही में अपने पतियों को खोया है, जिन महिलाओं ने अपने बेटों को खोया है, उनके हाथ में ये मेडलनुमा होर्डिंग पकड़ाते हुए आपके हाथ नही कांपे ?मदद की राशि तो पीड़ित परिवारों के सीधे खाते में भी भेजी जा सकती थी, मगर सरकार को तो मौत पर भी इवेंट बना कर चुनाव में बेचना है।अरे …. करो जिम्मदारों।


वैक्सीनेशन में वेस्टेज पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा जानकारी दी गयी कि प्रायः 01 वायल वैक्सीन से 10 लोगों का वैक्सीनेशन कराया जाता है, जबकि कोविशील्ड वैक्सीन के एक वायल से 11 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा सकता है। इसके कुछ समय पश्चात उनके (मुख्यमंत्री जी) के द्वारा सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय में संचालित वैक्सीनेशन सेण्टर का निरीक्षण किया गया, जहां एक वायल से 11 लोगों का वैक्सीनेशन कराया जा रहा था। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में भी मीडिया ने रास्ता दिखाया। वैक्सीन वर्तमान समय की व्यापक जरूरत है। यह कोरोना के संक्रमण के प्रति एक सुरक्षा कवच है। कुछ वैक्सीनेटेड लोगों में भी संक्रमण देखने में आया है, किन्तु ऐसे मामलों में यह माइल्ड था। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण तीव्र था। ऐसे में हेल्थ वर्कर्स और कोरोना वॉरियर्स का वैक्सीनेशन उपयोगी सिद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैक्सीन पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। वैक्सीनेशन का कार्यक्रम निर्बाध ढंग से चल रहा है। इससे लोगों को सुरक्षा मिलेगी।


प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में लागू की गयी रणनीति से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में काफी सफलता मिली है। मार्च, 2020 में राज्य में कोरोना का पहला मामला प्रकाश में आने पर यहां पर कोरोना संक्रमण की जांच की व्यवस्था भी नहीं थी। टेस्ट के लिए सैम्पल एन0आई0वी0, पुणे भेजा गया था। संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराया गया। भारत सरकार तथा जनसहयोग से वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 4 लाख कोरोना टेस्ट सम्पन्न करने की क्षमता है। राज्य में अब तक 6.5 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। कोरोना की शुरुआत में राज्य के 36 जनपदों में एक भी वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं था। वर्तमान में सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर, कोविड बेड, प्रशिक्षित चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी उपलब्ध हैं।न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं इण्डिया टीवी के मुख्य सम्पादक रजत शर्मा ने कोविड संक्रमण के कारण दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहायता धनराशि प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अपने जीवन और परिवार को जोखिम में डालकर मीडिया कर्मियों ने लोगों को संक्रमण के खतरे के प्रति जागरूक करने का कार्य किया। मीडिया कर्मियों ने अपनी व अपने परिवार की परवाह न कर देश, समाज व कर्तव्य की परवाह की। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उपायों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे कोरोना संक्रमण से हो सकने वाला नुकसान कम हुआ है। उन्होंने मीडिया कर्मियों के निःशुल्क वैक्सीनेशन हेतु अभियान चलाने के लिए भी मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया।


अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन सभी के सहयोग से जो अभियान चलाया गया है उससे प्रदेश कोरोना संक्रमण से अन्य राज्यों के मुकाबले सुरक्षित स्थिति में है। राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग तक सहायता पहुंचाने का कार्य किया है। अपने दायित्वों के निर्वहन में कोरोना संक्रमण से दिवंगत होने वाले मीडिया कर्मियों के परिजनों के प्रति सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कोरोना से दिवंगत पत्रकार के आश्रित को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना के कारण दिवंगत पत्रकारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए नियम बनाने के समय मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि आर्थिक सहायता दिये जाने के नियम सहज एवं सरल होने चाहिए, जिससे अधिक से अधिक दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को मदद पहुंचायी जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ऐसे नियम तैयार किये गये हैं, जिससे हर श्रेणी के पत्रकार को आर्थिक सहायता धनराशि प्राप्त हो रही है। उन्होंने कोरोना संक्रमण से दिवंगत मीडिया कर्मियों के आश्रितों को आर्थिक सहायता दिये जाने के लिए मामले संज्ञान में लाने के लिए राज्य स्तरीय संवाददाता समिति एवं अन्य पत्रकार संगठनों का आभार भी जताया।