धरातल पर ढे़र है योगी सरकार-डॉ0 उमा शंकर पाण्डेय

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योगी जी का आय दोगुनी करने का बयान सफेद झूठ, महंगाई में 40 से 300 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी। नारों और आंकड़ों की बाजीगरी में शेर, धरातल पर ढे़र है योगी सरकार। सरकारी नौकरी में घटोत्तरी और बेरोजगारी में बढ़ोत्तरी से त्रस्त है उ0प्र0। हेल्थ इंडेक्स, महिला सुरक्षा में फिसड्डी है प्रदेश।

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उ0प्र0 के प्रतिव्यक्ति आय दोगुना करने का बयान सफेद झूठ एवं हास्यास्पद है। महंगाई की मार से त्रस्त प्रदेश की जनता के चेहरे से मुस्कान गायब है और माथे पर चिन्ता लकीरें झलक रहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री जी का यह बयान उनके दर्द का मजाक उड़ाने जैसा है। पिछले पांच सालों में खाने-पीने की आवश्यक वस्तुओं से लेकर दवाई, खेेती किसानी, स्कूली बच्चों की फीस, कॉपी व किताबें, डीजल पेट्रोल, सीएनजी, पीएनजी, खाद, बिजली, इत्यादि सब की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे लोगों की लागत दो से तीन गुना बढ़ गयी है। आमदनी और रोजगार के अवसर में कमी आयी है। उनका बयान यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री जी को प्रदेश की जनता के दुख दर्द से कोई सरोकार नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बातों, एवं नारों द्वारा आंकडों में बाजीगरी कर उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की कोशिश कर रही है। जबकि धरातल पर महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। बैकिंग सेक्टर सरकार की अनाप-सनाप कार्यक्रमों की मार से परेशान हैं उन पर कार्य का दबाव पहले से ही बहुत ज्याद थी। ऐसे में जनधन खातों जैसी तमाम योजनाओं ने उन पर यह दबाव और बढ़ा दिया जिससे उनकी कार्यकुशलता प्रभावित हुई किन्तु जनता को कोई भी फायदा नहीं हुआ। प्रदेश के सभी जिलों में कोई न कोई पारंपरिक कुटीर उद्योग पहले से था जिसे कांग्रेस की सरकारों ने सब्सिडी, आधार भूत सुविधाओं के द्वारा पोषित कर आगे बढ़ाया था। इनमें प्रमुख रूप से भदोही का कालीन उद्योग, कानपुर एवं उन्नाव का चमड़ा उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, मेरठ का बल्ला एवं खेल कूद के अन्य सामानों का उद्योग, सहारनपुर का लकडी पर नक्कासी का उद्योग, फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग, अम्बेड़करनगर एवं आजम़गढ़ का धागा उद्योग, सीतापुर का दरी उद्योग, बनारस का साड़ी उद्योग, आगरा का चप्पल उद्योग, अलीगढ़ का ताला उद्योग, लखनऊ का चिकन उद्योग आदि भाजपा की केन्द्र प्रदेष योगी सरकार की गलत आर्थिक एवं औद्योगिक नीतियों के कारण बर्बादी के शिकार हो गये हैं। योगी सरकार की बहुप्रचारित ‘‘एक जिला एक उत्पाद’’ योजना असफलता एवं भ्रष्टाचार के झण्डे गाड़ रही है।

उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था के दोगुना होने का दावा भी तथ्य से परे है। वर्ष 2016-17 में भी तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र के बाद यूपी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश था। यूपी में प्रतिव्यक्ति आय में दोगुना की बढ़ोत्तरी का दावा भी सफेद झूठ के अलावा कुछ भी नहीं है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश की प्रतिव्यक्ति मासिक आय महज 3655/- रूपये थी जो वर्ष 2020-21 में 3718 रूपये रही। ऐसे में योगी जी का दावा झूठे नारों और आंकड़ों की बाजीगरी में शेर, धरातल पर ढे़र जैसा है। वर्ष 2016- 17 में 9.99 लाख लोग सरकारी नौकरियों में थे जिनकी संख्या वर्ष 2021-22 में घटकर 9.44 रह गयी। सेन्टर फॉर मानिटरिंग इण्डियन इकोनॉमी के आकडे़ बताते हैं कि यूपी अप्रैल 2017 तक 5.57 करोड़ लोगों के पास रोजगार था दिसंबर 2021 तक इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं आया महज 2 लाख नये लोगों ने अपना रोजगार शुरू किया। इस दौरान बेराजगारी दर दोगुनी से अधिक हो गयी। मार्च 2017 में यूपी में बेरोजगारी दर जहां 2.4 प्रतिशत थी वह दिसंबर 2021 में बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गयी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि नीति आयोग के हेल्थ इण्डेक्स में उ0प्र0 देश में सबसे निचले स्थान पर है। वर्ष 2016-17 में ही उ0प्र0 में 45 मेडिकल कॉलेज थे कुछ जिला अस्पतालों को परिवर्तित कर मेडिकल कॉलेज की घोषणा कर दी गयी लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई। यूपी में 4461 अस्पताल पहले से ही थे योगी सरकार में महज 22 नये अस्पताल पांच सालों में बनाये गये। बडे़-बड़े अस्पतालों की स्थिति इतनी बद्तर है कि मरीजों को न बेड मिल पाता है न ही उचित इलाज। प्रदेश में महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। आज भी 40 फीसदी लड़कियां ऐसी हैं जो दसवीं से आगे नहीं पढ़ पाती हैं। बलात्कार एवं हत्या की तमाम घटनायें आये दिन अखबारों की सुर्खियां बनती रहती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारें अपने बड़बोलेपन एवं झूठे दावों तथा आंकड़ों में बाजीगरी के लिए याद रखी जायेंगी।