कोविड-19, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अनुकरणीय पहल

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 बंदर जिन्हें हम अंग्रेजी में मंकी भी कहते हैं वह वह बहुत ही बुद्धिमान और शरारती प्रकृति के होते हैं। यह जानवर हम इंसानों के सबसे करीबी हैं,मनुष्य भी समय के साथ बंदर से ही विकसित हुआ है इसलिए आज भी हमारा लगभग 98% डीएनए इन्हीं से मेल खाता है।

       अयोध्या, अगस्त को हमने अपने nishpakshdastak.page पर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की मानवीय पहल का वर्णन किया था। उस लेख में हमने यह वर्णन किया था कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान एक गरीब मां – बाप के बच्चों की अनुकरणीय मदद की थी, आज दूसरे ही दिन उनका दूसरा रूप सामने आया जिसमें उन्होंने राम नगरी अयोध्या में बंदरों के लिए खाने की व्यवस्था की, जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर में घूम-घूम कर इन बंदरों को चना, ब्रेड व फल खिलाया और अपील भी की कि जहां कहीं इस तरह के निराश्रित पशु नजर आते हैं उनके खाने और पानी की व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के मानवीय पहल को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि राम नगरी अयोध्या में कोई राम का दूत आकर प्रशासन कर रहा है। आज अयोध्या का वासी उन्हें जिलाधिकारी के रूप में कम अपनेे अभिभावक के रूप में ज्यादा मानता है।

      विगत 25 मार्च से लाॅक डाउन की स्थिति के चलते कलेक्ट्रेट व अयोध्या  में रहने वाले वन्दरो को खाने की समस्या  जिलाधिकारी के संज्ञान में आते ही उनके भोजन की भी व्यवस्था तत्काल की गई इसी के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा स्वयं कलेक्ट्रेट परिसर में ब्रेड व चने मंगवाकर, पूरे परिसर में घूम कर बन्दरो को  ब्रेड एवं चना खिलाया गया।

   जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि अयोध्या में 10 स्थानों पर बंदरों को भोजन देने की व्यवस्था की गई है। जहां पर रोजाना बंदरों एवं गायों के भोजन की व्यवस्था रहेगी,इसी के क्रम में नगर निगम अयोध्या में भी नगर निगम द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से नगर के बंदरों, गायों एवं कुत्तों के भी खाने की व्यवस्था की गई है जिसमें आज नया घाट वह अन्य  स्थानों पर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बंदरों को चना खिलाया गया नगर आयुक्त ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से 250 गायों तथा एक-एक हजार बंदरों एवं कुत्तों को रोजाना भोजन कराया जाएगा।

      जिलाधिकारी अनुज कुमार झा का अनुसरण करते हुए अपर जिलाधिकारी नगर वैभव शर्मा, वित्त एवं राजस्व गोरे लाल शुक्ला, मुख्य राजस्व अधिकारी पीडी गुप्ता ने भी कलेक्ट्रेट, विकास भवन सहित अपने आवासीय परिसर के आस-पास बन्दरो को खिलाया ब्रेड और चना।

    लॉकडाउन में गाय व बंदर की फ्रिक –
    अयोध्या,कोरोना वायरस से बचाव के लिए 21 दिन  लाॅकडाउन में बड़ी मजबूरी में जरूरी सामान, दवा व डॉक्टर को दिखाने के लिए लोग अपने घरों से निकल रहे हैं। आम लोगों के साथ-साथ लाॅकडाउन से गाय, बंदर, कुत्ते व पक्षी भी प्रभावित हैं। गाय अपना पेट नहीं भर पा रही है तो पेट न भरने से बंदर हिंसक हो चले हैं। बंदरों के बढ़ते हमले के बाद लोगों ने उनकी भूख दूर करने के लिए भोजन  देने लगे हैं। बंदरों के हमलावर होने की बढ़ती शिकायत के बीच जिला अधिकारी ने अनुज कुमार झा ने सबसे पहले कलेक्ट्रेट परिसर के बंदरों के लिए ब्रेड व चना मंगा खाने के लिए दिया।अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भी अपने आवासीय परिसर व कलेक्ट्रेट परिसर में बंदरों की भूख मिटाने का इंतजाम किया। जिलाधिकारी ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 10 स्थानों पर गाय व बंदर के भोजन की व्यवस्था करा दी गई है। नगर आयुक्त डॉक्टर नीरज शुक्ल के अनुसार स्वयं सेवीसंस्थाओं के माध्यम से ढाई सौ गाय, एक-एक हजार बंदर व कुत्तों के भोजन की व्यवस्था कराई गई है जिससे वे लाॅकडाउन में भूखे न रह सकें।