क्या होगा जीका वायरस की रोकथाम पर कार्य

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जीका वायरस के मरीजों से उनके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्तकी तथा कण्ट्रोल रूम द्वारा किए जा रहे कार्याें का अवलोकन किया।जीका वायरस की रोकथाम के सम्बन्ध में जिला प्रशासन एवंस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की ।मुख्यमंत्री ने कानपुर में नगर निगम स्थित इण्टीग्रेटेडकण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर, (जीका वायरस) का निरीक्षण किया।जीका वायरस की रोकथाम के लिए और तेजी से कार्य करना होगा।इस बीमारी से बचाव हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कर जागरूकता लायी जाए।जीका बीमारी से बचाव हेतु रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बनाए रखना आवश्यक।जीका वायरस के लिए एक डेडीकेटेट अस्पताल बनाया जाए।नगर निगम के प्रत्येक वॉर्ड हेतु नोडल अधिकारी नामित किया जाए।पूरे कानपुर शहर में नियमित रुप से साफ-सफाई, सैनेटाइजेशन तथा फॉगिंग करायी जाए, यह कार्य नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में भी किए जाएं।स्कूलों/कॉलेजों तथा तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राओं को इस बीमारी से बचाव के सम्बन्ध में बैठक कर जानकारी दी जाए।जीका वायरस रोग के शीघ्र नियंत्रण हेतु सर्विलांस वसैम्पलिंग कार्य और अधिक तेजी से किए जाने के निर्देश।सर्विलांस टीम, सैम्पलिंग कार्य, सैनेटाइजेशन केसाथ-साथ डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य किया जा रहा।निगरानी समितियां घर-घर जाकर लक्षणयुक्त व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर रहीं।मुख्यमंत्री ने जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र श्यामनगर का भ्रमण किया।


कानपुर/लखनऊ। जीका बीमारी से बचाव हेतु रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बनाए रखना आवश्यक है। जीका के दृष्टिगत प्रभावित क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की सैम्पलिंग करायी जाए। जीका वायरस के लिए एक डेडीकेटेट अस्पताल बनाया जाए, जिससे लोगों का बेहतर इलाज हो सके। उन्होंने जीका वायरस से बचाव हेतु लोगों को सर्तकता बरतने व आवश्यक रुप से मच्छरदानी का प्रयोग करने तथा बीमारी से बचाव हेतु लापरवाही नहीं करने का सुझाव दिया।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कानपुर भ्रमण के दौरान नगर निगम स्थित इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर, (जीका वायरस) का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जीका वायरस के मरीजों से उनके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की तथा कण्ट्रोल रूम द्वारा किए जा रहे कार्याें का अवलोकन किया। तत्पश्चात, उन्होंने के0डी0ए0 सभागार में जीका वायरस की रोकथाम के सम्बन्ध में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि जीका वायरस की रोकथाम के लिए और तेजी से कार्य करना होगा। इस बीमारी से बचाव हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कर जागरूकता लायी जाए, जिससे लोगों में भय न होने पाए। 


मुख्यमंत्री ने नगर निगम के प्रत्येक वॉर्ड हेतु नोडल अधिकारी नामित करने के लिए नगर आयुक्त को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि पूरे कानपुर शहर में नियमित रुप से साफ-सफाई, सैनेटाइजेशन तथा फॉगिंग करायी जाए। इसके साथ ही, यह कार्य नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में भी किए जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को प्रभावित क्षेत्र सहित अन्य स्थानों में लोगों के घर व परिवार में जीका वायरस से बचाव हेतु ‘क्या करें तथा क्या न करें‘ के सम्बन्ध में जानकारी दिए जाने हेतु पोस्टर, पैम्फलेट का वितरण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि डोर-टू-डोर सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा लोगों के सैम्पल लेने का कार्य किया जाए। साथ ही, स्कूलों/कॉलेजों तथा तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राओं को इस बीमारी से बचाव के सम्बन्ध में बैठक कर जानकारी दी जाए। उन्होंने जीका वायरस रोग के शीघ्र नियंत्रण हेतु सर्विलांस व सैम्पलिंग कार्य और अधिक तेजी से किए जाने के निर्देश दिए।

जीका वायरस मच्छर जनित बीमारी है, जो एडीज मच्छर से फैलती है। ये वही प्रजाति है, जो चिकनगुनिया और डेंगू फैलाती है।कोरोना का कहर अभी पूरी तरह से थमा नहीं है कि अब लोग जीका वायरस की आहट से घबराने लगे हैं। जीका वायरस ने धीरे-धीरे करके लोगों को इंफेक्ट करना शुरू कर दिया है। इसे लेकर लोगों के मन में तमाम सवाल हैं कि जीका वायरस क्या है, इसके लक्षण, कारण, इलाज और बचाव क्या हैं। तो हम आपको बताते हैं कि मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के उलट यह बीमारी एडीज मच्छर से फैलती है। ये मच्छर दिन के समय ज्यादा एक्टिव रहते हैं। WHO (1) के अनुसार, जीका वायरस को पहली बार 1947 में युगांडा के बंदरों में पहचाना गया था। लेकिन इसके अफ्रीका, एशिया, दक्षिण और मध्यम अमेरिका के लोगों को ज्यादा प्रभावित किया। 2016 में टेक्सास और फ्लोरिडा में मच्छर जनित संचरण के मामले सामने आए (2)। कहने को संक्रमण के लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन अगर किसी गर्भवती महिला को वायरस लग जाए, तो इसका गर्भावस्था और अजन्मे बच्चे पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

जीका वायरस नियंत्रण कार्य हेतु किए गए उपायों एवं कार्याें के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नगर निगम, के0डी0ए0, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की टीमों के प्रतिदिन किए गए कार्याें की समीक्षा करें। उन्होंने जागरूकता कार्य में स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घरों व अन्य जगहों में पानी एकत्र न होने पाए, क्योकि उस गन्दे पानी में मच्छर बैठेगा, तो लार्वा पैदा होगा। पानी की टंकियों की साफ-सफाई के साथ, उसे ढककर रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से जीका वायरस से बचाव हेतु किए जा रहे कार्याें के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने मण्डलायुक्त एवं अपर निदेशक, स्वास्थ्य को मण्डल के जनपदों में भी जीका वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु सर्तकता बरतने के निर्देश दिए। 
बैठक में जिलाधिकारी विशाख जी0 ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि जीका वायरस की रोकथाम हेतु विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। सर्विलांस टीम, सैम्पलिंग कार्य, सैनेटाइजेशन के साथ-साथ डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य किया जा रहा। सर्विलांस हेतु चिकित्सा विभाग की आशा कार्यकर्त्रियों तथा ए0एन0एम0 की 100 टीमें तैनात की गयी हैं। 09 नवम्बर, 2021 से 1,12,426 घरों में सर्विलांस किया गया तथा डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान 853 व्यक्तियों की सैम्पलिंग की गयी है। इसके अलावा, 275 गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया है। सर्विलांस टीम द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान लोगों की ट्रैवेल हिस्ट्री की जानकारी भी ली गयी है। उन्होंने बताया सैम्पलिंग हेतु जिला सर्विलांस अधिकारी के नेतृत्व में 50 टीमें लगायी गयी हैं तथा 3,960 सैम्पल लिए गए हैं।


कानपुर में पिछले एक माह के अन्दर जीका वायरस से जुड़े 105 पॉजीटिव केस पाए गए हैं। इनमें से 17 मरीज निगेटिव हो चुके हैं। जीका वायरस से कानपुर के 05 वॉर्ड विशेष रूप से प्रभावित थे। स्थानीय जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम के सामूहिक प्रयासों से एक अभियान चलाकर इसे नियंत्रित किया गया है। वायरस के नियंत्रण हेतु यहां अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं।  निगरानी समितियां घर-घर जाकर लक्षणयुक्त व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर रही हैं। सर्विलांस में तेजी लाते हुए मरीजों को अस्पताल भेजने तथा मेडिसिन किट उपलब्ध कराने में अपना योगदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं, वे सेपरेट रूम में रहें, मच्छरदानी का प्रयोग करें तथा घर में साफ-सफाई रखें।इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री जी ने जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र श्यामनगर का भ्रमण किया तथा लक्ष्मी नारायण मिश्रा, सुरेश चन्द्रा, ऊषा, आर0सी0 सचान, संजय शुक्ला, प्रशांत विश्नोई तथा संजीव से वार्ता कर जानकारी प्राप्त की तथा रोग से बचाव हेतु सर्तकता बरतने पर जोर दिया।बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार तथा शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।[/responsivevoice]