योगी जी अब कौन रोक रहा निषादों का आरक्षण…?

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जुलाई तक निषाद मछुआरों को आरक्षण नहीं मिला तो अगस्त से प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा,योगी जी बताए- सपा के चलते निषादों को आरक्षण नहीं मिला तो अब कौन रोक रहा…?

अजय सिंह

लखनऊ। नेशनल एसोसिएशन ऑफ फिशरमैन/राष्ट्रीय निषाद संघ की बैठक के दूसरे दिन निषाद मछुआरा जातियों के अनुसूचित जाति के आरक्षण व वंशानुगत परम्परागत पेशों की समस्याओं के सम्बंध में चर्चा की गई।उत्तर प्रदेश की 66 अनुसूचित जातियों की सूची में मझवार,तुरैहा, गोंड़, खरवार,खैरहा, खोरोट, बेलदार,पनिका आदि 1950 से अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध हैं।परंतु इन्हें परिभाषित न करने के कारण इनकी वंशानुगत व पर्यायवाची मल्लाह,केवट,बिन्द, धीवर,गोड़िया,तुरहा,कहार आदि को अनुसूचित जाति के आरक्षण का नाम नहीं मिल पा रहा है।जबकि चमार या जाटव की सभी के उपजातियों जाटवी,मोची,कुरील,नीम,पीपैल,कर्दम,उत्तरहा,धुसिया,झुसिया,दखिनहा,दोहरे,दौबरे,भगत,रमदसिया,रैदासी,अहिरवार,जैसवार आदि को निर्बाध रूप से चमार या जाटव का जाति प्रमाण पत्र दिया जाता है।लेकिन मझवार,तुरैहा,गोंड़, बेलदार आदि का प्रमाण पत्र जारी करने में अड़ंगेबाजी की जाती है।वर्तमान में निषाद मछुआरा वर्ग की जातियाँ मत्स्य पालन, बालू मौरंग खनन जैसे परम्परागत पेशे से वंचित हो रही हैं।


राष्ट्रीय निषाद संघ(एनएएफ) राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि 2017 से पूर्व योगी आदित्यनाथ जी कहते थे कि सपा के कारण निषादों को आरक्षण नहीं मिल पा रहा।उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि-पहले सपा के चलते निषादों को एससी का दर्जा नहीं मिला तो अब देरी क्यों हो रही है?भाजपा तो राज्य व केंद्र दोनों जगह पूर्ण बहुमत की सरकार है।कहा कि योगी जी चुटकी बजा दें तो मल्लाह,केवट,कहार, धीवर,बिन्द, माँझी आदि को आरक्षण व वंशानुगत अधिकार मिल जाये।उन्होंने साफतौर पर कहा कि निषादराज की मूर्ति लगाने से निषाद मछुआरों का भला नहीं होगा।निषाद समाज को मूर्ति व मन्दिर नहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण व अधिकार चाहिए।प्रदेश महासचिव रमाकांत निषाद ने कहा कि सिंचाई विभाग व पीडब्ल्यूडी में कहार,मल्लाह,बेलदार नाम से चतुर्थ श्रेणी का पद है,इन पदों पर इन्हीं जातियों की भर्ती हो और मत्स्य विभाग के मछुआ पद पर निषाद जातियों की ही नियुक्ति हो।वरिष्ठ कार्यकर्ता रमेशचंद्र निषाद ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिलने चाहिए।मत्स्य पालन पट्टा आबंटन में स्थानीय निषाद मछुआ जातियों व मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को शत-प्रतिशत प्राथमिकता मिलनी चाहिए।


प्रदेश अध्यक्ष कैलाशनाथ निषाद ने कहा कि बुंदेलखंड को प्रतिनिधित्व देने के एक निषाद को राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए।उन्होंने बाबूराम निषाद के नाम प्रस्तावित किया जिसका सभी से समर्थन किया। यह भी निर्णय हुआ कि एक 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री जी से मिलकर आरक्षण समस्या के समाधान के लिए चर्चा करेगा।निषाद मछुआ जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने के लिए संवैधानिक आधारों की प्रमाण के साथ आवेदन प्रस्तुत करेगा।जुलाई तक आरक्षण की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा।प्रतिनिधि सम्मेलन को रामजी साहनी,सुनील कुमार निषाद,मुकेश कश्यप,राजू निषाद,रामेश्वर निषाद,जितेन्द्र निषाद,रामसुंदर साहनी,रामकेश बिन्द,अंजू गौड़, भगवानदीन गोड़िया,गयाप्रसाद धुरिया,राजू कश्यप,दीपक निषाद,मोहनलाल वैद्य, डॉ. सुरेश निषाद आर्य,मनोज कुमार नागर,भवानी प्रसाद निषाद आदि ने भी सामाजिक समस्याओं पर चर्चा किया।अध्यक्षता कैलाशनाथ निषाद,संचालन रमेशचन्द्र निषाद व धन्यवाद ज्ञापन बाबूलाल साहनी ने किया।