किसानों का आंदोलन तोड़ने कि साजिश- टिकैत

75

दिल्ली पुलिस ने आज दिल्ली के अंदर हुए उपद्रव पर चार एफआईआर दर्ज किए हैं। इस खबर की पुष्टि दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने की है। तीन एफआईआर ईस्ट दिल्ली में और एक एफआईआर शाहदरा जिले में दर्ज हुआ है। वहीं पुलिस ने जानकारी दी है कि कुल 83 पुलिसवाले घायल हुए हैं, जिन्हें एलएनजेपी अस्पताल और ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जरूर होगी जिन्होंने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हमला किया।

किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्‍टर रैली ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया। किसानों ने दिल्‍ली के कई स्‍थानों पर जमकर बवाल काटा और पुलिस से उनकी झड़प हुई। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्‍तेमाल किया। कृषि कानूनों के खिलाफ करीब दो माह से दिल्‍ली में मोर्चे पर डटे किसानों की ओर से निकाली गई रैली के दौरान ट्रैक्‍टर हादसे में एक किसान की मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद निर्धारित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड की इजाजत दी थी लेकिन उस समय अफरातफरी की स्थित पैदा हो गई जब किसान मध्य दिल्ली की ओर जाने पर अड़ गए।

देशभर में आज 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। वहीं, कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की सीमा में दाखिल हो गए। इसके साथ ही आईटीओ पर काफी बवाल मचा हुआ है। किसानों के पथराव के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। वहीं, एक ट्रैक्टर पलटने से ट्रैक्टर चालक किसान की मौत हो गई है। जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। किसानों ने लाल किले पर अपने झंडे फहराए हैं।

किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा है-राकेश टिकैत


भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बयान जारी करते हुए कहा कि, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड में भागीदारी निभाने वाले सभी किसान भाइयों का भाकियू तहे दिल से शुक्रिया अदा करती है। परेड के दौरान कुछ अवांछनीय तत्वों ने अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया उसकी भाकियू कड़े शब्दों में निन्दा करती है और जो घटना घटी उस पर खेद प्रकट करती है। लेकिन इस पूरी घटना के लिए भाकियू दिल्ली पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराती है।

निर्धारित रूट दिल्ली पुलिस की तरफ से दिया गया था, ट्रैक्टर मार्च उसी रूट पर शुरू हुआ लेकिन चिन्हित जगहों पर बैरिकेड ना कर किसान यात्रा को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया। इसी का नतीजा यह हुआ कि ट्रैक्टर सवार भटक कर दिल्ली की तरफ आगे चले गए। परिणाम स्वरूप अवांछनीय तत्वों और कुछ संगठनों को मौका मिला और उन्होंने इस यात्रा में विघ्न डालने का कुत्सित प्रयास किया। भाकियू इस कृत्य में लिप्त लोगों से खुद को अलग करती है। किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा है।

दिल्ली में किसानों का आंदोलन तोड़ने के लिए रची गई साजिश – टिकैत


बागपत में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन तोड़ने के लिए साजिश रची गई है। लाल किले जैसी सुरक्षित जगह पर आखिर इतनी सुरक्षा के बीच कोई कैसे पहुंच गया। सीधा सादा किसान तो दिल्ली का रास्ता भी नहीं जानते, किसानों को गुमराह करके और रास्ता भटकाकर ले जाया गया है। दिल्ली पुलिस और सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। किसान इन साजिशों से घबराने वाले नहीं है, आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन में पुलिस की गोली से शहीद हुए किसान को एक करोड़ से अधिक मुआवजा मिलना चाहिए। किसानों की संपत्ति का जो नुकसान हुआ है, केंद्र सरकार को उसकी भरपाई करनी चाहिए। किसानों के ट्रैक्टरों में पुलिस ने तोड़फोड़ कर दी है। किसान आंदोलन के खिलाफ पूरी साजिश रची गई है।

किसानों की रैली के दौरान हुई हिंसा को स्वराज अभियान के प्रमुख और किसानों के प्रतिनिधि योगेंद्र यादव ने दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है। उन्‍होंने किसानों से अपील की है कि वे कोई ऐसा काम न करें जिससे किसान आंदोलन बदनाम हो, ‘देश के किसान आंदोलन की इज्जत आपके साथ में हैं. कुछ ऐसा न हो कि किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचे।”

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा रूट का उल्लंघन करने का निंदनीय कृत्य किया गया। असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा।हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा रूट का उल्लंघन करने का निंदनीय कृत्य किया गया। असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा – संयुक्त किसान मोर्चा