जनता साइकिल को 22 में 22 कदम भी न चलने देगी- स्वतंत्रदेव सिंह

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हिमांशु दुबे

लखनऊ।  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा है कि सपा मुखिया के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार हार और जनता से नकारे जाने के बाद भी सपा प्रमुख को यह समझ में नहीं आ रहा कि जनता किसे काम करने के लिए जनादेश दे रही है और किसे घर बैठने के लिए। कभी वैक्सीन को लेकर गुमराह करने की राजनीति तो कभी आतंकवादियों के समर्थन की नीति अपनाने वाली सपा की साइकिल 22 में जनता 22 कदम भी न चलने देने का मन बना चुकी है। 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संघ की बैठकों व कार्यप्रणाली पर सपा मुखिया का सवाल उठाना हास्यास्पद है। कोई भी सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन हो या राजनीतिक दल बैठक, मंथन, समीक्षा, सुधार व अभियान उसके विकास की अहम कड़ी है, जिससे कार्यकर्ता निर्माण होता है। लेकिन सपा प्रमुख पार्टी नहीं परिवार प्राइवेट लिमिटेड चलाते हैं। परिवार ही पार्टी है और घर-घराना के हिस्से ही पद है। वहां संवाद व समीक्षा की संस्कृति ही नहीं है, केवल परिवार से फरमान जारी होता है। ऐसे में उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की समझ कहां होगी? उन्होंने कहा कि भाजपा में बूथ पर कार्य करने वाला कोई भी किसी भी जाति का कार्यकर्ता भविष्य का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष सहित किसी भी पद तक पहुंच सकता है। लेकिन परिवारवादी व्यवस्था पर चलने वाले दलों में सत्ता तथा संगठन का केन्द्र परिवार होता है इसलिए वंशवादी पार्टियों में कार्यकर्ता निर्माण संभव नहीं है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र के सभी वादे पूरे होने की ओर है। योगी सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में ही किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा किया गया। अवैध बूचड़खानों पर रोक, अपराधियों का खात्मा, धर्मांतरण व लव जिहाद जैसी साजिशों की कमर तोड़ना हो या निवेश में यूपी को नंबर वन बनाना हो, 4 लाख से अधिक युवाओं को बिना जातिवाद व भ्रष्टाचार के पूर्ण पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी सहित कई ऐतिहासिक कार्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने किए हैं। कोविड से लड़ने के यूपी मॉडल की प्रशंसा पूरे विश्व ने की है। मोदी-योगी सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों का ही असर है कि जनता हर चुनाव में भाजपा को अपना आशीर्वाद दे रही है। अंतिम सांसे गिन रही सपा के मुखिया को सत्य समझ कर दुष्प्रचार छोड सकारात्मक राजनीति करना चाहिए।