नववर्ष पर अखिलेश ने पिता जी से लिया आशीर्वाद

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लखनऊ – समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में आज नववर्ष 2021 पर मंगल कामनाओं का आदान-प्रदान किया गया। पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं को नववर्ष 2021 के लिए सभी देशवासियों को बधाई देते हुए उनके सुख-समृद्धि की कामना की है और सन् 2022 के विधानसभा चुनावों में बहुमत दिलाकर समाजवादी सरकार बनाने के लिए एकजुट होने को कहा।

अखिलेश यादव से आज बड़ी संख्या में लोगों ने मिलकर नए वर्ष की बधाई दी। भेंटकर्ताओं में हजारों कार्यकर्ता, विधायक, डाक्टर, प्रोफेसर, अधिवक्ता, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। सभी ने 2022 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया। अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केन्द्र के पण्डित हरिप्रसाद मिश्र, राजपुरोहित ने मंत्रोच्चारण के साथ आशीर्वाद दिया और रक्षासूत्र बांधा। कुछ लोगों ने अखिलेश यादव को ‘हल‘ भेंट किया। साफ़े जुबैरी सभासद देवां शरीफ तथा दानिश सिद्दीकी बाराबंकी ने देवां शरीफ आस्ताने की प्रतिकृति भेंट की। किन्नर सोनम चिश्ती ने भी शुभकामना दी। पूर्व विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, नेता विरोधी दल रामगोविन्द चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन, पूर्व कुलपति प्रो0 बी. पाण्डेय, राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भेंटकर्ताओं में थे। बड़ी संख्या में महिलाएं, नौजवान और अल्पसंख्यक भी भेंट करने वालों में थे।

      आज पार्टी मुख्यालय में हर्षोल्लास का वातारण था। किशन सिंह धानुक की बैण्ड पार्टी ने देशभक्ति के गीत सुनाये, तो सपेरा समाज की बीन भी गूंज रही थी। गीत संगीत के साथ अखिलेश जी को नए वर्ष के लिए दुआएं मिल रही थी। लोग कह रहे थे आततायी भाजपा सरकार से अगले वर्ष अखिलेश जी ही छुटकारा दिलायेंगे।

     समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव ने विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र बचाने का आखिरी चुनाव अगले वर्ष 2022 में होना है। भाजपा को हराने का अंतिम अवसर है। किसान, गरीब, नौजवान सभी भाजपा के विरूद्ध लामबंद हो रहे हैं और समाजवादी पार्टी के साथ हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा झूठ पर शोध करती है और नफरत फैलाती है। पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता को सच्चाई बतानी है और समाजवादी पार्टी की सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी बताना है। उन्होंने कहा कि मंहगाई बढ़ गई है। सरकार किसानों को बहका रही है। समाजवादी पार्टी की सरकार भी 6 हजार रूपए देती थी। किसानों को बाजार के सहारे पर नहीं छोड़ा जा सकता है। भाजपा सरकार कारपोरेट की पक्षधर है इसीलिए किसान विरोधी तीन कानून बनाकर उसे बर्बाद करने का षड़यंत्र रचा है जिसके विरोध में किसान आक्रोशित है।