पुजारी को जिंदा जलाने पर राहुल-प्रियंका मौन…?

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करौली में यदि भाजपा लाश पर राजनीति कर रही है तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस में क्या करने गए थे?करौली में पुजारी को जिंदा जलाने पर राहुल-प्रियंका ने एक लाइन का ट्वीट भी नहीं किया।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही गृह विभाग। डीजीपी भूपेन्द्र यादव को इस्तीफ़ा मंजूर होने का इंतजार।दूसरे दिन भी पुजारी की लाश बर्फ की शिलाओं पर खुले में रखी हुई है।

राजस्थान के करौली के सपोटरा के बुकना गांव के जिस पुजारी की मौत 9 अक्टूबर को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हुई, उस पुजारी का शव 10 अक्टूबर को लगातार दूसरे दिन गांव के घर में बर्फ की शिलाओं पर रखा गया है। शव पर कोई सुरक्षा कवच नहीं है। घर के बाहर सैकड़ों ग्रामीण बैठे हुए हैं। इनमें करौली धौलपुर के लोकसभा सांसद मनोज राजोरिया और भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हैं।

राधा गोविंद मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था। पुजारी के पांच बेटियां है, जिनके हाथ अभी पीले किए जाने हैं। घर की स्थिति को देखते हुए अब 50 लाख रुपए के मुआवजे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की जा रही है। आरोप है कि मंदिर की जमीन के विवाद में गांव के ही दबंगों ने पुजारी को जला कर मार डाला। भाजपा के दो सांसदों के धरने पर बैठने को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी का कहना रहा कि भाजपा अब पुजारी की लाश पर राजनीति कर रही है।

राजनीति में ऐसे आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं, लेकिन सवाल उठता है कि यदि राजस्थान में भाजपा लाश पर राजनीति कर रही है तो विगत दिनों कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी उत्तरप्रदेश के हाथरस में क्या करने गए थे? हाथरस में अपनी मौजूदगी पर राहुल प्रियंका ने कहा था कि वे पीडि़त परिवार को न्याय दिलवाना चाहते हैं। जो बात राहुल गांधी ने हाथरस में कही वही बात अब करौली में भाजपा के दोनों सांसद कह रहे हैं। यदि करौली में भाजपा लाश पर राजनीति कर रही है तो फिर हाथरस में राहुल-प्रियंका ने भी राजनीति की।

हाथरस की घटना को गंभीर मानते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ से तत्काल फोन पर बात की और आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके बाद सीएम ने पीडि़त लड़की के परिवार वालों से सीधा संवाद किया। लेकिन करौली की घटना पर राहुल-प्रियंका ने अभी तक भी ट्वीटर पर एक लाइन नहीं लिखी है और न ही अपनी पार्टी के सीएम अशोक गहलोत से मोबाइल पर बात की है। हाथरस प्रकरण में तो प्रियंका-राहुल ने बड़े बड़े बयान जारी कर प्रधानमंत्री तक से सवाल किए, लेकिन करौली के प्रकरण में राहुल-प्रियंका ने राजस्थान के सीएम से प्राथमिक जानकारी भी नहीं ली है।

राजस्थान में गृह विभाग भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही है। ऐसे में ज़िम्मेदारी भी सीएम गहलोत की ही है। पूरा पुलिस महकमा गृह विभाग के अधीन ही काम करता है। वैसे भी इन दिनों पुलिस महकमे के हालात किसी से छिपे नहीं है। डीजीपी भूपेन्द्र यादव ने इस्तीफ़ा दे रखा है। यादव को अपने इस्तीफे के मंजूर होने का इंतजार है। इस्तीफ़ा मंजूर होने का इंतजार कर रहे डीजीपी ही बता सकते हैं कि पुलिस महकमा कितना चुस्त-दुरुस्त होगा।

हालांकि भूपेन्द्र यादव की छवि साफ सुथरी रही है, लेकिन राजस्थान में सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी में चलती खींचतान की वजह से यादव को रिटायरमेंट से 9 माह पहले ही डीजपी पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा है। माना जा रहा है कि यादव का इस्तीफ़ा मंज़ूर होते ही एमएल लाठर डीजीपी का पद संभाल लेंगे। लाठर को डीजीपी बनवाने में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की खास भूमिका है।

कलेक्टर-एसपी मौके पर पहुंचे,10 अक्टूबर दोपहर को करौली के कलेक्टर और एसपी बुकना गांव पहुंच गए हैं। लेकिन परिवार वालों के बीच वार्ता का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। अब तक जो वार्ता हुई उसकी जानकारी प्रशासन ने सरकार तक पहुंचा दी है। लेकिन अभी भी पुजारी के घर के बाहर ग्रामीणों का धरना जारी है।