विजयादशमीं पर खुल कर बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

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देश में आत्मविश्वास की हवा चल रही है इसलिए चीन की गलत फहमी भी दूर हो गई।पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार, लेकिन भारत में मुसलमान ज्यादा सुरक्षित। यही हिन्दुत्व है।इस बार विजयादशमीं पर खुल कर बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत।टुकड़े टुकड़े गैंग का उल्लेख करते हुए कहा कि सीएए कानून से किसी को भी खतरा नहीं।

आमतौर पर यह माना जाता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रचार प्रसार से दूर रहता है। संघ के प्रचारक से लेकर संघ प्रमुख तक मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं। साल भर में कुछ मौकों पर संघ प्रमुख अपने विचार सार्वजनिक तौर पर प्रकट करते हैं। ऐसे विचार भी परंपरागत होते हैैं, लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को विजयादशमीं पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने वार्षिक संबोधन में खुलकर विचार राखे। भागवत ने अपने सभी विचार स्पष्टता के साथ देशवासियों के सामने रखे। भागवत ने साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में संघ की रणनीति क्या रहेगी।

भागवत ने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। हमारे देवी-देवताओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं। हिन्दुओं का लगातार पलायन करना पड़ रहा है। वहीं भारत में मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित है। यही हमारा हिन्दुत्व है। भारत में धर्म के आधार पर किसी से भी भेदभाव नहीं किया जाता। भागवत ने कहा कि पाकिस्तान से प्रताडि़त होकर आए हिन्दुओं को नागरिकता देने के लिए सीएए का जो कानून लाया गया है उससे किसी को भी खतरा नहीं है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाते हैं। यह भारत विरोधी गैंग है, जिससे देशवासियों को सतर्क रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब राष्ट्र में आत्म विश्वास की हवा चल रही है। हमारी मित्रता की प्रकृति को दुर्बलता नहीं समझा जाना चाहिए। इस आत्म विश्वास की वजह से ही आज भारत सामरिक दृष्टि से भी मजबूत हो गया है। सीमा पर हुई ताजा घटनाओं ने चीन की गलत फहमी भी दूर हो गई है। चीन का विस्तारवाद का स्वभाव है, लेकिन अब चीन के सामने भारत अटल होकर खड़ा है। भागवत ने कहा कि राममंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया, उसे देशवासियों ने संयम से स्वीकारा है। राम मंदिर के भूमि पूजन पर भी लोगों ने सूझबूझ का परिचय दिया। हालांकि यह अवसर हमारे लिए उत्साह प्रदर्शित करने का है, लेकिन फिर भी पूरा देश संयम दिखा रहा है।

भागवत ने स्वदेशी पर भी अपने विचार रखते हुए कहा कि यदि विदेश से कोई तकनीक आती है तो आए कोई हर्ज नहीं है। स्वदेशी का विचार ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन दूरदर्शन के साथ साथ अधिकांश न्यूज चैनल पर लाइव प्रसारित हुआ, हालांकि विजयादशमी पर प्रतिवर्ष संघ प्रमुख बड़े सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हैं। लेकिन इस बार संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में छोटा समारोह आयोजित किया गया।

स्वयं सेवकों ने वर्चुअल तकनीक से ही भागवत का वार्षिक संबोधन सुना। मालूम हो कि विजयादशमीं के अवसर पर देशभर में संघ पथ संचलन और शस्त्र पूजा के आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सार्वजनिक स्थानों पर आयोजन नहीं हो सके।

विजयादशमी के मौके पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी को खतरा नहीं है।उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने की साजिश हुई है। 

नागपुर में दशहरे के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, हमने देखा कि देश में CAA विरोधी प्रदर्शन हुए जिससे समाज में तनाव फैला, उन्होंने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रदायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले व्यक्ति जो भारत में आते हैं, उन्हें इस CAA के जरिए नागरिकता दी जाएगी। भारत के उन पड़ोसी देशों में साम्प्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है। भारत के इस नागरिकता संशोधन कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है।

संघ प्रमुख ने कहा कि जो भारत के नागरिक हैं उनके लिए इस कानून में कोई खतरा नहीं था। बाहर से अगर कोई आता है और वह भारत का नागरिक बनना चाहता है तो इसके लिए प्रावधान है जो बरकरार हैं। वो प्रक्रिया जैसी की तैसी है।