डिफेंस कॉरिडोर में 581 करोड़ का निवेश

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  • यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में बनेंगे ड्रोन.
  • ड्रोन बनाने के लिए दो कंपनियां कर रही 581 करोड़ रुपए का निवेश.
  • यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में हजारों लोगों को जल्दी मिलेगा स्थायी रोजगार.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में इंवेस्टर्स समिट के दौरान यूपी में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। प्रदेश सरकार की ओर से लखनऊ से कानपुर, चित्रकूट, झांसी, आगरा, अलीगढ़ नोड में कॉरिडोर स्थापित किया जा रहा है।

लखनऊ। देश में डिजास्टर मैनेजमेंट, सिक्योरिटी, एग्रीकल्चर, बिजनेस, मीडिया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामान तथा दूर दराज के दुर्गम इलाकों में दवाएं पहुचाने आदि के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में दो कंपनियों ने ड्रोन का निर्माण करने की पहल की है। करीब 581 करोड़ रुपए का निवेश कर ये कंपनियां सेना के लिए ड्रोन का निर्माण करेंगी। इन दोनों कंपनियों को अलीगढ़ में ड्रोन की फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है। डिफेंस कॉरिडोर में हुए इस निवेश से प्रदेश रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से तो बढ़ेगा ही सेना को भी अत्याधुनिक ड्रोन मिलेंगे। इसके अलावा हजारों लोगों को स्थायी रोजगार भी मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में इंवेस्टर्स समिट के दौरान यूपी में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। जिसके तहत प्रदेश सरकार ने लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, झांसी, आगरा, और अलीगढ़ नोड में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित करने की कार्रवाई की। इसके के बाद फरवरी 2020 को लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो के दौरान रक्षा उत्पाद से जुड़ी देशी और विदेशी कंपनियों ने कॉरिडोर में निवेश के लिए 50 हजार करोड़ के एमओयू किए थे। सबसे अधिक एमओयू अलीगढ़ में खैर रोड पर अंडला में बनाए जा रहे कॉरिडोर के लिए हुए हैं। डिफेंस कॉरिडोर में निवेश की पहल करने वाली इन कंपनियों को राज्य में जमीन पाने आदि में किसी तरह ही कोई दिक्कत ना होने पाए, इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए।

मुख्यमंत्री के इस प्रयास के बाद लखनऊ नोड में कंपनियों ने निवेश करने में रूचि दिखाई है। एपीडा के अधिकारियों के अनुसार अलीगढ़ नोड में फैक्ट्री लगाने के लिए 29 कंपनियों ने अपने प्रपोजल सरकार को सौंपे और फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया। इसी प्रकार लखनऊ नोड में 11, झांसी नोड में छह, कानपुर नोड में आठ कंपनियों ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। यूपीडा ने विभिन्न कंपनियों से मिले प्रस्तावों पर कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ नोड में 19 विख्यात कंपनियों को अब तक 55.40 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। यह 19 कंपनियां अलीगढ़ नोड में 1245.75 करोड़ रुपए का निवेश कर रक्षा संबंधी उपकरण आदि बनाएंगी। इसके तहत ही एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड ने अलीगढ़ मोड़ में ड्रोन बनाने के लिए 30.75 करोड़ रुपए तथा एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी ने 550 करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया है। यह दोनों की कंपनियां सेना के लिए अत्याधिनिक सुविधाओं से युक्त ड्रोन का निर्माण करेंगी।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी कंपनी को 10 हेक्टेयर और एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड को अलीगढ़ मोड़ में भूमि आवंटित की है। जल्दी ही यह दोनों कंपनियां ड्रोन बनाने की फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू करेंगी। उनके बनाए ड्रोन का उपयोग सेना और पुलिस करेंगी। इसके अलावा अलीगढ़ नोड में रक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाली 17 अन्य कंपनियों को भी भूमि आवंटित की गई है। इनमें सडिकेट इनोवेशन इंटरनेशनल को भी 10 हेक्टेयर भूमि आंवटित हुई हैं, यह कंपनी 150 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। 100 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली जय साई अनु ओवरसीज को 4.5 हेक्टेयर भूमि, 98.25 करोड़ रुपए का निवेश कर रही मिल्कर डिफेंस प्रा.लि. को चार हेक्टेयर भूमि तथा 40 करोड़ का निवेश कर रही ट्रैकट्रिक्स आप्टो डायनामिक को दो हेक्टेयर भूमि आंवटित कर दी गई है। इसके अलावा नित्य क्रिएशन इंडिया, पीबीएम इंसोलेशन प्रा.लि., दीप एक्सप्लो इक्विपमेंट प्रा.लि., वेरीविन डिफेंस प्रा.लि. , एडवांस फायर एंड सेफ्टी , ट्रैकट्रिक्स आप्टो डायनामिक , क्रिमसन एनर्जी एक्सपोर्ट , पी-2 लाजिटेक तथा कोबरा इंडस्ट्रीज को भी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है। जल्दी ही उक्त कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाने की कारवाई शुरू करेंगी।

एपीडा के अधिकारियों का कहना हैं कि उक्त अलीगढ़ नोड में जमीन आवंटन का काम पूरा कर लिया गया है। जल्दी ही वहां फैक्ट्री का निर्माण कार्य वह कंपनियां शुरू करेंगी, जिन्हें जमीन मिल गई है। ड्रोन बनाने के बाबत दो कंपनियों द्वारा ही गई पहल देश में यूपी के डिफेंस कॉरिडोर नई पहचान देगी, यह दावा डिफेंस सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ कर रहें है। इनका कहना है अभी तक सेना के शस्त्र आदि बनाने को लेकर यूपी का कोई नाम नहीं लेता था लेकिन जल्दी ही कॉरिडोर बनने के बाद यहां ड्रोन से लेकर अन्य हथियारों और वर्दी तक के सामानों का निर्माण किया जाएगा। जिसके चलते उत्तर प्रदेश रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से बढ़ेगा। यही नहीं जल्दी ही यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में कई अन्तर्राष्ट्रीय कंपनियां भी अपनी यूनिट लगाती हुई दिखाई देंगी।