आम बजट से भारी निराशा-अजय कुमार लल्लू

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आज संसद में पेश हुआ आम बजट आत्मनिर्भर नहीं बल्कि सार्वजनिक सम्पत्तियों को बेंचकर देश को आर्थिक रूप से कमजोर एवं खोखला बनाने की दिशा में ले जाने वाला। आम बजट से जनता विशेषकर किसानों, बेरोजगारों, श्रमिकों, सरकारी कर्मचारियों एवं मध्यम वर्ग को गरीब एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए चल रही मनरेगा, कृषि एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान के बजट में भारी कटौती दुर्भाग्यपूर्ण। बजट के माध्यम से एयरपोर्ट, रेल, गोदाम, बंदरगाह, सड़क, बिजली ट्रान्समिशन लाइन, भेल आदि सार्वजनिक उपक्रमों को बेंचने या निजीकरण करने की तैयारी।

डा0 उमा शंकर पाण्डेय

लखनऊ – मैं देश नहीं बिकने दूंगा के नारे के साथ सत्ता में आयी केन्द्र की भाजपा सरकार आज सार्वजनिक सम्पत्तियों को बेंचने व निजीकरण करने की दिशा में और आगे बढ़ गयी। भाजपा सरकार का यह कदम निश्चित रूप से देश को आर्थिक रूप से कमजोर एवं खोखला बनाने की दिशा में ले जाने वाला कदम है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार देश के सम्मान व स्वाभिमान के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। जिन सार्वजनिक सम्पत्तियों को लम्बे दौर के बाद स्थापित किया गया था उन्हें फायदे में रहने के बावजूद अपने चहेते उद्योगपति मित्रों के हवाले किया जा रहा है।

कोरोना महामारी के बाद जहां यह उम्मीद की जा रही थी कि एमएसएमई, बंद चीनी मिलें, कानपुर का चमड़ा उद्योग, बुनकर, कार्पेट उद्योग, फिरोजाबाद के चूड़ी उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, सहारनपुर के लकड़ी उद्योग, मेरठ के स्पोर्ट्स से जुड़े कारोबार, कृषि क्षेत्र को आर्थिक पैकेज दिये जायेंगे और इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को बजट से काफी उम्मीदें थीं परन्तु हर बार की भांति इस बार भी इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। पैकेज के बजाए ऋण की व्यवस्था जले पर नमक छिड़कने जैसा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में मनरेगा का बड़ा योगदान रहा। बजट में 42 प्रतिशत की कटौती से गरीब मजदूर, दलित, आदिवासी, पिछड़ों पर भाजपा सरकार का बड़ा प्रहार है। इतना ही नहीं कृषि का बजट 6 प्रतिशत घटाया जो किसानों के साथ धोखा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान का जोर-शोर से ढिंढोरा पीटने वाली मोदी सरकार ने 13 प्रतिशत बजट में कटौती कर दी है। न काला कानून खत्म हुआ और न ही खेती पर जीएसटी खत्म हुई, न डीजल की कीमतें कम हुईं। यह किसानों के साथ घोर अन्याय है।

 किसान 69 दिनों से धरने पर बैठा है, तीन काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहा है। कृषि कानून के द्वारा जबरदस्ती किसानों की जमीन लेना और उसी जमीन पर उनको मजदूर बनाने की सरकार की साजिश है। एमएसपी को समाप्त कर देना, जमाखोरी को बढ़ावा देना, जिसका विरोध पूरा देश, नौजवान, किसान कर रहा है। लल्लू ने कहा कि, जहां बीजेपी सरकार को समस्या का समाधान करना चाहिए, लेकिन सरकार तारीख पर तारीख देने का काम कर रही है और अब तो बीजेपी सरकार अपने हाथकंडो से आंदोलन को तितर-बितर कर देना चाहती है।

सरकार किसानों पर तो मुकदमा लिख ही रही है, वहीं किसानों की खबर दिखाने वाले पत्रकारों पर भी मुकदमे कर उनको जेल भेजा जा रहा है।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि 26 जनवरी पर लाल किले पर झंडा लगाने वाला शख्स जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। पूरा देश जानता है वह किसके आदमी हैं, लेकिन उनके ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन धरती के भगवान किसान को जबरन उठाकर जेलों में डाल रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्रीय बजट के माध्यम से एयरपोर्ट, रेल, गोदाम, बंदरगाह, सड़क, बिजली ट्रान्समिशन लाइन, भेल आदि सार्वजनिक उपक्रमों को बेंचने या निजीकरण करने की केन्द्र सरकार की तैयारी निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है और देश को गर्त में ढकेलने वाला कदम है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतें पहले से ही ऐतिहासिक उच्च स्तर पर हैं जिससे मंहगाई बेलगाम है और आम आदमी की कमर तोड़ने वाली साबित हो रही थी इस बजट में उसे राहत देने के बजाए पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 2.50रूपये और 4 रूपये का सेस लगाया गया है जो आने वाले समय में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आम जनता पर ही बोझ डालने वाला है। इस आम बजट से सरकारी कर्मचारियों एवं मध्यमवर्गीय प्रत्यक्ष करदाताओं को जहां टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद थी वह धूलधूसरित हो गयी।  

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कुल मिलाकर बजट पूरी तरह घोर निराशाजनक, देश के आत्मसम्मान के प्रति खिलवाड़ और आर्थिक रूप से कमजोर एवं खोखला करने वाला, किसानों, गरीबों, मजदूरों, मध्यम वर्ग, सरकारी कर्मचारी, बेरोजगार, युवाओं सहित दलित, पिछड़ों के हितों पर कुठाराघात करने वाला बजट है।

कृषि बजट को पिछले वर्ष से कम करके BJP सरकार ने अपना किसान विरोधी चेहरा दिखा दिया है बजट 2021 में किसानों को सिर्फ धोखा मिला है
बिंदुवार उल्लिखित है…
◆ 2020 में कृषि बजट 154775 लाख करोड़ रुपये बजट आवंटित हुआ था
और इस बार 2021 में 148301 करोड़ रुपये
◆ #MSP को लेकर सरकार ने किसान विरोधी लक्षण स्पष्ट कर दिए पिछले साल 2020 में MSP के लिये 2000 करोड़ रुपये दिए गए थे लेकिन इस बार 2021 में 1500 करोड़ रुपये
◆ किसान सम्मान निधि को घटाकर BJP सरकार ने बता दिया है कि वह सिर्फ अडानी-अम्बानी के प्रति समर्पित है पिछले 2020 में किसान सम्मान निधि 75000 करोड़ रुपये थी जो इस बार 2021 के बजट में घटाकर 72934 करोड़ रुपयेआखिर बजट कम करने के बाद किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी ये सवाल है ?

……..अंशू अवस्थी