अब तक का सबसे बड़ा बजट

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वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट,लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 की कुल 130 घोषणाओं में से 97 संकल्पों को पहले बजट में स्थान, इसमें 44 संकल्प नए, इन संकल्पों की पूर्ति के लिए बजट में54 हजार 883 करोड़ रु0 की धनराशि का प्राविधान प्रस्तावित।वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश के समग्र विकास, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएं श्रमिकऔर समाज के प्रत्येक तबके को ध्यान में रखकर बनाया गया।यह बजट प्रदेश के सर्व-समावेशी, समग्र विकासके उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा।प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में लोक कल्याण संकल्प पत्र की भावनाओं के अनुरूप देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश की जनाकांक्षाओं की पूर्ति कर सके और समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक हो सके,इस दृष्टि से राज्य सरकार का यह बजट पांच वर्षों का एक विजन।वर्ष 2015-16 में 03 लाख 02 हजार 687 करोड़ रुपये का बजट, इस बार का बजट 06 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपये का, बजट का दायरा दोगुने से ज्यादा हुआ, जबकि विगत पांच वर्ष में दो वर्ष कोविड प्रबंधन में व्यतीत हुए।राज्य सरकार ने बजट के दायरे को बढ़ाने के लिए राजस्व भी बढ़ाया, वर्ष 2016-17 में सेल्स टैक्स और वैट से लगभग 51,800 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई, कोविड से अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद वर्तमान राज्य सरकार को राजस्व का दायरा बढ़ाकर लगभग 90,000 करोड़ रु0 तक पहुंचाने में सफलता मिली।प्रदेश का बढ़ा हुआ राजस्व राज्य के विकास का आधार बना, प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के परिणाम सामने आ रहे, राज्य मंे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई,प्रदेश की अर्थव्यवस्था विगत पांच वर्ष के अंदर दोगुनी हुई।प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट आगामीपांच वर्ष मंे उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनानेके लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।राज्य सरकार एफ0आर0बी0एम0 की निर्धारित 4.5 फीसदी की सीमा को कुशल वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से इस बजट में भी 3.96 प्रतिशतरखने में सफल रही, जो 04 प्रतिशत से भी कम है।

  • उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वर्ष में 02 निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का बजट प्रस्ताव।भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना से अब आलू,टमाटर, प्याज आदि फसलों को भी एम0एस0पी0 से जोड़ा जाएगा।
  • अगले पांच वर्ष के लिए सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड क्षेत्र कोप्राकृतिक खेती योजना के साथ जोड़ने का बजट प्रस्ताव।
  • एम0एस0पी0 का लाभ प्रदेश के अन्नदाता किसानोंको प्राप्त हो सके इसके लिए बजट प्रस्तावित।
  • निषादराज बोट सब्सिडी योजना के अंतर्गत नाविकों को नावखरीद के लिए 40 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराने का प्राविधान प्रस्तावित।
  • प्रदेश में गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गरीब कल्याण कार्डजारी करने के लिए संपूर्ण परिवार सर्वेक्षण योजना शुरू करने का प्रस्ताव।
  • अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को पूर्ण करनेके लिए आवश्यक धनराशि बजट में प्रस्तावित।
  • असेवित जनपदों-बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात, कौशांबी तथा अमेठीमें मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए बजट का प्राविधान।
  • बुजुर्ग पुजारियों, संतों एवं पुरोहितों के लिए पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव।
  • स्वामी विवेकानंद सशक्तिकरण योजना में स्नातक और परास्नातक विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफ़ोन देने के लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित।
  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में इस वर्ष 600 करोड़ रु0 बजट का प्राविधान।
  • सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत कोचिंग की व्यवस्था प्रस्तावित।
  • बजट में छाता, ननौता, बुढ़वल के विस्तारीकरण तथा आधुनिकीकरण केसाथ ही मोहिउद्दीनपुर मेरठ की चीनी मिल में डिस्टलरी की स्थापना प्रस्तावित।
  • वर्ष 2025 में प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन की तैयारी के लिए बजट प्रस्तावित।
  • संत कबीरदास भोजपुरी एकेडमी, केशवदास बुंदेली एकेडमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी एकेडमी और संत सूरदास ब्रजभाषा एकेडमी की स्थापना के लिए बजट प्रस्ताव
  • वाराणसी में श्रद्धालुओं, यात्रियों और स्थानीय नागरिकांे की सुविधा के लिए‘रोप-वे’ के निर्माण के साथ ही, मेट्रो रेल के निर्माण का बजट प्रस्ताव।
  • नई योजना ‘बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना’ का बजट प्रस्ताव,इसमें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों के लिए सड़कों पर सोलरस्ट्रीटलाइट के लिए फण्ड का प्राविधान बजट में प्रस्तावित।
  • महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र लालापुर चित्रकूट, निषादराज गुह्य सांस्कृतिक केंद्र श्रंग्वेरपुर, संत रविदास संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी तथासंत तुलसीदास की पावन भूमि राजापुर के सौंदर्यीकरण औरविकास के लिए बजट प्रस्ताव।
  • असेवित मण्डलों में राज्य विश्वविद्यालय कीस्थापना का प्रस्ताव भी बजट में किया गया।
  • मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अन्तर्गत 1000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित।
  • ‘एकलव्य क्रीड़ा कोष के लिए बजट प्रस्तावित।
  • एक जनपद एक उत्पाद योजना ने परम्परागत उद्योगों को प्रोत्साहितकरने, स्थानीय स्तर पर रोजगार के सृजन को बढ़ाने और लोगों कोस्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की गयी।
  • मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत युवाओं को स्टार्टअपएवं अपना उद्यम स्थापित करने के लिए 125 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित।
  • विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए112.50 करोड़ रुपये का बजट में प्राविधान प्रस्तावित।
  • प्रदेश की 18 कमिश्नरी में श्रमिकों, कोविड कालखण्ड के दौरान अनाथ हुए बच्चों तथा उन सभी अनाथ बच्चों, जिनका कोई भी विधिक अभिभावक नहीं, के लिए अटल आवासीय विद्यालय वर्तमान में निर्माणाधीन, नए सत्र में उन्हेंसंचालित करने के लिए बजट प्रस्तावित।
  • बुंदेलखंड में जनरल विपिन रावत डिफेंस इण्डस्ट्रियलकॉरिडोर के विकास केे लिए 400 करोड़ रु0 का बजट प्रस्ताव।
  • बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र, लखनऊ को समय से पूरा करने तथा इसके कुशल संचालन के लिए धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित।
  • शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतुअमृत योजना 2.0 के अंतर्गत बजट में धनराशि प्रस्तावित।
  • वीरांगना झलकारी बाई महिला पुलिस बटालियन, गोरखपुर, वीरांगना अवंतीबाई महिला पुलिस बटालियन, बदायूं तथा वीरागंना ऊदा देवी महिला पुलिस बटालियन, लखनऊ के गठन और इनके इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिएधनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित।


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आज विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत किया गया। यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश के समग्र विकास, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएं श्रमिक और समाज के प्रत्येक तबके को ध्यान में रखकर बनाया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में लोक कल्याण संकल्प पत्र की भावनाओं के अनुरूप देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश की जनाकांक्षाओं की पूर्ति कर सके और समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक हो सके, इस दृष्टि से राज्य सरकार का यह बजट पांच वर्षों का एक विजन भी है। यह बजट प्रदेश के सर्व-समावेशी, समग्र विकास के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा।मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना विधान सभा में वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत करने के उपरान्त विधान भवन स्थित तिलक हॉल में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधान सभा के वर्ष 2022 के आम चुनाव से पूर्व एक लोक कल्याण संकल्प पत्र तैयार किया गया था। लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 की कुल 130 घोषणाओं में से 97 संकल्पों को पहले बजट में स्थान दिया गया है। इसमें 44 संकल्प नए हैं। इन संकल्पों की पूर्ति के लिए बजट में 54 हजार 883 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। शेष को समय-समय पर लिया जाएगा।


वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश के आगामी पांच वर्षों के सर्व-समावेशी और समग्र विकास के विजन को ध्यान में रखकर तैयार करके एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह बजट उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की जन आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं और समाज के प्रत्येक तबके के हितों के लिए कार्य करने में सफल होगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वर्ष 2015-16 में यह बजट जब प्रस्तुत हुआ था वह 03 लाख 02 हजार 687 करोड़ रुपये का था। इस बार यह बजट 06 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपये का है। बजट का दायरा दोगुने से ज्यादा हुआ है, जबकि विगत पांच वर्ष में दो वर्ष कोविड प्रबंधन में व्यतीत हुए हैं।


राज्य सरकार ने बजट के दायरे को बढ़ाने के लिए राजस्व भी बढ़ाया है। वर्ष 2017 के पहले देश में जी0एस0टी0 का प्राविधान नहीं था। माह जुलाई, 2017 में ‘वन नेशन-वन टैक्स’ की व्यवस्था लागू हुई। इससे पहले सेल्स टैक्स और वैट की व्यवस्था प्रचलित थी। वर्ष 2016-17 प्रदेश में सेल्स टैक्स और वैट से लगभग 51,800 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी। कोविड के प्रबन्धन में 02 वर्ष का समय लगा। इस अवधि में अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद राज्य सरकार को राजस्व का दायरा बढ़ाकर लगभग 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में सफलता मिली। वर्ष 2016-17 में एक्साइज से 14,273 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। वर्ष 2021-22 में इस मद में 36,231 करोड़ से अधिक प्राप्त हुए। वर्ष 2016-17 में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में प्राप्त 11,564 करोड़ रुपये के राजस्व को वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 20,045 करोड़ 68 लाख रुपये करने में सफलता प्राप्त हुई। इसी प्रकार माइनिंग में वर्ष 2016-17 में प्राप्त 1548 करोड़ रुपये के राजस्व को वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 2,664 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में सफलता मिली। प्रदेश का बढ़ा हुआ राजस्व राज्य के विकास का आधार बना। प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के परिणाम हम सबके सामने आ रहे हैं। राज्य मंे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई। प्रदेश की अर्थव्यवस्था विगत पांच वर्ष के अंदर दोगुनी हुई। भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ने राज्यों के लिए एफ0आर0बी0एम0 की सीमा तय की है। पहले राज्यों के ऋण लेने की सीमा एस0जी0डी0पी0 की 03 फीसदी थी। कोविड कालखंड में उसे बढ़ाकर पहले 04 और फिर 4.5 फीसदी किया गया। बजट के दायरे को बढ़ाने, बेहतर कोविड प्रबंधन करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने, लोक कल्याण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने, प्रदेश के प्रत्येक तबके गांव, गरीब, महिलाओं, किसानों, मज़दूरों, व्यापारियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने और समग्र विकास के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के साथ ही, राज्य सरकार एफ0आर0बी0एम0 निर्धारित 4.5 फीसदी की सीमा को कुशल वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से इस बजट में भी 3.96 प्रतिशत रखने में सफल रही, जो 04 प्रतिशत से भी कम है।


वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुख्य प्राविधानों में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वर्ष में 02 निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना, अन्नदाता किसानों के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना का प्रस्ताव सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को एम0एस0पी0 का लाभ धान एवं अन्य फसलों के लिए उपलब्ध कराया जाता है। भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना से अब आलू, टमाटर, प्याज आदि फसलों को भी एम0एस0पी0 से जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप फर्टिलाइज़र, केमिकल, पेस्टीसाइड के प्रयोग में कमी लाते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश ने अपनी कार्य योजना बनाई थी। इसके अन्तर्गत ट्रेनिंग के कुछ विशेष कार्यक्रम प्रदेश में चलाए गए थे। इस समय प्रदेश के हजारों किसान प्राकृतिक खेती के साथ जुड़े हैं। इन किसानों के लिए टेस्टिंग लैब की स्थापना भी सभी मण्डल स्तर पर की जा रही है। अगले पांच वर्ष के लिए सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड क्षेत्र को प्राकृतिक खेती योजना के साथ जोड़ने का बजट प्रस्ताव है। पूर्व में, गंगा के किनारे के 05-05 किलोमीटर के क्षेत्र में भारत सरकार के साथ मिलकर प्राकृतिक खेती की कार्य योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है।


लोक कल्याण संकल्प पत्र में किसानों को सिंचाई की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिए पी0एम0 कुसुम योजना के अंतर्गत निःशुल्क सोलर पैनल उपलब्ध कराने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी 15 हजार से अधिक सोलर पैनल अन्नदाता किसानों को दिए जाने का प्रस्ताव है। एम0एस0पी0 का लाभ प्रदेश के अन्नदाता किसानों को प्राप्त हो सके इसके लिए बजट का प्राविधान प्रस्तावित है। सिंचाई की अवशेष परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही 1000 करोड़ रुपये की लागत से लघु सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी एक विशेष प्राविधान प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में निषादराज बोट सब्सिडी योजना के अंतर्गत नाविकों को नाव खरीद के लिए 40 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराने का प्राविधान प्रस्तावित है। प्रदेश में गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत एक गरीब कल्याण कार्ड जारी करने के लिए संपूर्ण परिवार सर्वेक्षण योजना शुरू करने का बजट प्रस्ताव है। इससे केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से वंचित परिवारों का पता लगाकर उनके लिए विशेष योजनाएं चलायी जा सकेंगी। प्रदेश के अंदर रोजगार और स्वरोजगार के सृजन के लिए प्रत्येक परिवार का एक व्यक्ति सरकारी नौकरी, रोजगार या स्वरोजगार के साथ जुड़े, इसके सर्वेक्षण का कार्यक्रम भी बजट में प्रस्तावित है।


प्रदेश में एम0बी0बी0एस0 और पी0जी0 की सीटें पिछले पांच वर्षों में दोगुनी हुई हैं। इन सीटों को और बढ़ाने के लिए बजट में प्राविधान प्रस्तावित है। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए भी आवश्यक धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है। प्रदेश के अंदर असेवित जनपदों-बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात, कौशांबी तथा अमेठी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए बजट का प्राविधान प्रस्तावित है। बुजुर्ग पुजारियों, संतों एवं पुरोहितों के उपेक्षित तबकों के लिए पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव बजट में किया गया है। इसके माध्यम से पौरोहित्य कला को आगे बढ़ाने के साथ-साथ उनके समग्र विकास और प्रोत्साहन के लिए व्यवस्था की जाएगी। युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद सशक्तिकरण योजना प्रारम्भ की गयी है। इसके तहत स्नातक और परास्नातक विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफ़ोन दिया जाएगा। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है।प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 51,000 रुपये किसी भी जाति, मत-मजहब से जुड़ी गरीब कन्याओं की शादी के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस मद में पिछले वर्ष 250 करोड़ रुपये प्राविधानित थे, जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 600 करोड़ रुपये किए जाने का बजट प्रस्तावित है। निराश्रित महिला पेंशन की योजना के तहत गत वर्ष 1812 करोड़ रुपये का प्राविधान था, जिसे बढ़ाकर 4032 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव किया गया है। प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को अखिल भारतीय स्तर और प्रदेश स्तर पर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए स्थानीय स्तर पर कोचिंग की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध हो सके, इसके लिए सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत कोचिंग की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष वृद्धावस्था पेंशन के लिए 3600 करोड़ रुपये के प्राविधान को बढ़ाकर इस वर्ष 7000 करोड़ रुपये से अधिक किए जाने का बजट प्रस्तावित है। प्रदेश के चीनी उद्योग ने पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में अग्रणी भूमिका निभायी है। कोरोना महामारी के दौरान भी प्रदेश में चीनी मिलों को बंद नहीं होने दिया गया। प्रदेश सरकार द्वारा विगत वर्षाें में तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की गयी। इसमें रमाला, मुंडेरवा तथा पिपराइच चीनी मिल शामिल है। इसके अलावा, कुछ बन्द चीनी मिलों को भी प्रारंभ किया गया। इस बजट में लगभग छह ऐसी चीनी मिलें, जो जर्जर स्थिति में हैं, उनके विस्तारीकरण, आधुनिकीकरण का प्रस्ताव है। यह चीनी मिलें प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर हैं। इनमें छाता, ननौता, बुढ़वल के विस्तारीकरण तथा आधुनिकीकरण के साथ ही मोहिउद्दीनपुर मेरठ की चीनी मिल में डिस्टलरी की स्थापना प्रस्तावित की गयी है। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुंभ ने देश और दुनिया के सामने प्रदेश की एक नई पहचान बनायी है। यह हमारा सौभाग्य है कि वर्ष 2025 में प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। प्रदेश सरकार अभी से इसकी तैयारी प्रारंभ करने जा रही है। इसके लिए सरकार द्वारा बजट में प्राविधान प्रस्तावित है। प्रयागराज महाकुंभ को पुनः ऐतिहासिक बनाकर देश और दुनिया के एक यूनीक इवेंट के रूप में प्रस्तुत करने की व्यवस्था भी बजट में की गई है।


लोक परंपरा और लोक संस्कृति किसी भीसांस्कृतिक विरासत का आधार होती है। लोक परंपरा, संस्कृति की आत्मा होती है। प्रदेश इस दृष्टि से बहुत समृद्ध है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भोजपुरी बोली जाती है। अवध और इसके आसपास के क्षेत्र में अवधी बोली जाती है। ब्रज क्षेत्र में ब्रजभाषा बोली जाती है। बुंदेलखंड क्षेत्र में बुन्देली बोली जाती है। इन सबकी एकेडमी स्थापित कर वहां पर शोध एवं लोक परंपराओं और लोक भाषाओं के उत्थान हेतु कार्य हो सके, इसके लिए संत कबीरदास भोजपुरी एकेडमी, केशवदास बुंदेली एकेडमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी एकेडमी और संत सूरदास ब्रजभाषा एकेडमी की स्थापना के लिए बजट में प्रस्ताव किया गया है। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम की स्थापना के बाद पर्यटकों केे फुट फॉल में कई गुना वृद्धि हुई है। यहां प्रतिदिन लगभग 01 लाख श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन तथा काशी और उसके आसपास के क्षेत्र में प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप समग्र विकास को देख करके अभिभूत होते हैं।  वाराणसी में श्रद्धालुओं, यात्रियों और स्थानीय नागरिकांे की सुविधा के लिए ‘रोप-वे’ के निर्माण के साथ ही, मेट्रो रेल के निर्माण का बजट प्रस्ताव किया गया है। इसके अतिरिक्त जनपद गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज तथा मेरठ में भी मेट्रो परियोजना के लिए धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय स्व0 कल्याण सिंह जी की स्मृति में राज्य सरकार द्वारा एक नई योजना ‘बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना’ का बजट प्रस्ताव है, जिसमें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों हेतु सड़कों पर सोलरस्ट्रीट लाइट के लिए फण्ड का प्राविधान बजट में किया गया है। प्रदेश में जनपद प्रतापगढ़ अलीगढ़, प्रयागराज तथा महोबा में नए औद्योगिक आस्थानों के विकास तथा अयोध्या में सीपेट केंद्र के भवन निर्माण हेतु बजट प्रस्तावित है। जनपद प्रयागराज में ऊनी धागा उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए भी बजट प्रस्ताव किया गया है। महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र लालापुर चित्रकूट, निषादराज गुह्य सांस्कृतिक केंद्र श्रृंग्वेरपुर, संत रविदास संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी तथा संत तुलसीदास की पावन भूमि राजापुर के सौंदर्यीकरण और विकास के कार्यक्रम के लिए भी बजट प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सबसे प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में शिक्षा भी थी। इसके लिए महाविद्यालय, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा के स्तर पर शिक्षा के आधुनिकीकरण एवं टेक्नोलॉजी के उपयोग तथा महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज़ के लिए भी धनराशि की व्यवस्था इस बजट में प्रस्तावित की गयी है। असेवित मण्डलों में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है।


युवा कल्याण विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में स्टेडियम और मिनी स्टेडियम के निर्माण एवं उनके अनुरक्षण और उपकरण आदि की व्यवस्था के लिए बजट प्रस्ताव किया गया है। उन्होंनेे कहा कि मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अन्तर्गत 1000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है। बेटी और बेटे के बीच में कोई भेदभाव न हो, इसके लिए वर्तमान सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चलायी गयी थी। इस योजना से अब तक 12,68,000 से अधिक बेटियां लाभान्वित हो रही हैं। इस योजना को अच्छे ढंग से आगे बढ़ाने और अधिक से अधिक बेटियां इसका लाभ ले सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए धनराशि का बजट प्रस्ताव है। दिव्यांगजन कल्याण योजना के अंतर्गत दिव्यांगजन को पहले 300 रुपये पेंशन मिलती थी। राज्य सरकार ने पहले इसे बढ़ाकर 500 रुपये किया। फिर इसे बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया। योजना के अन्तर्गत 1,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। खेलकूद और अपने युवाओं को इस दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘एकलव्य क्रीड़ा कोष के नाम से एक कॉर्पस फण्ड की स्थापना की है। इसके लिए भी बजट में व्यवस्था प्रस्तावित है। इसे खेलो इंडिया खेलो के तहत जोड़ते हुए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में भी खेलकूद की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने में हम सफल होंगे। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को अच्छी खेल प्रतिभाओं को देने में भी हम सफल होंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद योजना ने प्रदेश के बारे में लोगों की सोच को बदला गया है। इस योजना ने परम्परागत उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्थानीय स्तर पर रोजगार के सृजन को बढ़ाने और लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की है। इसके लिए बजट में लगभग 263.75 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव किया गया है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को स्वयं का स्टार्टअप एवं अपना उद्यम स्थापित करने के लिए 125 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए 112.50 करोड़ रुपये बजट का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे तथा अन्य सभी एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक गलियारों के विकास के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। प्रदेश के 18 कमिश्नरी में श्रमिकों, कोविड कालखण्ड के दौरान अनाथ हुए बच्चों तथा उन सभी अनाथ बच्चों, जिनका कोई भी विधिक अभिभावक नहीं हैं, के लिए अटल आवासीय विद्यालय वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। नए सत्र में उन्हें संचालित करने के लिए भी बजट में प्रस्ताव किया गया है।


बुंदेलखंड में जनरल विपिन रावत डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास केे लिए 400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बजट में किया गया है। प्रदेश में वर्तमान में चालू परियोजनाएं, महर्षि वाल्मीकि के लालापुर, चित्रकूट क्षेत्र का विकास, वाराणसी में संत रविदास तथा श्रंृग्वेरपुर में निषादराज गुह्य से सम्बन्धित स्थलों के पर्यटन विकास के साथ ही बहराइच में महाराज सुहेलदेव के भव्य स्मारक के निर्माण के लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है। बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना जनपद लखनऊ में की जा रही है। इसे समय से पूरा करने तथा इसके कुशल संचालन के लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल योजना ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लागू हो सके, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र का चयन किया गया है। जापानी इन्सेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस, कालाजार, आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों के अलावा डार्क ज़ोन वाले ब्लॉक, खारे पानी वाले क्षेत्र और उन सभी गांवों में, जहाँ पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है, को इस योजना से जोड़ा गया है। इसके लिए पर्याप्त धनराशि की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु अमृत योजना 2.0 के अंतर्गत बजट में धनराशि प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वीरांगना झलकारी बाई महिला पुलिस बटालियन गोरखपुर, वीरांगना अवंतीबाई महिला पुलिस बटालियन बदायूं तथा वीरागंना ऊदा देवी महिला पुलिस बटालियन लखनऊ के गठन और इनके इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए धनराशि बजट में प्रस्तावित है। प्रदेश के 08 मंडलों अलीगढ़, आजमगढ़, बस्ती, चित्रकूटधाम, देवीपाटन, मिर्जापुर, प्रयागराज तथा सहारनपुर में एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन यूनिट की स्थापना के लिए भी पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रयागराज में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भी धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंे बजट का दायरा बढ़ा। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्यक्रम हुए। निवेश की नई संभावनाओं को नई पॉलिसी के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। यह प्रदेश के कुशल वित्तीय प्रबंधन का एक नमूना है। उन्होंने विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव वित्त और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरा मंत्रिपरिषद इनके सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट आगामी पांच वर्ष मंे उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। राज्य सरकार दिसम्बर, 2022 में अनुपूरक बजट भी लेकर आएगी।