जिलाधिकारी ने शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों व 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो की समीक्षा की। निर्माणाधीन परियोजनाओं के कार्यो की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करें। विकास कार्यो में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता का रखें विशेष ध्यान।

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले 37 बिन्दुओं पर विकास कार्यो एवं 50 लाख रूपये से अधिक की लागत के कार्यो की समीक्षा करते हुये निर्देश दिया कि सभी विभाग अपने कार्यो में आपसी सामंजस्य बनाकर तेजी लाये। उन्होने अधिकारियों से कहा कि किये गये विकास कार्यो में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जीएम शुक्ला, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 आर0सी0 शर्मा, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक डीआरडीए को निर्देशित किया कि अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण करायें। मनरेगा की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जिन ग्राम पंचायतों में मनरेगा की शिकायतें आ रही है सोशल आडिट के माध्यम से उसका निस्तारण कराया जाये। अमृत सरोवर की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मानक के अनुरूप अमृत सरोवर का निर्माण कराया जाये एवं उनका सौन्दर्यीकरण भी किया जाये ताकि वह जन उपयोगी हो सके।

लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि शासन की मंशा के अनुरूप सड़कों को गढ्डामुक्त जल्द से जल्द करायें, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाये। वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत लगाये गये वृक्षों की जियो टैगिंग की समीक्षा के दौरान बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक शत् प्रतिशत जियो टैगिंग न कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देशित किया गया कि अवशेष जियो टैगिंग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर लिया जाये। आंगनबाड़ी केन्द्रों निर्माण की समीक्षा करते हुये उन्होने निर्देशित किया कि कार्यदायी संस्थाओं से सम्पर्क कर विभागीय अधिकारी इनका निर्माण मानक के अनुरूप सुनिश्चित करायें। सामुदायिक शौचालय के निर्माण के सम्बन्ध में एडीपीआरओ द्वारा बताया गया कि 03 स्थलों पर क्रमशः विकास खण्ड पट्टी के दशरथपुर, रामपुर संग्रामगढ़ के सरायजानमती तथा विकास खण्ड गौरा के रहेटुआ परशुरामपुर में जमीन न उपलब्ध होने के कारण सामुदायिक शौचालय नही बन पा रहा है जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जमीन की उपलब्धता से आवश्यक कार्यवाही करें। डीसी मनरेगा/डीसी एनआरएलएम द्वारा बताया गया कि 121 सामुदायिक शौचालय अपूर्ण है जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि डीसी एनआरएलएम और डीपीआरओ संयुक्त रूप से अपूर्ण सामुदायिक शौचालयों को पूर्ण करायें तथा जो भी सामुदायिक शौचालय पूर्ण हो गये है उन्हें समूहों को हैण्डओवर किया जाये। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि जो ग्राम पंचायतें नगर पंचायतों में सम्मिलित हो गयी है वहां पर कोई भी नया कार्य ग्राम पंचायत स्तर पर न कराया जाये जो पुराने कार्य है उसको ही कराया जाये।

ग्राम पंचायतों में बने पंचायत भवनों के निर्माण की स्थिति की जिलाधिकारी ने जानकारी प्राप्त की तथा निर्देशित किया कि पंचायत भवनों में कितने पंचायत सहायक नियुक्त किये गये है, कितने कम्प्यूटर लगाये गये है तथा कितने पंचायत सहायकों का भुगतान हो रहा है उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिला उद्योग एवं खादी ग्रामोद्योग की खराब प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की तथा उपायुक्त उद्योग एवं खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वरोजगार परक योजनाओं में लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाये, लाभार्थीपरक योजनाओं मे हो रहे फर्जीवाड़ा को रोके तथा एक ही परिवार के लोगों को योजनाओं का लाभ न दिया जाये इसका विशेष ध्यान रखें।


निराश्रित गोवंश की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गो आश्रय स्थलों की निरन्तर निगरानी करते रहे, गो संरक्षण केन्द्रों पर चारा, पानी, प्रकाश, पशुओं के स्वास्थ्य तथा उनके ठंड से बचाव आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखे। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गोवंश के पशुपालक को समयानुसार धनराशि भेजी जाये। खाद्य एवं रसद विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि विकास खण्डवार कितने अन्त्योदय कार्ड एवं कितने पात्र गृहस्थी कार्ड निरस्त किये गये है तथा निरस्त किये गये कार्डो के स्थान पर कितने नये कार्ड बनाये गये है उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। विद्युत विभाग की समीक्षा में जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि जर्जर तारों को बदलवा दिया जाये और रोस्टर के अनुसार विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये इसमें लापरवाही न बरते। इसी तरह से मत्स्य सम्पदा योजना, कौशल विकास मिशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, आईजीआरएस, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, कन्या सुमंगला योजना, सिंचाई विभाग, निःशुल्क बोरिंग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, कृषि विभाग सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गयी।


जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में राजकीय पालीटेक्निक पट्टी की प्रगति पर असन्तोष व्यक्त करते हुये सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के विरूद्ध नोटिस निर्गत करने का निर्देश दिया। उन्होने कार्यदायी संस्था को ईवीएम वेयर हाउस का कार्य पूर्ण कर हस्तान्तरित करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार उन्होने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हथिगंवा, पृथ्वीगंज एट औवार, डेरवा, जामताली एवं 50 बेड संयुक्त चिकित्सालय शिवसत के मुख्य भवन को अविलम्ब पूर्ण कर हस्तान्तरित करने का निर्देश दिया। उन्होने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये खेल स्टेडियम, गौशाला निर्माण, इंजीनियरिंग कालेज, नवीन नगर पंचायत भवन, आवासीय एवं अनावसीय भवनो के निर्माण, आई0टी0आई0 कालेज, ट्रांजिस्ट हास्टल, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, आंगनबाड़ी भवन आदि की समीक्षा। अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं के कार्यो की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। उन्होने निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें सम्बन्धित विभाग को हैण्डओवर कर दिया जाये।