पूरा बजट सिर्फ भ्रमजाल है-पं0 शेखर दीक्षित

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देश नए नामकरण या स्लोगन से नहीं चलता, साल भर सड़क पर आंदोलनरत रहे किसानों से प्रधानमंत्री जी का माफी मांगना छलावा मात्र था, पूरा बजट सिर्फ भ्रमजाल है ।

एक साल लगातार हर मौसम की मार झेलने वाला किसान आंदोलन जिसमें लगभग 750 किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, जिसके दर्द को समझने में भाजपा सरकार को पुरे एक साल लगे और उसके बाद पूरे देश से देश के प्रधानमंत्री ने माफ़ी मांगी और किसान बिल को वापस लेते हुए उन्हें आस्वस्त किया की जल्द ही बजट सत्र में MSP की गारंटी का प्रावधान होगा लेकिन जैसा आज सदन में प्रस्तुत बजट था उसमे किसानों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कोई बात नहीं रखी गई।

कृषि को लेकर कोई विशेष योजना ही नहीं है, भाजपा सरकार ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी की जाएगी उस पर भी कोई चर्चा नहीं हुई, महंगाई को नियंत्रण में करने पर कोई बात ही नहीं है, चुनाव के समय भी जनता की झोली में जाता कुछ नजर नहीं आ रहा है।

जब देश के 2 साल का अता-पता ही नहीं है तो पचीस साल का कौन सा विज़न ।

महंगाई की मार झेल रहे देश के लिए अमृत काल चल रहा है ये कह देने से परिस्थितियां नहीं बदल जाएँगी!

रोजगार मुहैया कराने की बात तो कर रहे हैं लेकिन कैसे इसका कोई खाका नहीं है।

आम जनता के लिए फिर से पेट्रोल.डीजल महंगा करने का प्रावधान है जो बेहद दुखद है और किसानों के साथ धोखा है।