आगामी 21 फरवरी से जे0ई0 वैक्सीनेशन की प्रक्रिया होगी शुरू

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या में तेजी से हो रही गिरावट पर संतोष
व्यक्त करते हुए कोविड-19 से बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए।संक्रमण की दर में उल्लेखनीय कमी के बावजूद कोरोना का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ, इसलिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सतर्कता बरती जाए।प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से सम्पन्न हो रहा,टीकाकरण की यह प्रक्रिया आगे भी भारत सरकारकी गाइडलाइन्स और क्रम के अनुरूप संचालित की जाए।मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 द्वारा ई-संजीवनी एप के माध्यम से देश में सर्वाधिक ऑनलाइन कंसल्टेशन प्रदान किये जाने पर संतोष व्यक्त किया।अधिक से अधिक लोगों को ई-संजीवनी एप माध्यम सेऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।प्रदेश में अब तक 05 लाख से अधिक व्यक्तियों ने ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कियासभी चिकित्सा संस्थान अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें।आगामी 21 फरवरी से जे0ई0 वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही।टीकाकरण, बेहतर चिकित्सा व्यवस्था, शुद्ध पेयजल आपूर्ति तथा स्वच्छ भारत मिशन केतहत शौचालय निर्माण से इंसेफलाइटिससे होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आयी।सफलता की इस दर को आगे भी बनाए रखने के लिए जे0ई0वैक्सीनेशन का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के निर्देश ।


लखनऊ –
आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से सम्पन्न हो रहा है। उन्होंने टीकाकरण की इस प्रक्रिया को आगे भी भारत सरकार की गाइडलाइन्स और क्रम के अनुरूप संचालित किये जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या में तेजी से हो रही गिरावट पर संतोष व्यक्त करते हुए कोविड-19 से बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण की दर में उल्लेखनीय कमी के बावजूद कोरोना का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सतर्कता बरतना आवश्यक है।

बैठक में अवगत कराया गया है कि आज कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। हेल्थ वर्कर्स को कोविड वैक्सीन की सेकेण्ड डोज देने का कार्य 15 फरवरी, 2021 से प्रारम्भ किया जाएगा। प्रथम चरण में जिन हेल्थ वर्कर्स ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है, ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीकाकरण हेतु अवसर प्रदान किया जाएगा।


मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश द्वारा ई-संजीवनी एप के माध्यम से देश में सर्वाधिक ऑनलाइन कंसल्टेशन प्रदान किये जाने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों को इसके माध्यम से ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बैठक में यह अवगत कराया गया कि प्रदेश में ई-संजीवनी एप के माध्यम से अब तक 05 लाख से अधिक व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया गया है, जो कि देश में सर्वाधिक है।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि सभी चिकित्सा संस्थान अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। जनरल ओ0पी0डी0, सर्जरी आदि विभिन्न उपचार प्रक्रियाओं को सुचारु ढंग से संचालित किया जाए। रोगियों को चिकित्सा सम्बन्धी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा न हो।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 21 फरवरी से जे0ई0 वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। टीकाकरण के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा व्यवस्था, शुद्ध पेयजल आपूर्ति तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण से वर्तमान में इंसेफलाइटिस से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आयी है। सफलता की इस दर को आगे भी बनाए रखने में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जे0ई0 वैक्सीनेशन का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।