जानें मिट्टी और मिट्टी बर्तन कितने उपयोगी

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जानें मिट्टी और मिट्टी के बर्तन कितने उपयोगी
जानें मिट्टी और मिट्टी के बर्तन कितने उपयोगी

मिट्टी हमारे लिए ईश्वर का वरदान है। क्योंकि हम मिट्टी में ही जन्मे मिट्टी में पले बढ़े मिट्टी में हुआ हमारा विकास और अंत में मिट्टी में ही जाना है, तो फिर मिट्टी प्रयोग से हमें आखिर क्यों घबराना है। हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति भी मिट्टी से ही होती है। मिट्टी गुणों की खान है। मिट्टी में ही हमारे खाद्य पदार्थ भी फलते फूलते हैं जो इतने पोस्टिक होते हैं। तो आप कल्पना कीजिए कि आखिर वह मिट्टी कितने गुणों से परिपूर्ण होगी। अगर हम विस्तार से नजर डालें तो मिट्टी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। जिससे हमें बचना नहीं बल्कि उसके महत्व को समझना चाहिए और अंगीकार भी करना चाहिए।मिट्टी के बर्तन में बने खाने में आयरन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं, जो शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते है जिससे इंसान कम बीमार पड़ता है।एलुमिनियम स्टील के बर्तन में बने खाने में न्यूट्रीशन कम हो जाते हैं। मिट्टी के बर्तन में बने खाने में ऐसा नहीं होता।मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने से पेट संबंधित बीमारियां भी नहीं होती हैं। जानें मिट्टी और मिट्टी बर्तन कितने उपयोगी

निष्पक्ष दस्तक ब्यूरो

मिट्टी के बर्तन मिट्टी का उपयोग करके बनाए जाते हैं। मिट्टी में कई नेचुरल मिनरल्स होते हैं। यदि क्रॉकरी बनाने के लिए इस्तेमाल की गई मिट्टी की सरंचना ठीक है, तो इसमें प्राकृतिक रूप से आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सल्फर और अन्य कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में होंगे। ऐसे में जब आप हांडी या मिट्टी के बर्तन में दही जमाएंगे, तो पोषक तत्वों और स्वाद का कॉम्बिनेशन आपको दही में जरूर नजर आएगा। और फिर आप अगली बार से आप मिट्टी के बर्तन वाला दही ही खाना पसंद करेंगे।

भारत देश में पुराने समय से ही मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाया जाता रहा है। मिट्टी के बर्तनों में बने खाने का सेवन करने से शरीर को तमाम पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर को कई बीमारियों से दूर भी रखता है। दुनियाभर में मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने को लेकर हुए शोध और अध्ययन इस बात की जानकारी देते हैं कि अन्य बर्तनों की तुलना में मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने के तमाम फायदे हैं। हालांकि आज के समय में मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल उतना नहीं किया जाता है लेकिन फिर भी आप तमाम जगहों पर मिट्टी के बर्तन में बने चावल, मिट्टी के बर्तन में उबाले गए दूध या फिर तंदूरी चाय का सेवन कर सकते हैं।

प्राचीन समय में अगर झांक कर देखा जाए तो पहले के लोग मिट्टी के बर्तनों का उपयोग दैनिक दिनचर्या में करते थे। मिट्टी के बर्तनों में बनाया गया खाना स्वादिष्ट तो बनता ही है। साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।आधुनिक समय में रसोई में मिट्टी की जगह स्टील एलुमिनियम के बर्तनों ने अपनी जगह बना ली, लेकिन आज भी लोग मिट्टी के बर्तनों की अहमियत को समझते हैं और इन्हें किसी न किसी रूप में इस्तेमाल जरूर करते हैं। मिट्टी के घड़े का पानी पीने में काफी अच्छा लगता है।

मिट्टी के बर्तनों में भोजन करना मानव के लिए रहता है फायदेमंद। आयुर्वेद तो हमेशा मिट्टी के बर्तनों को उपयोग में लेने को कहता है। मिट्टी के बर्तन में बने खाने में आयरन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। जो शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते है जिससे इंसान कम बीमार पड़ता है। एलुमिनियम स्टील के बर्तन में बने खाने में न्यूट्रीशन कम हो जाते हैं। मिट्टी के बर्तन में बने खाने में ऐसा नहीं होता। मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने से पेट संबंधित बीमारियां भी नहीं होती हैं।

उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी के बने बर्तनों का उपयोग मानव जाति के लिए बहुत लाभदायक है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुपोषण से ग्रस्त किसी भी बच्चे को मिट्टी के बर्तनों में बने खाने और मिट्टी के बर्तन में ही खाने से कुपोषण बहुत मात्रा में कम हो सकता है। धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि जब मैं माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष था तब मैंने मिट्टी पर बहुत ही अध्ययन किया और पाया कि मिट्टी और मिट्टी से बने बर्तन मानव के लिए बहुत लाभकारी है। उन्होंने पुरानी बातों को याद करते हुए बताया कि जब हमारे गांव में हमारी दादी मां मिट्टी के बर्तनों में पक्के दूध दही देती थी उसका स्वाद अलग होता था। वह पौष्टिकता से परिपूर्ण होता था। आज जो बाजार में दूध दही आता है उसका स्वाद बिल्कुल अलग है। मिट्टी के बर्तनों में पके दूध दही एवं अन्य सामग्री का पौष्टिक बना रहता है जबकि आजकल के बने बर्तनों में उसका पौष्टिक तत्व लगभग नष्ट हो जाता है। पहले हमें लोहा तांबा कैलशियम आयरन बर्तन के प्रयोग से मिल जाता था आज हम उसके लिए कैप्सूल लेना होता है। पुराने समय में और आज भी कहीं कहीं गांवों में मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है इन बर्तनों के नाम इस प्रकार है मटका,परात,तवा,सुराही,गुल्लक,ढकणी या ढाकणी,बिलौना,दीपक,कुल्हड़,तावणी,कुंडा,कटोरा,पारी,सिकोरा। इसके अलावा आजकल बहुत से सजावटी आईटम और खिलौने भी मिट्टी से बनाए जाते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि अमृत की कुछ बूंदे भी शरीर की तमाम बीमारियों को एकदम से खत्म कर सकती हैं, घड़े के पानी को अमृत के सामान माना जाता है क्योंकि इससे मिलने वाले फायदे अमृत मिलने के सामान है। खासतौर पर गर्मियों के मौसम में। अगर गर्मी के दिनों में पानी पीने के लिए मिट्टी के घड़े का इस्तेमाल किया जाता है तो आप गर्मी से होने वाली कई सम्स्याओं से बच सकते हैं। पीढ़ियों से भारतीय घरों में पानी स्टोर करने के लिए मिट्टी के बर्तन यानी घड़े का इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो इन्हीं मिट्टी से बने बर्तनो में पानी पीते है। ऐसे लोगों का मानना है कि मिट्टी की भीनी-भीनी खुशबू के कारण घड़े का पानी पीने का आनंद और इसका लाभ अलग है।

अगर ज्यादातर लोगों की बात की जाए तो गर्मी के मौसम में लोग प्यास बुझाने के लिए अब मिट्टी से बने घड़े के पानी को पीना पसंद नहीं करते और इसकी जगह पर फ्रीज के पानी को पीना ही पसंद करते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि मिट्टी के घड़े का पानी आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है। मिट्टी से बने इस घड़े में कई प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं। जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते है और आपको कई रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते है। दरअसल, मिट्टी में कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। मिट्टी के बर्तनों में पानी रखा जाए तो उसमें मिट्टी के गुण आ जाते हैं इसलिए घड़े में रखा पानी हमें हेल्दी बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

गर्मी के मौसम में मिट्टी के घड़े का पानी पीने से किसी तरह की थकान नहीं रहती है। इस पानी का सेवन करने से काफी हद तक सिरदर्द की समस्या से भी निजात मिलता है। मिट्टी के घड़े का पानी आपको तपती गर्मी में भी कूल बनाए रखता है। मिट्टी के बने बर्तन में सूक्ष्म छिद्र होते हैं। ये छिद्र इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता। पानी का ठंडा होना वाष्पीकरण की क्रिया पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा वाष्पीकरण होगा उतना ही ज्यादा पानी भी ठंडा होगा। इन सूक्ष्म छिद्रों द्वारा मटके का पानी बाहर निकलता रहता है। गर्मी के कारण पानी वाष्प बन कर उड़ जाता है। वाष्प बनने के लिए गर्मी यह मटके के पानी से लेता है। इस पूरी प्रक्रिया में मटके का तापमान कम हो जाता है और पानी ठंडा रहता है।

आमतौर पर हमें गर्मियों में ठंडा पानी पीने की तलब होती है और हम फ्रिज से ठंडा पानी ले कर पीते हैं। ठंडा पानी हम पी तो लेते हैं लेकिन बहुत ज्यापदा ठंडा होने के कारण यह गले और शरीर के अंगों को एक दम से ठंडा कर शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। फ्रिज का ठंडा पानी पीने से गला पकडने लगता है। मिट्टी के घड़े के पानी से कब्ज भी नहीं होती है जिस कारण स्किन पर ग्लो बना रहता है।

मिट्टी के घड़े का पानी पीने का एक और लाभ यह भी है कि इसमें मिट्टी में क्षारीय गुण विद्यमान होते है। क्षारीय पानी की अम्लता के साथ प्रभावित होकर, उचित पीएच संतुलन प्रदान करता है। इस पानी को पीने से एसिडिटी पर अंकुश लगाने और पेट के दर्द से राहत प्रदान पाने में मदद मिलती हैं।डॉक्टर गर्भवती महिला को फ्रिज में रखा ठंडा पानी पीने की सलाह नहीं देते हैं। इसके बदले डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि मिट्टी के घड़े में रखे पानी को पीना चाहिए। इनमें रखा पानी ना सिर्फ उनकी हेल्थ के लिए अच्छा होता है बल्कि पानी में मिट्टी का सौंधापन बस जाने के कारण गर्भवती महिला को बहुत अच्छा लगता है।

प्लासस्टिक की बोतलों में पानी स्टोर करने से उसमें प्लारस्टिक से अशुद्धियां इकट्ठी हो जाती है और वह पानी को अशुद्ध कर देता है। साथ ही यह भी पाया गया है कि घड़े में पानी स्टोर करने से शरीर में टेस्‍टोस्टेतरोन का स्तर बढ़ जाता है इसलिए अगर आप प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचना चाहती हैं तो आपको मिट्टी के घड़े में पानी पीना चाहिए। मिट्टी में शुद्धि करने का गुण होता है यह सभी विषैले पदार्थ सोख लेती है और इसके घड़े के पानी में सभी जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व मिलते हैं। गर्मियों में हेल्दी बने रहना है तो मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए।

विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाने में तेल का इस्तेमाल बहुत कम होता है और इसमें भोजन के पकने की प्रक्रिया धीमी होती है। इसलिए मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में प्राकृतिक तेल और नमी की मात्रा बरकरार रहती है। और इसलिए मिट्टी के बर्तनों में बने भोजन का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन जरूर करना चाहिए। जानें मिट्टी और मिट्टी के बर्तन कितने उपयोगी