कोरोना काल में संजीवनी बनी मनरेगा योजना-संयोगिता सिंह चौहान

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लखनऊ। भारत मे 07 सितंबर 2005 को शुरुआत की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कोरोना काल में गाँवो संजीवनी का काम कर रही।कोरोना इंसान को पूरी तरह तोड़ कर दिया है. किसी से अपना छीन लिया. तो किसी की जिंदगी में पर मौत लिख गया. जो बच गए उनके हाथों से कोरोना (Coronavirus) से रोज़गार छीन लिया. ऐसे में महात्मा गांधी नरेगा योजना वरदान साबित हो रही है ।

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माल ब्लॉक ग्राम पंचायत अटारी की नव निर्वाचित प्रधान संयोगिता सिंह चौहान ने प्रधान पद की जिम्मेदारी संभालते है पंचायत सबसे लोगो को रोजगार देने का बीड़ा उठाया और मनरेगा के तहत बड़े बड़े कामों की शुरुवात की जिससे ज्यादा लोगों को काम मिल सके अपने परिवार का भरण पोषण कर सके ।


अटारी प्रधान संयोगिता सिंह चौहान ग्राम पंचायत के विकास की जिम्मेदारी खुद संभाली है मनरेगा योजना के तहत चल रहे कार्यों का जायज स्वयं मौके पर निगरानी करती है ताकि काम की गुणवत्ता बनी रहे और काम भी ज्यादा हो ।