निषाद नहीं बनेंगे भाजपा के खेवनहार-लौटनराम निषाद

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  • निषाद पार्टी-भाजपा संयुक्त रैली मंच मुख्यमंत्री झूठ पर झूठ बोले,सन्त चरित्र के विरुद्ध बयान ।
  • “भाजपा ने निषादों को किया नाराज,अब निषाद नहीं बनेंगे भाजपा के खेवनहार ।
  • योगी को खुली चुनौती:निषाद हित में जारी शासनादेश दिखा दें तो भाजपा का डंडा,झंडा उठा लूंगा ।

लखनऊ। निषाद समाज बड़ी आशा लेकर बड़ी संख्या में 17 दिसम्बर को रमाबाई पार्क में आया था।प्रचारित किया गया था कि गृहमंत्री व मुख्यमंत्री निषाद समाज को आरक्षण रूपी बड़ी सौगात देंगे।लेकिन पूरे कार्यक्रम में आरक्षण शब्द की कोई चर्चा ही नहीं हुई।रैली संयोजक संजय कुमार निषाद द्वारा आरक्षण का प्रस्ताव ही नहीं रखा गया।राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व कांग्रेस पार्टी के नेता चौ.लौटनराम निषाद ने 12.91% निषाद, कश्यप,बिन्द समाज के साथ धोखा किया।उन्होंने कहा कि निषाद समाज भाजपा के वादाखिलाफी का बदला विधानसभा चुनाव में लगा।उत्तर प्रदेश की 209 विधानसभा क्षेत्र में 30 हजार से 1.15 लाख तक मतदाता हैं,के बावजूद भाजपा निषाद समाज के साथ दोयमदर्जे का बर्ताव कर रही है।आगामी विधानसभा चुनाव में निषाद समाज भाजपा का खेवनहार नहीं बनेगा,बल्कि भाजपा की नैया डुबाने का काम करेगा।

निषाद ने कहा योगी आदित्यनाथ जी ने रैली मंच से झूठ पर झूठ बोलकर सन्त चरित्र को बदनाम किये।उनका पहला झूठ यह था कि कल्याण सिंह जी ने अपने मुख्यमंत्रीत्त्व काल में बालू खनन व मत्स्य पालन पट्टा का अधिकार निषाद समाज को दिया था जिसे सपा,बसपा की सरकारों ने छीन लिया।जो सत्यता से परे है।दूसरा झूठ उन्होंने बोला कि भाजपा सरकार बनने पर हमने मत्स्य पालन व बालू खनन पट्टा का अधिकार निषाद समाज को दिए।उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बयान को कोरा झूठ बताते हुए चुनौती दिया है कि यदि योगी जी अपनी सरकार द्वारा निषाद समाज के हित में जारी शासनादेश दिखा देंगे तो हम कांग्रेस छोड़कर भाजपा का डंडा झंडा उठा लेंगे।उन्होंने कहा कि 70 के दशक में हेमवतीनंदन बहुगुणा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बालू मोरम खनन,मत्स्य पालन व नौकाफेरी घाट का पट्टा स्थानीय निषाद जातियों व इनकी मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को देने का शासनादेश जारी किया था।

जिसे कल्याण सिंह की सरकार ने सार्वजनिक नीलामी के अंतर्गत ला दिया।भाजपा श्रीराम-निषादराज की मित्रता की दुहाई देकर निषाद समाज को रामभक्त व राम का मित्र बताती है।योगी जी मुख्यमंत्री बनते ही निषादराज जयंती के सार्वजनिक अवकाश रद्द कर दिए।मछुआ आवास योजना को बंद कर दिए।ई-टेंडरिंग की व्यवस्था कर बालू मोरंग खनन का अधिक्कार पुश्तैनी पेशेवर निषाद जातियों से छीन लिए।भाजपा सरकार में मत्स्य पालन के लिए तालाबों,झीलों,जलाशयों की सार्वजनिक तौर पर खुली बोली द्वारा नीलामी की जा रही है।सांसद रहते योगी जी संसद में निषाद, केवट,मल्लाह को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा उठाते थे।गोरखपुर में 3 जुलाई,2015 को आयोजित निषाद मछुआरा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहे थे कि अब भाजपा निषादों के आरक्षण,अधिकार व सम्मान की लड़ाई लड़ेगी,तो डबल इंजन की सरकार निषाद जातियों को आरक्षण क्यों नहीं दे रही।क्या अमेरिका, चीन,पाकिस्तान में सरकार बनाने पर निषाद सहित अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण देंगी?

उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह ने झूठ बोले कि मोदी जी सरकार ने पिछड़ी जातियों की भलाई के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।संवैधानिक दर्जा के नाम पर उसे सिर्फ सफेद हाथी बनाया गया है,जिसे कोई विशेष अधिकार नहीं दिया गया।कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीय मात्स्यिकीय विकास बोर्ड (एनएफडीबी) का गठन किया,न कि मोदी सरकार ने।निषाद कहा कि भाजपा कृषि बिल की तरह मछुआरा विरोधी मैरीन बिल इसी सत्र में पेश करने वाली है,जिसके पास होने पर समुद्र तटीय मछुआरे समुद्र में मछली नहीं पकड़ पाएंगे।समुद्र में मछली पकड़ने का अधिकार अम्बानी,अडानी व बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को दे दिया जाएगा।एकलव्य का अंगूठा व शम्बूक ऋषि की गर्दन काटने व हैहयवंशी क्षत्रिय(निषाद, अहीर,कुर्मी..) के हन्ता को आदर्श मानने वाली मण्डल विरोधी भाजपा निषादों व पिछडों की हितैषी नहीं हो सकती।