ओडीओपी एवं कानून व्यवस्था की देश ही नहीं दुनियां भी मुरीद-योगी

104

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”]

योगी के सत्ता संभालने के बाद कई क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में बनाया कीर्तिमान। खुद से खुद के लिए बड़ा लक्ष्य रखना और उसे हासिल करने के लिए दिन-रात एक कर देना उनकी आदत।कोरोना प्रबंधन, ओडीओपी एवं कानून व्यवस्था की देश ही नहीं दुनियां भी मुरीद। नम्बर एक से कम होना योगी को पसंद नहीं। मार्च 2017 में सत्ता की संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह अपने सुशासन, अपराध, अपराधियों एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ सबका साथ, सबका विकास नारे को मूर्त रूप दिया, उसका नतीजा सामने है।

राजू यादव

लखनऊ। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से 14 दिसंबर को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। उत्तर प्रदेश के लिए यह कार्यक्रम खास था, क्योंकि इसमें उसे इंटर ओपरेवल क्रिमिनल जस्टिस (आईसीजीएस) के तहत अभियोजन श्रेणी में देश में नंबर एक होने का पुरस्कार मिला। कम सुर्खियों वाली यह एक छोटी सी खबर हो सकती है, पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले और अब तक दूसरे कार्यकाल को समग्रता में रखकर देखेंगे तो खुद में यह उपलब्धि बड़ी हो जाती है। करीब छह साल पहले जिस प्रदेश की पहचान अराजकता एवं भ्रष्टाचार की वजह से थी। जहां से निवेशक अपना बोरिया बिस्तर समेट रहे थे। कुछ तो समेटे चुके थे और कुछ समेटने की तैयारी में थे। प्रदेश का खजाना खाली था। उस माहौल में मार्च 2017 में सत्ता की संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह अपने सुशासन, अपराध, अपराधियों एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ सबका साथ, सबका विकास नारे को मूर्त रूप दिया, उसका नतीजा सामने है।

इंटर ओपरेवल क्रिमिनल जस्टिस (आईसीजीएस) के तहत अभियोजन श्रेणी में देश में नंबर एक होने के पहले भी योगी राज में उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में नंबर एक है। अब तो योगी की विजनरी योजना एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) कोरोना प्रबंधन एवं कानून व्यवस्था की नजीर देश ही नहीं दुनिया में दी जाती है। हाल ही में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह संस्थापक मिलिंडा गेट्स, कुछ महीने पूर्व इंडोनेशिया की राजदूत इना एच. कृष्णमूर्ति, कोरोना काल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग द्वारा की गई तारीफ इसके प्रमाण हैं।

मंच एवं मुलाकातों के दौरान की गई इन तारीफों की पुष्टि योगी के कार्यकाल की उपलब्धियां करती हैं। मसलन उत्तर प्रदेश सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना, गन्ना मूल्य का रिकार्ड भुगतान,आम आदमी बीमा,PM जीवन ज्योति, नि:शुल्क रसोई गैस एवं बिजली कनेक्शन देने, सर्वाधिक चिकित्सक शिक्षण संस्थान खोलने, ई-टेंडरिंग, अटल पेंशन योजना, उद्योगों के लिए भूमि आवंटित करने, कौशल विकास नीति लागू करने, राज्य स्वास्थ्य नीति लागू करने, मानव-वन्य जीव संघर्ष को मानवीय आपदा घोषित करने, जेम पोर्टल के जरिए सर्वाधिक खरीद करने, मंडी अधिनियम में संशोधन, सड़क और हवाई सेवा के विस्तार, राज्य स्वास्थ्य नीति लागू करने आदि में नंबर एक है।

बाकी क्षेत्रों में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में नंबर एक बनने के लिए शिद्दत से प्रयास जारी है। और यह होगा भी, क्योंकि योगी को नंबर एक से नीचे होना पसंद नहीं। खुद से वह बड़ी लकीर खींचते हैं। मुश्किल लक्ष्य रखते हैं और उसके लिए वह खुद और उनकी टीम दिन-रात एक कर देती है। फरवरी में प्रस्तवित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 10 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखना और कार्यक्रम के पहले ही विदेशों की अपने-अपने क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के आने वाले निवेश प्रस्ताव इसके ताजा उदाहरण हैं। दरअसल योगी जो लक्ष्य रखते हैं उसके लिए लगातार अथक परिश्रम करते हैं। तुंरत फैसला लेते हैं। फैसलों की प्रगति जानने को नियमित विभागवार समीक्षा बैठकें करते हैं और फीड बैक जानने के लिए दौरे भी। अपने मंत्रियों और अधिकारियों से भी यही चाहते हैं। इस सबका नतीजा सामने है।

[/Responsivevoice]