स्थानांतरण नीति के साथ सेटिंग-गेटिंग में अफसर

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स्थानांतरण नीति के साथ सेटिंग-गेटिंग में अफसर
स्थानांतरण नीति के साथ सेटिंग-गेटिंग में अफसर

लखनऊ जेल अधीक्षक को मुरादाबाद-मेरठ जेल भेजने की तैयारी ! स्थानांतरण नीति के आते ही अफसर लग गए सेटिंग-गेटिंग में। स्थानांतरण नीति के साथ सेटिंग-गेटिंग में अफसर

आर.के.यादव

लखनऊ। प्रदेश सरकार की ओर से स्थानांतरण नीति के आते ही कारागार विभाग में तबादलों के लिए सेटिंग-गेटिंग का खेल शुरू हो गया है। कई अधिकारी कमाऊ से और अधिक कमाऊ जेल पर जाने की फिराख में लग गए हैं। तो कई अधिकारी अपने को बचाने की कवायद में जुट गए है। चर्चा है कि शासन कई दोषी जेल अधिकारियों को सजा के बजाए तोहफा देने की तैयारी में है। चर्चा है कि जेल अधीक्षक को लखनऊ से हटाकर और अधिक कमाई वाली मुरादाबाद व मेरठ जेल भेजने की कवायद चल रही है।


कार्यकाल पूरा करने वालों को हटाया जाएगा- प्रदेश की जेलों में घटनाओं के बाद दोषी अधिकारियों को कमाऊ जेलों पर तैनाती दिए जाने की संभावना पर जब प्रमुख सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। उधर जेल मुख्यालय के उपमहानिरीक्षक अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि कार्यकाल पूरा हो जाने वाले अधीक्षकों का तबादला होना तो तय है। कौन कहां भेजा जाएगा इसका निर्णय आला अफसर ही लेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग में तबादले शासन की स्थानांतरण नीति के निर्देशों के आधार पर ही किए जाएंगे।


मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी की जिला जेल में करीब साढ़े तीन साल से अधिक समय से तैेनात वरिष्ठï अधीक्षक आशीष तिवारी स्थानांतरण नीति के आते ही कमाऊ जेल की फिराख में जुटे गए है। सूत्र बताते है कि लखनऊ जेल अधिक्षक शासन व जेल मुख्यालय में सेटिंग-गेटिंग करके मुरादाबाद और मेरठ जाने की फिराख में लगे हुए है। बताया गया है कि पिछले दिनों मुरादाबाद जेल अधीक्षक का तबादला बांदा जेल कर दिया गया था। इससे जेल में वर्तमान समय में कोई अधीक्षक तैनात नहीं है। इसी प्रकार मेरठ जेल के अधीक्षक के रिटायर हो जाने के बाद यह जेल भी अधीक्षकविहीन है। लखनऊ जेल अधीक्षक के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में जेल में घटनाओं का अंबार लगा रहा।

जेल प्रशासन के उत्पीडऩ से आजिज आकर चार बंदियों को आत्महत्या करने तक के लिए विवश होना पड़ा। यही नहीं जेल में बंदियों की पिटाई कर वसूली के मामले की एक शिकायत आईजी जेल तक पहुंचने के बाद आरोपी अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस अधिकारियों के खिलाफ जेल मुख्यालय व शासन कार्रवाई करने के बजाए इस अधीक्षक को तोहफा देने की तैयारी में है। विभागीय अधिकारियों में चर्चित अफसरों के तबादलों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि कमाऊ जेलों पर तैनात अधीक्षक एक बार फिर अधिक कमाऊ जेल पर तैनाती कराने की जुगत में लगे हुए हैं। स्थानांतरण नीति के साथ सेटिंग-गेटिंग में अफसर