योगी सरकार की पहल से रीजनल रैपिड ट्रांजिट परियोजना को मिली रफ्तार

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योगी सरकार की पहल से रीजनल रैपिड ट्रांजिट परियोजना को मिली रफ्तार
योगी सरकार की पहल से रीजनल रैपिड ट्रांजिट परियोजना को मिली रफ्तार

रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना को योगी सरकार की पहल से मिलेगी रफ्तार। एनसीआर में दिल्ली, गाजियाबाद व मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को विकसित करने के लिए योगी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को जारी किया अनुदान।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल 1306 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना को दिया जा रहा है मूर्त रूप, 956 करोड़ रुपए की अवशेष धनराशि में से 350 करोड़ रुपए के आवंटन को मिली स्वीकृति। इस राज्यांश के जारी होने से दिल्ली से मेरठ के बीच कॉरीडोर परियोजना को मिलेगी गति, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को योगी सरकार द्वारा जारी की गई स्वीकृत धनराशि। योगी सरकार की पहल से रीजनल रैपिड ट्रांजिट परियोजना को मिली रफ्तार

ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक

लखनऊ। दिल्ली की गाजियाबाद व मेरठ से कनेक्टिविटी को विस्तार देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के विकास को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सार्थक कदम उठाया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल 1306 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली, गाजियाबाद व मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना को विकसित करने के लिए योगी सरकार द्वारा 956 करोड़ रुपए की अवशेष धनराशि में से 350 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन को स्वीकृति मिल गई है। इस राज्यांश के जारी होने से परियोजना के अंतर्गत लंबित कार्यों को अब गति मिल सकेगी। विशेषतौर पर गाजियाबाद व मेरठ में परियोजना के अंतर्गत प्राविधानित कार्यों को अब नए सिरे से रफ्तार मिलेगी। योगी सरकार द्वारा इस संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के प्रबंध निदेशक को धन आवंटन संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार की मंशा प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों की दिल्ली से कनेक्टिविटी सुधारने की रही है और मौजूदा प्रयास को भी इसी संदर्भ में एक सार्थक पहल के तौर पर देखा जा रहा है।

रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (RRTS) के तीन रैपिड-रेल कॉरिडोर में से एक है। इसके विकसित होने होने के बाद लगभग 160 किमी / घंटा की अधिकतम गति के साथ, दिल्ली और मेरठ के बीच की यात्रा 60 मिनट से कम समय में पूरी की जा सकेगी।

उच्च गुणवत्ता का कार्य होगा सुनिश्चित


दिल्ली-मेरठ रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) एक सेमी हाई स्पीड रेल कोरिडोर है। इसका अभी निर्माण चल रहा है। यह कॉरिडोर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा। रैपिड एक्स प्रोजेक्ट के तहत प्लान किया गया यह तीन रैपिड रेल कॉरिडोर्स में से एक है। पूर्ण होने पर यह देश का अपनी तरह का पहला रैपिड ट्रांजिट प्रोजेक्ट होगा। फिलहाल, इस परियोजना के तहत फेज वन स्टेज का कार्य हो रहा है। 82.15 किमी लंबी इस परियोजना की 8 मार्च 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा की गई थी और माना जा रहा है कि वर्ष 2025 तक इसकी शुरूआत हो सकती है। परियोजना को मूर्त रूप देने का दायित्व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को सौंपा गया है। उनके दिशा-निर्देशन में परियोजना के अंतर्गत विकसित की जा रही अवसंरचनाओं की उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाएगा।

योगी सरकार भी करेगी मॉनिटरिंग


यह परियोजना भले ही भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में एनसीआरटीसी द्वारा पू्र्ण की जा रही है, मगर उत्तर प्रदेश सरकार भी परियोजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा करती रहेगी। योगी सरकार द्वारा राज्यांश को जिन नियम व शर्तों के आधीन जारी किया गया है उसमें इस बात को भी उल्लेखित किया गया है। साथ ही, राज्यांश की स्वीकृत धनराशि को एकमुश्त न आहरित कर कार्य की आवश्यकता के अनुसार उपयोग में लाया जाएगा। परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही उल्लेखित कार्यों की शुरुआत की जाएगी। मौजूदा राज्यांश को जिन कार्यों को पूर्ण करने के लिए आवंटित किया गया है उसकी लिमिट 31 मार्च 2024 रखी गई है और कार्यों के पूर्ण होने पर 30 अप्रैल 2024 तक एनसीआरटीसी उपयोगिता प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराएगी। योगी सरकार की पहल से रीजनल रैपिड ट्रांजिट परियोजना को मिली रफ्तार