शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से आहत शिक्षामित्र

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शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से आहत शिक्षामित्र
शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से आहत शिक्षामित्र

शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से प्रदेश के शिक्षामित्र आहत। शिक्षामित्रों को बेमौत मरने के लिए मजबूर कर रही है सरकार। रविवार 13 अगस्त 2023 को प्रदेश के सभी जनपदों में बैठक कर आन्दोलन की रणनीति तय। शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से आहत शिक्षामित्र

अजय सिंह
अजय सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार यादव ने बताया कि विधान परिषद में प्रश्नोत्तर के दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से उत्तर प्रदेश सहित जनपद के सभी शिक्षामित्र आहत हैं। शिक्षामित्रों को शिक्षकों से भिन्न बताना नितान्त गलत है। जबकि शिक्षामित्रों द्वारा दो दशक से अधिक समय से शिक्षकों के समान ही शिक्षण कार्य किया जा रहा है, वही बीच में तीन वर्षों तक सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों द्वारा कार्य किया गया था,जबकि शिक्षामित्र शिक्षक की समस्त योग्यता को रखने के साथ प्राथमिक विद्यालय में 23 बर्ष का शिक्षामित्र, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र पद पर कार्य करने का अनुभव रखते हैं।

सरकार द्वारा भी शिक्षामित्रों को छात्र शिक्षक अनुपात में शामिल करते हुए शिक्षक माना गया है। मानदेय वृद्धि के नाम पर सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का वेतन 40 हजार रुपए से घटाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया है। जिसके कारण इस बढ़ती मंहगाई में शिक्षामित्र द्वारा परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। वह भी अल्प मानदेय समय से सरकार द्वारा न दिए जाने के कारण शिक्षामित्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा मंत्री के शिक्षकों व शिक्षामित्रों में भिन्नता,मानदेय न बढ़ाए जाने व समायोजित न किए जाने के बयान से शिक्षामित्र आहत हैं और बेमौत मरने के लिए मजबूर हैं।

सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के प्रति सरकार की निरंकुशता पूर्ण रवैया के चलते उत्तर प्रदेश में लगभग 10 हजार शिक्षामित्रों की आर्थिक तंगी, अवसाद व आत्महत्या के चलते मौत हो गई है फिर भी सरकार मौन है अभी सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सका है सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्व में हाईपावर कमेटी भी बनाई गई थी। लेकिन अभी तक सरकार द्वारा बनाई गई हाईपावर कमेटी के निर्णय व शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान का अता पता नहीं है। बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षामित्रों को लेकर दिए बयान से पर शिक्षामित्रों ने नाराजगी प्रकट किया है।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला के नेतृत्व में सैकड़ों बार प्रदेश के मंत्री, विधायक ,डिप्टी cm, मुख्यमंत्री ,गृह मंत्री ,से मुलाकात किया गया सब ने केवल 6 सालो से अवसासन दिया पर आज तक 6 सालो में 1 रु नही बढ़ाया शिक्षा मित्र प्रति दिन मौत को गले लगा लिया आज प्रदेश में 9000 हजार से अधिक मौत हो चुकी है ये कैसा अमृत काल चल रहा है जहाँ बेबस लोगो को नजर अंदाज किया जा रहा है अब सितम्बर माह में प्राथमिक शिक्षामित्र संघ लखनऊ कूच करने की रणनीति बनायेगा जहाँ अनिश्चितकालीन धरने की प्रदेश संगठन योजना बना कर घोषणा करेगा बैठक में शिक्षामित्रों की समस्याओं पर चर्चा, संगठन की मजबूती पर विचार विमर्श हुआ।

गोंडा में प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला, बस्ती में रमेश चंद मिश्रा, बलरामपुर में गिरजा शंकर शुक्ला, श्रावस्ती में निर्मला शुक्ला, कुशीनगर में कैलाश जायसवाल, महाराजगंज में राधेश्याम गुप्ता, गोरखपुर में राम नगीना निषाद, बहराइच में शिव श्याम मिश्रा, लखीमपुर में राकेश सिंह, बाराबंकी में विनोद वर्मा, सीतापुर में बी एल गौतम व रामसेवक पाल, शाहजहांपुर में श्याम लाल यादव, हरदोई में संतोष कुमार शुक्ला, बरेली में कौशल कुमार सिंह, मुरादाबाद में पंकज शर्मा, रामपुर में एनके मीना, संभल में गिरीश यादव, सहारनपुर में नरेश कुमार, आगरा में वीरेंद्र छोकर, मथुरा में खेम सिंह चौधरी, हाथरस में राजेंद्र पचेहरा, एटा में मनोज यादव, फर्रुखाबाद में ऋषि पाल सिंह, उन्नाव में सुधाकर तिवारी, कानपुर में श्याम सिंह भदौरिया, रायबरेली में अजय सिंह, फतेहपुर में सुशील तिवारी, प्रयागराज में वसीम अहमद, कौशांबी में रत्नाकर सिंह, , चित्रकूट में इंद्रसेन यादव, झांसी में शुघर सिंह, बांदा में दिनकर अवस्थी, चंदौली में इंद्रजीत यादव, सोनभद्र में दयाराम, बनारस में अजय सिंह, बलिया में पंकज सिंह, गाजीपुर में रामप्रताप, मऊ में जंग शेर बहादुर राणा, जौनपुर में संदीप यादव, अमेठी में संजय कनौजिया, लखनऊ में सुशील कुमार यादव आदि पदाधिकारियों ने नेतृत्व कर बैठक किया और बैठक में शिक्षा मंत्री के बयान की निंदा की और जल्द से जल्द शिक्षामित्रों के हित में बड़ा आंदोलन करने का फैसला लिया।