भाजपाइयों के घरों पर तय हो रही सपा के जीत की रणनीति….!

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भाजपाइयों के घरों पर तय हो रही सपा के जीत की रणनीति…..!

सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में रोचक हुआ मुकाबला।कांग्रेस-बसपा बिगाड़ सकते सपा-भाजपा का गणित।चौकानें वाला भी आ सकता है परिणाम।

राकेश यादव

लखनऊ। मतदान को अब सिर्फ दो दिन शेष बचा है सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में सभी प्रत्याशियो ने प्रचार में अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है। इस सीट पर अब मुकाबला बहुत ही दिलचस्प हो गया है। क्षेत्र में चारो राजनैतिक दलों के प्रत्याशी अपने-अपने गणित से जीत का दम्भ भर रहे है। वही क्षेत्र में त्रिकोणात्मक संघर्ष नज़र आ रहा है। मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच होने की संभावना है। कांग्रेस व बसपा के स्थानीय प्रत्याशी मुख्य मुकाबले का गणित बिगाड़ सकते है। आलम यह है कि क्षेत्र में कट्टर भाजपाइयों के घरों पर बैठकर सपा प्रत्याशी के जीत की रणनीति तय हो रही है। इससे चुनाव और अधिक रोचक हो गया है।

राजधानी की सरोजनीनगर विधानसभा सीट में अन्य सीटों के सापेक्ष एरिया और मतदाताओं की संख्या के हिसाब से एक बड़ी विधानसभा है। करीब साढ़े पांच लाख मतदाताओं  वाली से सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प नज़र आ रहा है। इस सीट पर भाजपा ने ईडी से वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखने वाले राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है। इनके मुकाबले में सपा ने पहले उत्तर क्षेत्र से विधायक रहे पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र को, कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह बबलू व बसपा ने जलीस खान को उतारा है। 

वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखने वाले राजेश्वर सिंह क्षेत्र के लिए नया चेहरा है। इसी प्रकार सपा से मैदान मे उतारे गए अभिषेक मिश्रा पहले राजधानी की उत्तर विधानसभा से चुनाव लड़े थे इस बार उन्हें इस क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया। यह दोनों ही चेहरे क्षेत्र के मतदाताओं के लिए नए चेहरे है। जबकि कांग्रेस व बसपा ने स्थानीय नेताओं का प्रत्याशी बनाया है। नए चेहरों को लेकर क्षेत्र का मतदाता पशोपेश में है। बताया गया है  सपा प्रत्याशी मतदाताओं में मजबूत पकड़ बनाने के लिए कट्टर भाजपाइयों के घरों में बैठकर अपनी जीत की रणनीति तय कर रहे है। इसके तहत अब तक उन्होंने रेलनगर में रहने वाले एक कट्टर भाजपा समर्थक के आवास पर पहली बैठक की। इसके बाद एलडीए सेक्टर एल आई, जे, एच और अम्बिका विहार में एक कट्टर भाजपा समर्थक के बैंक्विट हॉल में बैठकें कर चुनाव में जीत की रणनीति बना रहे है। दिलचस्प बात तो यह भी है कि भाजपा प्रत्याशी का एक कार्यालय तक सपा समर्थक के लॉन पर बना है। इन सभी बैठकों का उनके स्वजातीय लोगों ने ही किया। भाजपा प्रत्याशी के नए चेहरे को चुनाव संगठन के साथ टिकट के मजबूत दावरदारो को समझा बुझाकर लड़ाया जा रहा है। इस प्रत्याशी के साथ रूठे हुए नेताओ और कार्यकर्ताओ के भितरघात की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता है। 

चर्चा है कि दो बाहरी व दो स्थानीय प्रत्याशियों के होने से सरोजनीनगर विधानसभा का चुनाव काफी रोचक हो गया है। सरोजनीनगर विधानसभा का परिणाम क्या होगा यह तो दस मार्च को ही सामने आयेगा, फिलहाल चारो  प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का दावा ठोंक रहे है।