गॉव से एकत्र होने वाले डाटा की बेहद उपयोगिता-कृषि उत्पादन आयुक्त

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पंचायतों में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे कार्य प्रदर्शन को आंकलित कर सुधार योग्य विन्दुओं पर विभागों द्वारा कार्यवाही की जाये- विकास आनंद, संयुक्त सचिव पंचायती राज मंत्रालय


गॉव से एकत्र होने वाले डाटा की बेहद उपयोगिता है – कृषि उत्पादन आयुक्त
पंचायत डेवलपमेंट इंडेक्स पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन।

              

लखनऊ। योजना भवन में पंचायत डेवलपमेंट इंडेक्स पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा किया गया। इस अवसर पर विकास आनंद, संयुक्त सचिव पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में पंचायतों की प्रतिभागिता बढ़ाने के लिए ही सतत् विकास लक्ष्यों की 09 स्थानीय थीम निर्धारित की गयी है एवं इस पूरी प्रक्रिया को मापने के लिए पंचायत डेवलपमेंट इंडेक्स को तैयार किया गया है। देश 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में अपना सर्वाधिक योगदान तभी दे सकता है, जबकि पंचायतों में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे कार्य प्रदर्शन को आंकलित किया जाए तथा सुधार योग्य बिन्दुओं पर विभागों द्वारा तेजी से कार्यवाही की जाए।


मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा बताया गया कि यह एक बहु-आयामी प्रयास है, जो कि वार्षिक प्रगति होगी एवं इसका अनुश्रवण तो बेहतर परिणाम सामने आएँगे। इसके साथ ही जरूरी होगा कि इस डाटा का उपयोग बेहतर कार्ययोजना अथवा कार्यप्रर्दशन के लिए किया जाए। उन्होंने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों एवं सलाहकारों को निर्देशित किया कि 577 इंडीकेटर की 01 ग्राम पंचायत में टेस्टिंग स्वयं करें। गॉव से एकत्र होेने वाले डाटा की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है, इसके लिए ग्राम पंचायत में कार्यरत सहायकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने ग्राम पंचायत के साथ क्षेत्र एवं जिला पंचायतों की कार्ययोजनाओं को बेहतर करने हेतु अपने सुझाव देते हुए निर्देश दिए कि ऐसे कार्य जो कि ग्राम पंचायत सीमित बजट में नही कर सकती है, ऐसी बड़े कार्यों की सूची तैयार कर साझा की जाए।

आपरेशन त्रिनेत्र में सुरक्षा के दृृष्टिगत कैमरे एवं पब्लिक एडेªेस सिस्टम की व्यवस्था किए जाने के साथ विश्वकर्मा संकुल योजना में पारम्परिक कार्यों में लगे लोगों के लिए एक स्थान में बैठने की व्यवस्था एवं उनकी आजीविका पर कार्य करने के निर्देश दिए गए। प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए वेदर स्टेशन एवं फोर कास्ट जैसे महत्वपूर्ण कार्य पर भी ध्यान दिए जाने के निर्देश अपने उद्बोधन में अपर मुख्य सचिव ने देते हुए पंचायतों को आर्थिक सुधार की गतिविधियाों को संचालित किए जाने के निर्देश दिए।


प्रवीणा चौधरी, संयुक्त निदेशक, प्रिट द्वारा पी.डी.आई. पर प्रदेश की प्रगति का प्रस्तुतीकरण करते हुए ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार किए जाने हेतु ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की किए गए बदलाव की जानकारी दी।


राज कुमार निदेशक, पंचायती राज विभाग द्वारा 02 अक्तूबर से 31 मार्च 2024 तक पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने के लिए संचालित जन योजना अभियान के बारे में बताते हुए विभागों का आव्हान किया और कहा कि पंचायतें मजबूत होगी तो ग्रामीण विकास की व्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहां कि विभागीय समन्वयन एवं सहयोग से फील्ड स्तर पर इस प्रकार की वृहद कार्यवाही आवश्यक है।
इस अवसर पर सुनीता जैन, एन.आई.सी. वरिष्ठ तकनीकी निदेशक, पियाली राय चौधरी, केन्द्रीय सलाहकार, विभिन्न लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारीगण, बी.चन्द्रकला, विशेष सचिव-पंचायती राज विभाग के साथ समस्त मंडलीय उपनिदेशक(पं0) एवं जिला पंचायत राज अधिकारीगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा पंचायतों की विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन को 577 इंडीकेटर के माध्यम से मापने की जानी वृहद स्तरीय कवायद अक्तूबर माह से की जानी है।