आर्थिक रूप से सशक्त होंगे यूपी के युवा

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मोदी का विजन बना योगी मिशन
मोदी का विजन बना योगी मिशन

कौशल विकास के साथ ही आर्थिक रूप से भी सशक्त होंगे यूपी के युवा। यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन और एचसीएल के बीच एमओयू की तय हुई रूपरेखा। योगी की मंजूरी के बाद जल्द ही युवाओं के प्रशिक्षण की प्रक्रिया की होगी शुरुआत। एक साल के प्रशिक्षण में 6 माह की इंटर्नशिप, मिलेगा 10 हजार प्रतिमाह स्टाइपेंड। पहले 2 साल के लिए एचसीएल में होगा नियोजन, बाद में पूर्णकालिक हो सकेगी नौकरी।

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के युवाओं के कौशल को निखारने के साथ ही उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने और प्रशिक्षण के दौरान भी उनके आर्थिक सशक्तीकरण की ओर बढ़ रही है। हाल ही में योगी सरकार ने एचसीएल टेक्नोलॉजी के साथ एक एमओयू किया है। इस एमओयू के अंतर्गत एचसीएल न सिर्फ प्रदेश के युवाओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित करेगा, बल्कि उन्हें इंटर्नशिप के दौरान 6 माह तक प्रतिमाह 10 हजार रुपए स्टाइपेंड भी प्रदान करेगा। प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को स्नातक पूर्ण होने के बाद 2 साल के लिए एचसीएल में नियोजित किया जाएगा, जिसकी सफलता के बाद उनकी नौकरी पू्र्णकालिक हो सकेगी। एमओयू के बाद उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन (यूपीएसडीएम) ने एचसीएल के साथ हुए एमओयू की पूरी रूपरेखा और प्रावधानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया है। सीएम की ओर से कुछ निर्देश दिए गए हैं,जिन्हें इसमें शामिल करने के बाद इस कार्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि टेकबी, एचसीएल-ट्रेनिंग एंड स्टाफिंग सर्विसेज का अपना कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत आईटी सेवाओं और एसोसिएट जॉब भूमिकाओं में 12वीं कक्षा के छात्रों को 12 महीने के प्रशिक्षण से गुजरकर एचसीएल के साथ नौकरियों में प्रवेश के लिए अवसर प्रदान किया जाता है। प्रदेश सरकार के साथ एचसीएल टेक्नोलॉजी का यह एमओयू गैर वित्तीय है, जिसकी समयसीमा 2025 तक होगी।

पात्र उम्मीदवारों की होगी तलाश


यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन के डिप्टी डायरेक्टर राजीव यादव के अनुसार प्रस्तुति के दौरान कुछ प्रमुख बिंदुओं पर विचार-विमर्श हुआ है। कुछ निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें एचसीएल के बोर्ड में रखा जाएगा। उनकी सहमित बनने के बाद इसे रूपरेखा में शामिल कर लिया जाएगा और जल्द ही इस कार्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत कर दी जाएगी। प्रदेश सरकार और एचसीएल टेक्नोलॉजी के बीच हुए इस एमओयू का उद्देश्य एचसीएलटीएसएस के टेकबी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को सुविधा प्रदान करना है। साथ ही उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पात्र उम्मीदवारों की पहचान करने के साथ ही बड़ी संख्या में युवाओं को इस कार्यक्रम में शामिल करना है। इसके लिए जिलों में स्कूल प्रिंसिपल कार्यशालाओं और अन्य बैठकों के आयोजन में मदद की जाएगी। इसके माध्यम से योग्य उम्मीदवारों के लिए स्थाई रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। जॉब रोल्स में सॉफ्टवेयर डेवलपर, एनालिस्ट, डिजाइन इंजीनियर, कैड इंजीनियर और डाटा इंजीनियर, सपोर्ट एंड प्रॉसेस एसोसिएट सम्मिलित होंगे।

टेकबी प्रोग्राम में ये होगा खास

आर्थिक रूप से सशक्त होंगे यूपी के युवा

आईटी, जीआईटी और एसटी रोल्स के लिए सभी उम्मीदवारों का 12वीं में गणित या व्यापार गणित विषय अनिवार्य है।

2020-21 और 2021-22 में यूपी बोर्ड और सीबीएसई व आईएससी बोर्ड से 12वीं पास छात्रों के लिए आईटी में प्रवेश के लिए ओवरआल 60 प्रतिशत अंक और गणित या व्यापार गणित में भी 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य होंगे।

वहीं जीआईटी में प्रवेश के लिए सभी बोर्ड के छात्रों का ओवरआल 60 प्रतिशत अंक और गणित या व्यापार गणित में 50 से 59 प्रतिशत के बीच अंक होना अनिवार्य होगा।

इसी तरह, एसडी में प्रवेश के लिए सभी बोर्ड के छात्रों का ओवरआल अंक प्रतिशत 60 प्रतिशत और गणित या व्यापार गणित में 42.5 प्रतिशत से अधिक अंक होना अनिवार्य है।

इंटर्नशिप के दौरान मिलेगा स्टाइपेंड


टेकबी प्रोग्राम में प्रशिक्षण लेने के लिए छात्रों को एक लाख रुपए (साथ में 18 प्रतिशत जीएसटी) की फीस देय होगी। नामांकित छात्रों के लिए पार्टनर बैंकों द्वारा स्किल फीस के लिए लोन स्कीम्स भी मुहैया कराई जाएंगी। छात्रों को ईएमआई तब देनी होगी जब वह एचसीएल के साथ अपनी नौकरी की शुरुआत करेंगे। उम्मीदवारों को अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 2 साल की अवधि के लिए एचसीएल के साथ नियोजित होना आवश्यक होगा। सफल समापन के बाद एचसीएल टेक्नोलॉजी में यह पूर्णकालिक नौकरी में बदल जाएगी। यह प्रोग्राम दो भागों में बंटा होगा। पहला 6 माह क्लासरूम ट्रेनिंग और दूसरा 6 माह इंटर्नशिप। दिलचस्प बात ये है कि इंटर्नशिप में छात्रों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा।

हाइब्रिड ट्रेनिंग प्रोग्राम का भी प्रस्ताव


कॉमन कॉस्ट नॉर्म की बात करें तो उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन (यूपीएसडीएम) अपने ट्रेनिंग पार्टनर्स को एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण के लिए 49 से 50 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से राशि का भुगतान करता है। यदि यूपीएसडीएम के माध्यम से 6 माह के प्रशिक्षण पर खर्च को कैलकुलेट करें तो 800 घंटों के लिए 49 रुपए प्रति घंटे की दर से कुल लागत 39,200 रुपए आती है। वहीं एचसीएल टेकबी प्रोग्राम के अंतर्गत इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवार को 6 माह तक 10 हजार यानी कुल 60 हजार रुपए प्रदान करेगा। इसके अलावा एचसीएल की ओर से उम्मीदवारों को प्लेसमेंट का भी अवसर मिलेगा। यही नहीं, एचसीएल की ओर से 6 माह के ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम जो हाईब्रिड ट्रेनिंग प्रोग्राम (ऑनलाइन और ऑफलाइन) भी हो सकता है का भी प्रस्ताव दिया गया है। आर्थिक रूप से सशक्त होंगे यूपी के युवा