वक्त तय करेगा विकास से विश्वास किसने जीता….!

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विधानसभा का चुनाव महायज्ञ की तरह है। इसमें आप उनके पक्ष में मतदान करें जिनसे आप और प्रदेश समृद्ध और मजबूत बने।आपका मतदान उत्तर प्रदेश की बुनियाद को मजबूती प्रदान करेगा।जनता आज विकास की राजनीति को पसंद करती नज़र आ रही है।उत्तर प्रदेश विकास के ताले की चाबी भी आज जनता के पास है और अगर वह सही तरह से मतदान नहीं करेगी तो विकास की राह फिर से बाधित हो जाएगी। पक्ष हो या विपक्ष आज भी अराजक तत्वों एवं दुर्वीकरण के सहारे सत्ता में काबिज होना चाहता है। वह लोगों को आपस में लडाने की साजिश कर रहा है पर इससे सभी को सतर्क करने की आवश्यकता है। अबकी सरकारों में अपराध और अपराधियों तथा माफियाओं का दबदबा रह रहा है। संबैधानिक अधिकारों के कब्जे पर आम बात है। अराजकता एक बीमारी बन गई है । लोकतंत्र के चुनाव में जनता मतदान करके अपने भविष्य में होने वाली बीमारी का उपचार कर सकती है। आज फिर बीमारी को फैलाने वाले सक्रिय हैं और वोट की चोट से उन्हे प्रदेश की सत्ता से दूर करने की आवश्यकता है या पुनः लाने कि यह निर्णय मतदाता का हो सकता है।आज काशी बदल गई है,नई काशी को देखकर देश दुनिया के लोग चकित हो रहे है। देश की सनातन संस्कृति का उत्थान यहां आने वाले हर व्यक्ति को गौरवान्वित कर रहा है। बाबा विश्वनाथ का भव्य कॉरीडोर तथा स्वर्ण जडित गर्भ गृह आने वाले हर भक्त के मन को संतुष्टि का भाव दे रहा है।परन्तु स्वास्थ्य एवं शिक्षा में उत्थान नहीं हो रहा है जो हमारी भौतिक आवश्कता है। अभी कोरोना काल से सही से उबर नहीं पाए हैं जिसके लिए हमे स्वास्थ्य पर ध्यान देते उचित सुविधाओं लैस हॉस्पिटल की आवशयक्ता है जिसपर सरकार का ज़ोर देते नज़र नहीं आ रही है।

चुनाव के छठे चरण के चुनाव प्रचार तक धर्म का प्रयोग कर तीखा प्रहार किया जाता रहा है। आज एक दुसरे पर अविश्वासी होने का आरोप लगाया जा रहा है कहा है कि इनका काटा पानी भी नहीं मांगता। ऐसी लोगों की भाषा और वादों पर जनता विश्वास करने की गलती नहीं करेगी।2007 से 2012, 2012 से 2017 और 2017 से 2022 के बीच ये गलती करके राज्य की जनता यह देख चुकी है। बसपा न सपा न भाजपा के राज्य में सड़क थी,न बिजली थी और न ही पानी था। अब यही लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।आज की समस्या यह है कि विकल्प ज्यादा नहीं है चुनना इन्ही में से है।जनता किसे चुनती है यह तो वक्त गर्भ में है,जो 10 मार्च को ही सामने आएगा।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते ही खुद पर पछपति होने लगा लेते हैं।सारी दुनिया का विकास लाकर ये डबल इंजन की सरकार आपकी देहरी पर रख रही है। उन्होंने कहा कि ये महज वादा नहीं है बल्कि ये करके दिखाया है। चाहे सड़कें यानी एक्सप्रेस-वे हो, चौबीस घंटे बिजली हो, पानी हो या महीने में दो-दो बार राशन हो,आज क्या नहीं है यूपी में.? मोदी जी शायद यह भूल जाते हैं हमारे देश की व्यस्था ही ऐसी है ही की हमेश डबल इंजन की सरकार चलती रही है वह अलग बात है कि अब भेद-भाव के साथ सरकार चलाई जा रही है। जिसे चलाने वाला खुद ही सीने पर चढ़ कर कहता है कि हमारी डबल इंजन की सरकार है। इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया था।विकास का कोई रंग नहीं होता है बल्कि राष्ट्रवाद की संस्कृति के रंग में रंगा हुआ होता है।

करोड़ों की संख्या में उज्जवला गैस कनेक्शन दिया है, फ्री बिजली कनेक्शन और चौबीसों घंटे बिजली दी है तो वहीं गगनचुंबी चोटी वाला श्री राम जन्मभूमि मंदिर का काम भी जोर-शोर से शुरू करवाया है। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में करोड़ों की संख्या में उज्जवला गैस कनेक्शन तो दिए गए हैं लेकिन आज उसमें कितने सिलेंडर में गैस भरी जा रही है यह खोज का विषय है।प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनवाया हैं, मेट्रो का काम दस शहरों में शुरू कराया है तो वहीं माता विंध्यवासिनी कॉरीडोर पर काम भी शुरू हो चुका है।


आज उत्तर प्रदेश में गगनचुंबी मंदिर का निर्माण तो हो रहा है लेकिन अभी हाल में Covid-19 से स्वास्थ्य के प्रति हुई दुर्गति पर अस्पतालों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। वही जिससे युवाओं का भविष्य गगनचुंबी होगा जिसका माध्यम मेरे विचार से शिक्षा होती है शिक्षा भवन का उच्च स्तर एवं उच्च तकनीकी से शिक्षा कार्य नहीं हो पा रहा है। यही नहीं सरकारी संस्थान में शिक्षा को छोड़कर बाकी सब आज आसानी से उपलब्ध है। जिसमें गरीबों के बच्चे मजबूरी में ही शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। अगर सत्ता 5 साल की मिली है और आपने उसमें देश और प्रदेश को तरक्की की राह पर ले गए और युवाओं को रोजगार दिया तो आज आप फिर फ्री देने की बात क्यों करें? कहीं ना कहीं आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं कि हम प्रदेश को आगे ले जाने में और युवाओं को रोजगार देने में असफल रहे हैं इसलिए आज जनता को फिर लोकतंत्र के महापर्व में फ्री लॉलीपॉप दिए जाने का प्रलोभन दिया जा रहा है। हां ठीक है हम मानते हैं की पूर्व की सरकारों ने काम नहीं किया अगर पिछली सरकारों ने काम किया होता तो उन्हें हम परिवर्तित ही क्यों करते? वह हमारी परीक्षा में सफल नहीं हुए थे इसलिए हमने उन्हें हटा दिया अब आप भी हमारी परीक्षा में सफल नहीं हो रहे हैं तो यह जनता का जनादेश ही बताएगा कि आपको रखना है या हटाना……?