डग्गामार वाहनों पर प्रतिबंध आसान नही

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डग्गामार वाहनों पर प्रतिबंध आसान नही।खुले आम सड़कों पर भर रहे फर्राटा।न फिटनेस, न पूरे कागजात फिर भी दौड़ सड़को पर।

अब्दुल जब्बार एडवोकेट

भेलसर(अयोध्या)रूदौली सर्किल क्षेत्र में आसान नहीं दिखता डग्गामार वाहनों पर प्रतिबंध लग पाना, जहां देखिए वहां डग्गा मार वाहनों का काफिला सवारियो को भरते हुए सड़कों पर नजर आ रहे हैं चाहे वह टेंपो पर लटक रहे यात्री हो।हाइवे से लेकर गांव की सड़को पर यह वाहन फर्राटा भरते हुए देखे जा सकते हैं।यही नहीं वाहन चालक यात्रियों से मन माना पैसा भी वसूल करते हैं लेकिन यह सब जान कर भी अनजान बने हुए हैं संभागीय परिवहन विभाग व ज़िम्मेदार अधिकारी।सर्किल क्षेत्र के अन्तर्गत चाहे वह गांवो के छोटे रास्ते हो या मवई व भेलसर से जुड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग हो,इन सब पर सुबह से देर रात तक सवारिया ढो रहे वाहनों का यदि ओचक निरिक्षण किया जाए तो शायद ही पचास फीसदी वाहन टैक्सी में पास हो शेष निजी प्रयोग में पास वाहन सड़क पर तेजी से फर्राटे भर रहे हैं।

कहीं सत्ता धारी दल का झंडा तो कही प्रेस का बोर्ड लगाए यह वाहन चालक प्रायः पुलिस व प्रशासन से बचने का प्रयास करते हैं।इससे जहां एक ओर प्रतिमाह हजारों रूपयो का चूना परिवहन विभाग को लग रहा है और इसके साथ साथ डग्गा मार वाहनों के चलने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।भूसे की तरह सवारियों को ढो रहे इन वाहनों को न तो पुलिस कुछ कहती हैं और न ही संभागीय अधिकारी इसी तरह यदि ट्रैक्टर ट्राली पर नजर डालें तो पास कृषि कार्य हेतु और ढोया जा रहा है बरातो को।एक अनुमान के हिसाब से साठ से सत्तर फीसदी ट्रैक्टर में एक ही हेड लाइट को जलते हुए देखा जा सकता है।जिसके चलते विपरीत दिशा में आ रहे वाहन के चालक को यह समझने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।क्योंकि वह यह नहीं समझ पाता कि टू विलर है या फोर व्हीलर ऐसी स्थिति में दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।आपको बता दें कि मवई,भेलसर,भेटरिया,उमापुर,रुदौली की सड़को पर भूसे की तरह सवारियों को भरते हुए डग्गा मार वाहनों पर देखा जा सकता है।यही नहीं सड़को पर दौड़ रहे इन डग्गा मार वाहनों के पास पूरे कागजात भी नहीं होंगे।फिर भी पुलिस व संभागीय अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे हैं।