योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा संस्कृत संस्थानम द्वारा सम्मानित

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संस्कृत संस्थानम में आज सम्मान समारोह हुआ जिसमें योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा को संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित किया गया।
संस्कृत संस्थानम में आज सम्मान समारोह हुआ जिसमें योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा को संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित किया गया।

30-दिसंबर को उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्राशासनिक अधिकारी संस्कृतज्ञ विद्वान जगदानंद झा जी का जन्मदिन था इस अवसर सोशल मीडिया फेसबुक के ऑनलाइन संस्कृतशिक्षणम् नामक फेसबुक ग्रुप में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन हुआ ।  इस प्रतियोगिता का आयोजन गुजरात से राष्ट्रीय संस्कृत प्रचारक जगदीश डाभी जी ने किया था । सहयोगी में उत्तराखण्ड से अमित ओली जी, हिमाचल प्रदेश से शिवा शर्मा जी तथा मिडिया पार्टनर के रूप में हिमांचल प्रदेश से दैनिक समाचार हिमसंस्कृतवार्ता थे । उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता की पुरस्कार प्रायोजिका आयकर विभाग लखनऊ से कम्प्यूटर आपरेटर एवं संस्कृत प्रेमी श्वेता गुप्ता जी थे । प्रश्नोत्तरी का निर्माण उत्तराखंड से अमित ओली जी ने किया था। प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 200 लोगों ने भाग लिया था । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजस्थान से गजेन्द्र शर्मा जी ने प्राप्त किया, जबकि द्वितीय स्थान पर पंजाब से शिवम शर्मा जी तथा तृतीय स्थान पर हिमाचल प्रदेश से सपना भारद्वाज जी रहे । योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा संस्कृत संस्थानम द्वारा सम्मानित

        उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्राशासनिक अधिकारी संस्कृतज्ञ विद्वान जगदानंद झा जी  ने इस विषय में बात करते हुए कहा कि ‘युवाओं में शैक्षिक अभिरुचि बढ़ती है संस्कृत प्रतियोगिता से । संस्कृत को सीमित दायरे से निकाल कर सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचने का अभिनव उपक्रम है संस्कृत प्रतियोगिता। हर माह फेसबुक पर आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम भारत तक के छात्र बेसब्री से इंतजार करते हैं।  प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह वरदान है। यह प्रतियोगिता देश के शिक्षाविदों, उद्यमियों तथा छात्रों एक साथ जोड़ती हैं।’

संस्कृत संस्थानम में आज सम्मान समारोह हुआ जिसमें योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा को संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित किया गया।

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय आदर्श योग संस्थान के योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा ने अपनी शिष्या मधु पांडे के माध्यम से सभागार में बैठे सभी लोगों को योग की शिक्षा दी। जिसका नेतृत्व मधु पांडे ने किया। मधु पांडे के साथ आर्य बाजार कैंटोमेंट स्कूल के छात्रों ने भी योग किया। जिस वक्त सभागार में मधु पांडे योग कर रही थी उनकी योग क्रिया को देखते हुए सभागार में बैठे सभी लोग अचंभित थे। योग के बारे में योगाचार्य के.डी.मिश्रा ने अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज की भाग-दौड़ जिंदगी में स्वस्थ मानव जीवन के लिए योग अत्यंत आवश्यक है। मानव काया को निरोग बनाने में योग का अत्यंत महत्व होता है। जैसा कि कहा गया है करें योग रहें निरोग। आजके तनाव भरे वातावरण में हम सभी अपने स्वास्थ के प्रति बहुत अधिक लापरवाह होते जा रहे हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि रोजमर्रा के जीवन की भाग दौड़ में हम कहीं अपने शरीर की संपूर्ण उर्जा को खोकर कांति हीन बन जाए। योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा ने कहा कि योग आज दुनिया में एक अमूल्य उपहार हैं जो हमारे अंतर्मन और शरीर की एकता को बनाए रखता है। स्वस्थ होने की परिभाषा सिर्फ शरीर से नहीं जुड़ी होती बल्कि आपके स्वस्थ होने का मतलब मानसिक रोग तथा तनाव से दूर रहना है। योग हमारे मन में शांति लाता है और पंचतत्वों से बने हमारे शरीर को प्रकृति से जोड़ता है।मानसिक एवं भावात्मक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही वास्तव में स्वस्थ माना जा सकता है। स्वास्थ्य का तात्पर्य किसी बीमारी का न होना बिलकुल नहीं हैं बल्कि यह जीवन की गतिशीलता है जो बताती है कि आप कितने खुश, प्रेम और ऊर्जा से भरे हुए हैं। योग न सिर्फ मानसिक परेशानियों को दूर करता है बल्कि शरीर की तमाम दिक्कतों से भी छुटकारा दिलाता है। योग आपको तनाव और हानिकारक पदार्थों से मुक्त करता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि योग करने से बड़ी से बड़ी बीमारी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। हम संयुक्त रूप से शरीर, मन और आत्मा से बने हैं। शरीर में कोई अनियमितता मन को प्रभावित करती है। मन में निराशा और थकान शरीर में रोग का कारण है। योगासन अंगों को सामान्य स्तिथि में रखते हैं और मांसपेशियों को शक्ति देते हैं। प्राणायाम और ध्यान तनाव को दूर करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधारते हैं।

उत्तर प्रदेश के कानपुर से संस्कृत शिक्षिका डॉ. संध्या ठाकुर जी ने बताया कि संस्कृत-डिजिटल-क्रांति के अग्रदूत, मॉं सरस्वती के वरदपुत्रस्वरूप  कर्मठ उत्कृष्ट संस्कृतसाधक, अत्यन्त सरल सहृदयी संस्कृतसेवक मेधावी परिश्रमी विद्वान व्याकरणाचार्य जिन्होंने अपने कर्म के द्वारा अपने नाम को अन्वर्थ सिद्ध किये हैं तथा संस्कृत जगत् को अपने कृत्यों के द्वारा आनन्दित किये हैं मूलत: पटसा समस्तीपुर बिहार के निवासी जगदानंद झा उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्रशासनिक अधिकारी बनकर संस्कृत के लिए ही समर्पित हैं । लगभग बीस बर्षों से बेब पोर्टल से देशभर के बच्चों एवं संस्कृतानुरागी लोगों को संस्कृत की दिशा दिखा रहे हैं । 2011 में संस्कृतभाषी ब्लाग बनाकर कार्य प्रारंभ किए और आज उस ब्लॉग का लाभ समस्त संस्कृत जगत को मिल रहा है।


              सोशल मीडिया के क्षेत्र में संस्कृत भाषा के विकास के लिए यह एक नयी पहल है जो जगदीश डाभी जी 10 साल से सोशल मीडिया के विविध प्लेटफॉर्म पर विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन करके आनलाइन संस्कृतशिक्षणम् द्वारा देवभाषा संंस्कृत के विकास एवं प्रचार में अपना महत्त्पूर्ण योगदान दे रहे हैं । इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश लखनऊ से प्रायोजिका श्वेता गुप्ता जी द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा साथ में तीनों विजेताओं को संस्कृत रसास्वाद संस्था (उत्तराखंड) अमित ओली की ओर से प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा । 


युवाओं में शैक्षिक अभिरुचि बढ़ती है संस्कृत प्रतियोगिता से – जगदानंद झा

  • उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्राशासनिक अधिकारी का जन्मदिन मनाया गया संस्कृत के संग

● संस्कृत को सीमित दायरे से निकाल कर सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचने का अभिनव उपक्रम है संस्कृत प्रतियोगिता – जगदानंद झा

  • उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्राशासनिक अधिकारी का जन्मदिन मनाया गया संस्कृत के संग

● प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए संस्कृत प्रतियोगिता यह एक वरदान है – जगदानंद झा

  • उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्राशासनिक अधिकारी का जन्मदिन मनाया गया संस्कृत के संग

● संस्कृत प्रतियोगिता देश के शिक्षाविदों, उद्यमियों तथा छात्रों एक साथ जोड़ती हैं – जगदानंद झा

  • उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्राशासनिक अधिकारी का जन्मदिन मनाया गया संस्कृत के संग

● उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्रशासनिक अधिकारी संस्कृतज्ञ विद्वान जगदानंद झा जी के जन्मदिन के अवसर पर हुई संस्कृत प्रतियोगिता